Mahadev APP: एनपीजी न्यूज डेस्क
ऑनलाइन सट्टा एप के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए इससे जुड़े लोगों के कब्जे से 417 करोड़ रुपये कैश व जेवरात जब्त किया है। ईडी की तरफ से जारी सूचना में बताया गया है कि ईडी ने महादेव एप से जुड़े संदिग्धों के कोलकाता, भोपाल, मुंबई आदि शहरों में तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान बड़ी मात्रा में सबूत हासिल किए हैं और 417 करोड़ रुपये की अपराध आय को फ्रीज/जब्त किया गया है।
बता दें कि महादेव ऑनलाइन सट्टा एप के तार छत्तीसगढ़ से जुड़े हुए हैं। देशभर में फैले इस ऑनलाइन एप का फंडफोड़ छत्तीसगढ़ में हुआ। राज्य पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया था। विदेशी नेटवर्क और ट्रेरर फंडिंग का मामला सामने आने के बाद ईडी ने इस केस को अपने हाथ में ले लिया। ईडी इस मामले में छत्तीसगढ़ के चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें पुलिस एक एएसआई भी शामिल है।
छत्तीसगढ़ में नई धार के साथ ‘महादेव ऐप‘ बन रहा है सियासी हथियार
छत्तीसगढ़ की सियासत में घपले-घोटालों के साथ सट्टा के बाजार का महादेव ऐप भी नई धार के साथ सियासी हथियार बन रहा है। राज्य सरकार जहां केंद्र पर राजनीतिक लाभ के आरोप लगा रही है तो भाजपा ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दरअसल, महादेव एक बेटिंग ऐप है, जिसकी शुरुआत कोरोना काल में छत्तीसगढ़ से हुई थी। धीरे-धीरे यह देश के दूसरे राज्यों में पहुंच गया।
यह ऐसा ऐप है, जिसमें संचालक पहले भाग लेने वाले को थोड़ी-थोड़ी राशि जिताता है और जब वह बड़ी रकम लगाता है तो उसकी हार तय होती है। इसकी वजह है कि पूरा कमांड संचालक के पास होता है। ऐप का संचालक सौरभ चंद्राकर है, जो दुबई पहुंच चुका है। मामला प्रवर्तन निदेशालय के पास है और उसने कई लोगों की गिरफ्तारी भी की है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि ईडी की कार्रवाई सिर्फ छत्तीसगढ़ तक सीमित है क्योंकि उसके पीछे राजनीतिक मकसद है। महादेव ऐप देश के बहुत से राज्यों में फैला हुआ है। इस ऑनलाइन सट्टा को खिलाने वाले जरुर छत्तीसगढ़ से हैं, मगर उनका कोई ऑफिस यहां नहीं है। भाजपा शासित कोई भी राज्य बताएं, जिसने महादेव ऐप के खिलाफ कार्रवाई की हो। इसका हेड ऑफिस दूसरे प्रदेशों में है।
उन्होंने बताया है कि 20 मार्च 2022 को पहली एफआईआर दुर्ग में दर्ज हुई थी। इसके बाद लगातार कार्रवाई हुई। राज्य पुलिस अब तक 72 मामले दर्ज कर चुकी है। इस मामले में 449 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। यह गिरफ्तारियां अलग-अलग स्थानों से हुई। 151 लैपटॉप, 885 मोबाइल जब्त किए गए हैं। इसके अलावा 41 लाख की नकदी, डेढ़ करोड़ की सामग्री और 16 करोड़ की राशि के एक हजार बैंक खाते सीज किए गए हैं। भूपेश बघेल का आरोप है कि यह षड्यंत्र दिल्ली से चल रहा है। उनकी नजर गिद्ध की तरह यहां के खदानों पर है, लेकिन राज्य की जनता इनके बहकावे में नहीं आने वाली।
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि ईडी की कारवाई के बाद जितने बदहवास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिख रहे हैं, उससे साफ समझ में आ रहा है कि इन तमाम घोटालों का पॉलिटिकल मास्टर कौन है।इतने बदहवास मुख्यमंत्री भूपेश तब भी नहीं दिखे थे, जब उनकी नजदीकी उप सचिव जेल गई थीं। यह बदहवासी से लगता है कि ’चोर की दाढ़ी में तिनका।’ जिस तरह से आरोपियों, अपराधियों, संदिग्धों के पक्ष में बाकायदा कांग्रेस के प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यालयों का उपयोग किया गया, वह आश्चर्यजनक है।अग्रवाल ने राज्य सरकार और पुलिस पर सवाल उठाए हैं और पूछा है कि महादेव ऐप के संदिग्धों को बचाने की कोशिश कांग्रेस क्यों कर रही है? महादेव ऐप, मुख्यमंत्री और दुर्ग-भिलाई से क्या संबंध है?, महादेव ऐप पर कार्रवाई से मुख्यमंत्री बौखला क्यों रहे हैं?, कांग्रेस जहां-जहां है, वहां सट्टा क्यों है? गली-गली, गावं-गांव में पुलिस के संरक्षण और सरकार की देखरेख में सट्टेबाजी क्यों हो रही है? गृहमंत्री सिर्फ चुनिंदा सट्टेबाजों की सूची पुलिस को क्यों दे रहे हैं?
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दुर्ग। दुर्ग पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सट्टे के चार बड़े आरोपियों को पकड़ा है। आरोपी कार में बैठकर ऑनलाइन सट्टा खिला रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों में नीरज नेपाली, सोहन मेश्राम, आनंद यादव, आयन अली और राजवीर सिंह शामिल है। नीरज नेपाली सट्टा किंग दीपक नेपाली का छोटा भाई है। सभी वैशाली नगर निवासी है। पुलिस दीपक की भी तलाश कर रही है। माना जा रहा है कि दुर्ग पुलिस जल्द ही दीपक को भी गिरफ्तार कर सकती है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 2 कार, 6 मोबाइल, लैपटॉप, पासबुक, एटीएम, क्रेडिट कार्ड और करोड़ों के लेखा-जोखा का हिसाब जब्त किया है। पकड़े गए सभी के तार दुबई में बैठे फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
दरअसल, 9 जुलाई रविवार की रात दुर्ग पुलिस को सूचना मिली कि ब्रेजा और महेंद्रा कार में बैठकर कुछ लोग ऑनलाइन सट्टा खिला रहे है। इस सूचना को गभीरता से लेते हुए एसपी शलभ सिन्हा ने क्राइम डीएसपी राजीव शर्मा और सायबर सेल इंस्पेक्टर संतोष मिश्रा को आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए। सायबर और क्राइम की टीम ने घेराबंदी कर भिलाई कैम्प-1 के 18 नंबर रोड से सभी को पकड़ा गया। आगे पढ़ने के लिए यहां क्लीक करें
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रायपुर। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक पुलिस कर्मी भी शामिल ही। मामला महादेव सट्टा एप और मनी लांड्रिंग से जुड़ा बताया जा रहा है। ईडी ने चारों आरोपियों को रायपुर में विशेष कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने सभी आरोपियों को 6 दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। बता दें कि दो दिन पहले ईडी ने रायपुर और भिलाई में छापा मार कार्यवाही की थी। इस मामले में ईडी ने वकील, पुलिस, ट्रांसपोर्टर, सीए व जमीन कारोबारियों को शिकंजे में लिया गया है। बताया जा रहा है कि ईडी ने जिस एएसआई को गिरफ्तार किया है उसका नाम चंद्रभूषण वर्मा है। वर्मा रायपुर में डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (डीसीआरबी) में पदस्थ था। कुछ दिन पहले ही उसे बीजापुर भेजा गया था। ईडी ने जिन 4 लोगों को रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश किया है उनमें ASI चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, अनिल दमानी और सुनील दमानी शामिल हैं। आगे पढ़ने के लिए यहां क्लीक करें
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रायपुर। महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों की ईडी की रिमांड 7 दिन के लिए बढ़ गई है। रायपुर की विशेष कोर्ट ने ईडी को चारों आरोपियों को 5 सितंबर तक पूछताछ के लिए रिमांड में रखने की अनुमति दी है। इन आरोपियों को अब 5 सितंबर को कोर्ट में पेश किया जाएगा। बता दें कि महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले में ईडी ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें पुलिस एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, सट्टेबाजी का आरोपी सतीश चंद्राकर और हवाला कारोबारी बंधु अनिल व सुनील दम्मानी शामिल हैं। ईडी ने चारों को पिछले सप्ताह गिरफ्तार कर विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में किया पेश किया था। ईडी ने पूछताछ के लिए चारों आरोपियों को रिमांड पर सौंपने का निवेदन कोर्ट से किया था। तब कोर्ट ने 6 दिन की रिमांड मंजूर की थी। इस रिमांड की समय सीमा आज समाप्त होने पर ईडी ने फिर से चारों को कोर्ट में पेश किया और फिर से रिमांड मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। आगे पढ़ने के लिए यहां क्लीक करें