एकेडमी या डंपिंग यार्ड?

Update: 2021-01-23 17:00 GMT

संजय के दीक्षित
तरकश, 24 जनवरी 2021
रायपुर से लगे चंदखुरी पुलिस अकादमी में कभी एसपी लेवल के एकाध अफसर होते थे। कई मर्तबा तो एडिशनल एसपी के हाथ में एकेडमी की कमान रही। लेकिन, इस समय एडीजी जीपी सिंह एकेडमी के डायरेक्टर हैं। डीआईजी संजीव शुक्ला डिप्टी डायरेक्टर और आईपीएस विजय अग्रवाल एसपी। पुलिस ट्रेनिंग इंस्ट्टियूट में इतने सीनियर अफसरों की तैनाती की दो ही वजह हो सकती है। या तो गृह विभाग पुलिस की ट्रेनिंग को और स्ट्रांग करना चाह रहा या फिर एकेडमी को आईपीएस का डंपिंग यार्ड बना रहा है।

अद्भुत रिकार्ड

आपको जानकर ताज्जुब होगा मगर यह सही है कि छत्तीसगढ़़ में एक ऐसे डायरेक्टर हैं, जो राज्य बनने के समय इस पद पर पहली पोस्टिंग पाए और आज भी उनकी कुर्सी कायम है। याने लगातार 20 बरसों से। आयुष विभाग के इस डायरेक्टर का नाम है डाॅ0 जीएस बदेशा। राज्य बनने के दौरान नवंबर 2000 में वे भोपाल से रायपुर आए थे। और क्रीज पर इस तरह जमे कि कोई उन्हें आउट नहीं कर सका। पिछली सरकार में भी उनकी कुर्सी सुरक्षित रही और इस सरकार के दो साल में भी उनका डायरेक्टर का पद बरकरार है। वाकई, अपने आप में यह अद्भुत रिकार्ड होगा। भारत में तो होगा ही। क्योंकि, विभाग प्रमुख के पद पर इतना लंबे समय तक कोई रहता नहीं। अधिक-से-अधिक चार साल, पांच साल। इसके बाद कोई-न-कोई दावेदार खड़ा हो ही जाता है। लंबे समय तक एक ही आदमी के कुर्सी पर जमे रहने का इफेक्ट तो पड़ता ही है। मध्यप्रदेश में आईएएस आयुष डायरेक्टर ने कोरोना के समय इतना काम किया कि हर जगह आयुष विभाग की तारीफ हुई। और छत्तीसगढ़ में…?

प्रमोशन के बाद

लगता है, पुलिस अधीक्षकों की लिस्ट अब प्रमोशन के बाद ही निकल पाएगी। प्रमोशन के लिए पुलिस मुख्यालय से गृह विभाग को फाइल भेजी जा चुकी है। इसमें पी सुंदरराज और रतनलाल डांगी डीआईजी से आईजी प्रमोट होंगे। हालांकि, दोनों फिलहाल बस्तर और बिलासपुर के प्रभारी रेंज आईजी हैं। प्रमोशन के बाद वे पूर्णकालिक आईजी बन जाएंगे। उनके अलावा बस्तर एसपी दीपक झा और बालोद एसपी जीतेंद्र मीणा के साथ कुछ प्रमोटी आईपीएस प्रमोट होकर डीआईजी बन जाएंगे। ये जरूर है कि इस बार पिछले साल की तरह आईपीएस के प्रमोशन में विलंब नहीं होगा। हालांकि, बाकी राज्यों में एक जनवरी को प्रमोशन हो जाता है। छत्तीसगढ़ में भी 2007-08 तक यह परिपाटी रही। इसके बाद इसमें लेट होता चला गया।

आईएएस का भी लोचा

दो दशक बाद यह पहला मौका है, जब आईएएस भी प्रमोशन में पिछड़ गए। वरना, साल खतम होने के दो-चार महीने पहले ही प्रमोशन हो जाता था। इस बार 2005 बैच को सिकरेट्री बनना है। सामान्य प्रशासन विभाग से फाईल मूव भी हो गई है। लेकिन, मामला कहीं पर रुक गया है। वैसे भी 2005 बैच के कुछ आईएएस हिट लिस्ट में हैं। इस बैच में कुल जमा आठ आईएएस हैं। इनमें छह डायरेक्ट हैं और दो प्रमोटी। छह में से ओपी चैधरी ने नौकरी छोड़कर सियासत में उतर आए हैं। मुकेश बंसल और रजत कुमार भारत सरकार में डेपुटेशन पर है। राजेश टोप्पो के खिलाफ जांच चल रही है। संगीता आर इस सरकार के शपथ लेने के बाद से लगातार छुट्टी पर हैं। वे कब लौटेंगी कोई बताने की स्थिति में नहीं है। बचे एस प्रकाश। प्रकाश के संदर्भ में गेहूं के साथ घून वाला मामला है। इसमें दिलचस्प यह है कि इस बैच में टीपी वर्मा और नीलम एक्का प्रमोटी आईएएस हैं। वे डायरेक्ट यानी आरआर आईएएस के फेर में लटक गए हैं। अभी तक होता ऐसा था कि डायरेक्ट के चलते प्रमोटी आईएएस वैतरणी पार कर जाते थे। पहली दफा होगा कि डायरेक्ट के चलते प्रमोटी अफसरों का प्रमोशन लटक गया है।

नो चेंज

सिकरेट्री प्रमोट होने वालों में राजनांदगांव कलेक्टर टीपी वर्मा भी शामिल हैं। संकेत हैं, वे प्रमोशन पाने के बाद भी कलेक्टर बने रहेंगे। वैसे भी राज्य सरकार पर ये निर्भर करता है कि प्रमोशन के बाद अफसर से क्या काम लेना है। आखिर, सीके खेतान, आरपी मंडल और हाल ही में डाॅ0 संजय अलंग सिकरेट्री बनने के बाद भी कलेक्टर बने रहे थे। लिहाजा, टीपी में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।

अहम फैसला

छत्तीसगढ़ में बिना आफिस खोले या जीएसटी नम्बर के ठेका, सप्लाई का काम करने वालों की अब मुसीबतें बढ़ने वाली है। सरकार ने एक मार्च से प्रदेश में जीएसटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। बाहरी सप्लायरों और ठेेकेदारों को अब छत्तीसगढ़ का जीएसटी नम्बर लेना होगा। इससे राज्य का रेवन्यू तो बढ़ेगा ही यहां डिस्ट्रीब्यूटर्स बनाने की अब विवशता हो जाएगी। इससे लोकल लोगों को रोजगार भी मिलेगा। अभी होता ऐसा था कि अफसर दिल्ली, मुंबई और आंध्रप्रदेश के अपने जान-पहचान वाले सप्लायरों को बुलाकर वर्क आर्डर दे देते हैं। मगर अब जीएसटी नम्बर लेने के बाद ही उनका कुछ हो पाएगा।

अमर का राज

रमन सरकार के कई मंत्री घर में बैठने की वजह से ओवरवेट का शिकार होते जा रहे हैं मगर अमर अग्रवाल का फिटनेस देखकर लोग हैरान हैं। अमर ने न केवल 15 किलो वेट कम किया है बल्कि एकदम स्लिम कर लिया है। हालांकि, सूबे में वेट और भी कई लोग कम किए हैं लेकिन, उनके चेहरे पर इसका विपरीत असर साफ दिखता है। लेकिन, अमर अग्रवाल ने पता नहीं कौन सी बुटी खाई है कि वे और निखर गए हैं। अमर से मिलने वाले भाजपाई ही नहीं, कांग्रेसी भी पहला सवाल यही करते हैं, हमको भी इसका राज बताइये।

अंत में दो सवाल आपसे

1. नया रायपुर के 13 करोड़ के बाॅटनिकल गार्डन के घोटोले की जांच क्यों ठंडे बस्ते में डाल दी गई?
2. भाजपा आक्रमक हो रही है या फिर ये बीजेपी प्रभारी पुरंदेश्वरी का इम्पैक्ट है?

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