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CG Yuktiyuktakaran: युक्तियुक्तकरण विवाद पर बड़ा फैसला, 70 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई, पढ़िए हाई कोर्ट ने क्या कहा?

युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ियों को लेकर 70 से अधिक शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की है। सभी याचिकाओं पर जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। जस्टिस अग्रवाल ने कुछ इस तरह की राहत शिक्षकों को दी है।

CG High Court News:
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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

बिलासपुर। युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिकाओं पर जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में एकसाथ सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी जिला स्तरीय समिति के समक्ष याचिकाकर्ता शिक्षकों को अभ्यावेदन पेश करने व अभ्यावेदन का निराकरण करने का निर्देश प्रदेशभर के कलेक्टर्स को दिया है। कोर्ट ने बिलासपुर संभाग के शिक्षकों को कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी जिला स्तरीय समिति के समक्ष 13 जून तक अभ्यावेदन देने कहा है। शिक्षकों के अभ्यावेदन के निराकरण के लिए जिला स्तरीय समिति को 16 जून तक का समय दिया है। कोर्ट के आदेश से साफ है कि अभ्यावेदन पर समिति को 16 तक निर्णय देना होगा।

कोर्ट ने उन शिक्षकों को यह सुविधा दी है जिन्होंने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान काउंसलिंग के बाद नई जगह पर ज्वाइनिंग नहीं दी है। ऐसे शिक्षक कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति के समक्ष अपना अभ्यावेदन पेश करेंगे। कोर्ट ने अलग-अलग संभाग के शिक्षकों के लिए अलग-अलग तिथि तय कर दी है। रायपुर,बस्तर,सरगुजा व दुर्ग संभाग के शिक्षकों को जिला स्तरीय समिति के समक्ष 13 जून तक अभ्यावेदन पेश करेंगे। समिति इस पर 17 जून तक अपना फैसला सुनाएगी।

कोर्ट के सामने गड़बड़ियां हो रही उजागर-

याचिकाकर्ता शिक्षकों के द्वारा युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में बरती गई गड़बड़ियों को लेकर तथ्यपरक जानकारी दी जा रही है। एक याचिकाकर्ता ने अपने आपको वरिष्ठ बताते हुए कहा कि सीनियर होने के बाद भी जूनियर को बचाने के लिए उसे अतिशेष की सूची में डाल दिया गया है। अतिशेष बताते हुए काउंसलिंग में बुलाया और नई स्कूल में पदस्थापना आदेश जारी कर दिया है।

45 किलोमीटर दूर कर दिया स्थानांतरण-

याचिकाकर्ता ने बताया कि वर्ष 2018 से विद्यालय में कार्यरत हैं। अंग्रेज़ी के साथ-साथ भूगोल विषय भी पढ़ाया। विद्यालय में भूगोल विषय का कोई अन्य शिक्षक उपलब्ध नहीं था। इसके बावजूद उन्हें अतिशेष बताते हुए 45 किलोमीटर दूर स्थित विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया। अंग्रेजी की शिक्षका होने के बाद उसे अतिशेष की सूची में डाल दी गई और नई शिक्षिका को अंग्रेजी पढ़ाने के लिए पदस्थ कर दिया गया है।

शिक्षिका के अधिवक्ता अनादि शर्मा ने कोर्ट को ये बताया-

शिक्षिका सरोज सिंह अधिवक्ता अनदि शर्मा के माध्यम से याचिकाकर्ता दायर कर काउंसलिंग के बाद दूसरे स्कूल में किए गए पदस्थापना आदेश को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनादि शर्मा ने कोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए बताया कि याचिकाकर्ता शिक्षिका वर्ष 2018 से वर्तमान विद्यालय में पदस्थ है। अंग्रेजी तथा भूगोल विषय का अध्यापन कार्य कर रही है। विद्यालय में भूगोल विषय का अध्यापक नहीं होने के चलते भूगोल की पढ़ाई शिक्षिका करवा रही हैं। शिक्षिका का ट्रांसफर 45 किलोमीटर दूर एक स्कूल में कर दिया गया। बेंच को बताया गया कि हाल ही में उच्च न्यायालय के आदेश से बहाल की गई एक अन्य व्याख्याता अनुपमा सारवगी को उसी विद्यालय में अंग्रेजी पढ़ाने हेतु पदस्थ किया गया है।अधिवक्ता अनदि शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता वरिष्ठता में सीनियर है। उनके स्थानांतरण से शिक्षिका के पारिवारिक दायित्व तो प्रभावित होंगे ही साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।

कल भी होगी याचिकाओं की सुनवाई-

युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ी को लेकर हाई कोर्ट में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने याचिका दायर की है। गुरुवार को 300 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई होगी।



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