15 दिन में सभी प्रवासी मजदूर घर पहुंचाए जाएं, SC का केंद्र और राज्यों को निर्देश….. मजदूरों के लिए प्लान की भी जानकारी मांगी

Update: 2020-06-05 11:17 GMT

रायपुर 5 जून 2020। प्रवासी मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जो करना चाहते हैं, वह आपको बताएंगे। हम सभी प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए 15 दिन का समय देंगे। सभी राज्यों को रिकॉर्ड पर लाना है कि वे कैसे रोजगार और अन्य प्रकार की राहत प्रदान करेंगे, प्रवासियों का पंजीकरण होना चाहिए।

याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी तक करीब 1 करोड़ मजदूरों को घर पहुंचाया गया है. सड़क मार्ग से 41 लाख और ट्रेन से 57 लाख प्रवासियों को घर पहुंचाया गया है. बेंच के सामने आंकड़ा रखते हुए तुषार मेहता ने कहा कि अधिकतर ट्रेनें यूपी या बिहार के लिए चलाई गई हैं.हम सभी प्रवासियों को परिवहन के लिए 15 दिन का समय देंगे. इसके साथ ही सभी राज्य रिकॉर्ड पर बताएं कि वे कैसे रोजगार और अन्य प्रकार की राहत प्रदान करेंगे.कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि प्रवासियों का पंजीकरण होना चाहिए. प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन, ट्रांसपोर्टेशन और रोजगार जैसे मसलों पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को आदेश सुनाएगा.

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गुरुवार को दायर हलफनामे के आधार पर कहा कि रेलवे ने 3 जून तक 4,228 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें चलाई हैं। उन्‍होंने कहा कि लगभग एक करोड़ लोग अपनी मंजिल तक पहुंचे हैं। उत्‍तर प्रदेश में 1,695 ट्रेनें भेजी गईं। अधिकतर ट्रेनें यूपी और बिहार के लिए थीं। बसों के जरिए 41 लाख, ट्रेन के जरिए 57 लाख मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजा गया। मेहता ने कहा कि ‘मैंने केंद्र की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी देता एक हलफनामा फाइल किया है। यह सिर्फ आपकी आत्‍मा की संतुष्टि के लिए है कि एक वेलफेयर स्‍टेट के रूप में हम जो कर सकते थे, हमने किया है।’

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