प्रशासन की अंधेरगर्दीः मेरिट में पहले नम्बर को छोड़ दसवें नम्बर के रीवा निवासी युवक को बना दिया ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, हाईकोर्ट ने गौरेला कलेक्टर को गलती सुधारने का दिया आदेश

Update: 2021-09-21 01:58 GMT

बिलासपुर, 21 सितंबर 2021। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में गजब हुआ….मेरिट में प्रथम आए युवक को नजरअंदाज करते हुए दसवें नम्बर पर आए युवक को ई डिस्ट्रिक्ट मैनेजर पद पर सलेक्ट कर लिया गया। मध्यप्रदेश के रीवा निवासी युवक का चयन करने के लिए प्रशासन द्वारा पहले से ही तैयारी कर ली गई थी। बाकी जिलों में ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर के पद पर भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन में स्पष्ट कंडिशन था कि आवेदकों को छत्तीसगढ़ का निवासी होना चाहिए। लेकिन, जीपीएम जिले में निकाले गए विज्ञापन में छत्तीसगढ़ के निवासी होने की शर्त हटा दी गई थी।
भर्ती में गड़बड़ी के खिलाफ दायर याचिका पर हाई कोर्ट के जस्टिस पी.एस. कोशी की एकल बेंच ने को गौरेला पेण्ड्रा मरवाही कलेक्टर को निर्देश दिया है। भर्ती में अभ्यर्थी रहे राकेश मिश्रा ने एडवोकेट मिस अनमोल शर्मा और एडवोकेट मिस समीक्षा गुप्ता के माध्यम से याचिका दायर किया था कि जिला प्रशासन ने अयोग्य व्यक्ति की गलत तरीके से नियुक्ति की है।
राकेश ने याचिका में आरोप लगाया कि इस भर्ती में अभिषेक त्रिपाठी की नियुक्ति की गई जो कि न ही छत्तीसगढ़ के निवासी हैं न ही इस पद के मापदंड की अर्हता रखते हैं। बावजूद इसके प्रावीण्यता सूची में दसवे स्थान पर रहे अभिषेक त्रिपाठी को उक्त पद पर चयनित कर लिया गया। जबकि, याचिककर्ता पहले नम्बर पर था। अभिषेक रीवा के निवासी बताए जा रहे हैं।
राकेश मिश्रा द्वारा विभिन्न माध्यमों से तथा स्वयं शिकायत पत्र द्वारा कलेक्टर से लेकर कई अधिकारियों को अवगत करा न्याय की मांग की गई। लेकिन, संयुक्त कलेक्टर ने उल्टे राकेश पर कार्यवाही करने की धमकी दी गयी।
इन सब से परेशान होकर राकेश मिश्रा ने उच्च न्यायालय की शरण ली। जिसके फलस्वरूप उच्च न्यायालय 45 दिन के अंदर विधि अनुसार अपनी गलतियों को सुधारते हुए निर्णय लेने का आदेश दिया।

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