101 पूर्व IAS-IPS अफसरों ने मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र……कोरोना के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराना निंदनीय, गुमराह करने वाला….जानिये किन-किन लोगों ने लिखा है पत्र

Update: 2020-04-24 13:00 GMT

नयी दिल्ली 24 अप्रैल 2020। देश के 101 पूर्व नौकरशाहों ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपालों को खुला पत्र लिख कर मुस्लिमों को प्रताड़ना से बचाने की अपील की है। पत्र में कहा गया है कि कोरोनावायरस के मामले बढ़ने के बाद तब्लीगी जमात की सोशल डिस्टेंसिंग के कायदों को न मानने के लिए आलोचना की गई थी, जबकि यह इस तरह के राजनीतिक या धार्मिक जुटाव की अकेली घटना नहीं थी।

इन सभी नौकरशाहों ने मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को खुला खत लिखकर मुस्लिमों को प्रताड़ना से बचाने की अपील की है. पत्र में कहा गया है कि कोरोना वायरस के केस बढ़ने के बाद तब्लीगी जमात में इकट्ठा हुए लोगों की आलोचना की गई जबकि इस तरह का धार्मिक जुटाव अकेले इस जगह नहीं हुआ.

खत में कहा है कि तब्लीगी जमात ने दिल्ली सरकार की एडवाइजरी को नजरअंदाज करके कार्यक्रम किया, जो गलत था लेकिन मीडिया के एक हिस्से ने कवरेज में पूरे मुस्लिम समदाय को जिम्मेदार ठहराया जो गैरजिम्मेदाराना है.पत्र में आगे कहा गया कि मुस्लिम दुकानदारों पर जानबूझकर कोरोना फैलाने का आरोप लगाने के साथ कुछ फेक वीडियो क्लिप्स वायरल की गईं, जिसमें उन्हें फल-सब्जियों पर थूकते दिखाया गया. इसके जरिए मौजूदा महामारी से उपजे डर को मुस्लिम समुदाय को अलग-थलग करने के लिए केंद्रित किया गया।

इस पत्र के हस्ताक्षरकर्ताओं में पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर एसवाई कुरैशी, जूलियो रिबेरो, वजहत हबीबुल्ला, शिवशंकर मेनन, के सुजाता राव और अन्य लोग शामिल हैं। पत्र में मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों से अपील की गई है कि वे सामाजिक पदाधिकारियों को जागरुक रह कर किसी भी समुदाय के सामाजिक बहिष्कार को रोकने के लिए कहें। ताकि जरूरतमंदों को चिकित्सा से लेकर अस्पताल तक की अहम सेवाएं मुहैया हो पाएं।

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