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CG Land Scam: देखिए बजरमुंडा मुआवजा घोटाले की NPG.NEWS की आधा दर्जन से अधिक लगातार खबरों पर एसडीएम हुए सस्पेंड...

CG Land Scam: रायगढ़ के बजरमुंडा कोल ब्लॉक के मुआवजा घोटाले को सबसे पहले NPG.NEWS ने एक्सपोज किया। उसके बाद रायगढ़ कलेक्टर ने एफआईआर करने का आदेश दिया। उधर, राज्य सरकार ने फटाफट कार्रवाई करते हुए घड़घोड़ा एसडीएम अशोक कुमार मार्बल को सस्पेंड कर दिया। नीचे देखिए एनपीजी की खबरों का स्क्रीन शॉट...

CG Land Scam: देखिए बजरमुंडा मुआवजा घोटाले की NPG.NEWS की आधा दर्जन से अधिक लगातार खबरों पर एसडीएम हुए सस्पेंड...
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By Gopal Rao



CG Land Scam: रायपुर। मुआवजा कांड में NPG.NEWS की लगातार खबरों पर एक और एसडीएम को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया। एनपीजी न्यूज मई के फर्स्ट वीक से लगातार बजरमुंडा मुआवजा कांड की खबरें प्रकाशित कर इस घोटाले का पर्दाफाश किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार हरकत में आई। इस मामले में घड़घोड़ा के तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार मार्बल समेत राजस्व विभाग के सात कर्मचारियों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। उधर, राज्य सरकार तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार मार्बल को मुआवजा कांड में कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया।

बता दें, छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली जेनरेशन कंपनी के पावर प्लांट की स्थापना के लिए रायगढ़ के बजरमुंडा में कोल ब्लाक का आबंटन हुआ था। इसके भूअर्जन की प्रक्रिया में राजस्व विभाग ने फर्जी मुआवजे का पराकाष्ठा कर दिया। मुआवजे की राशि बढ़ाने के लिए झोपड़ियों को कागजों में मार्बल लगे हवेलियों में बदल डाला। एक नहीं ऐसे कई चमत्कार मार्बल की सरपस्ती में राजस्व अफसरों ने किया है। भ्रष्टाचार की बानगी देखिए, भूअर्जन के दौरान तालाब के मेढ़ को खेत बताते हुए धान की फसल उगा दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार कागज में खेत बनाकर लाखों रुपये वारा-न्यारा कर दिया।

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पावर प्लांट के लिए कोल ब्लाक का आवंटन करने निजी भूमि के अधिग्रहण और भूअर्जन में राजस्व अफसरों ने 4 अरब 78 करोड़ 68 लाख 87 हजार 786 का अवार्ड पारित किया है। भूमि अधिग्रहण और भूअर्जन में गड़बड़ी की शिकायत के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने जांच बैठाई। एक नहीं 13 अलग-अलग टीमों का गठन किया। सभी टीम को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई। एक से दो गांव की जिम्मेदारी सौंपकर भूविस्थापित एक-एक किसानों और एक-एक इंच जमीन की पड़ताल करने का काम दिया गया। जांच टीम में आरआई, पटवारी, कोटवार, बीट गार्ड व पावर प्लांट निर्माता कंपनी का एक कर्मचारी था। ग्राम बजरमुड़ा में 06 दिसंबर 2023 से 08 दिसंबर 2023 एवं 08 फरवरी 2024 से 09 फरवरी 2024 तक राज्य स्तरीय जांच समिति व दल द्वारा मौका जांच किया गया,इसमें भारी गड़बड़ी सामने आई है। बता दें कि घोटाले के आरोप में घरघोड़ा के तत्कालीन एसडीएम सहित आधा दर्जन अफसरों पर एफआईआर का निर्देश कलेक्टर ने दिया है।

जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा वितरण में राजस्व अफसरों ने जमकर खेला किया है। बंजर जमीन को दो फसली बताने के अलावा तालाब के मेढ़ को खेत वह भी दो फसली बताकर राज्य शासन के खजाने को जमकर नुकसान पहुंचाने का काम किया है। जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी भी है। एक जमीन का चार अलग-अलग तरीके से मुआवजा प्रकरण राजस्व अफसरों ने बनाया है। पहले दो मंजिला मकान के नाम पर मुआवजा लिया, फिर उसी जगह को दो फसली सिंचाई सुविधा वाला बता दिया। तीसरी बार मुआवजा लेने उसी जगह पर ईमारती लकड़ी व फलदार पेड़ होना बता कर लाखों रुपये हड़प लिए।

छग स्टेट पावर जनरेशन कंपनी को केंद्र ने जारी किया कोल ब्लाक-

रायगढ़ जिले के तहसील तमनार के ग्राम मिलूपारा, करवाही, खम्हरिया, ढोलनारा एवं बजरमुड़ा ग्राम में स्थित गारे पेलमा सेक्टर ॥ में केंद्र सरकार द्वारा 14 मई 2015 मेसर्स छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमि., घरघोड़ा (छ.ग.) को कोल ब्लाक का आवंटन किया था। भारत सरकार द्वारा आबंटित कोल ब्लॉक का खनिज पट्टा छ.ग. शासन के खनिज संसाधन विभाग द्वारा 08.दिसंबर 2016 को मेसर्स छ.ग. स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेडको 30 वर्ष की अवधि (23.02.2017 से 22.02.2047 तक) के लिए प्रदान किया गया है। खनिज पट्टा का कुल क्षेत्रफल रकबा 449.166 हेक्टेयर(लीज क्षेत्र के अन्तर्गत 386.431 हे. एवं लीज क्षेत्र के बाहर 62.735 हे.) है।

401.342 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण, भूअर्जन में किया फर्जीवाड़ा-

7 फरवरी 2018 को राज्य शासन द्वारा जारी संशोधित खनिज पट्टा जिसमें निजी भूमि का कुल रकबा 401.342 हेक्टेयर (लीज क्षेत्र के अन्तर्गत 362.719 हेक्टेयर एवं लीज क्षेत्र के बाहर 38.623 हेक्टेयर में कोयला खनन एवं संबंधित कार्य के लिए मेसर्स छ.ग. स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड, रायपुर के आवेदन पर कंपनी के पक्ष में छ.ग.भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 (4) के तहत सतही अधिकार प्रदान किया गया। प्रभावित भूमिस्वामियों को क्षतिपूर्ति की राशि के आंकलन के लिए राज्य शासन ने एसडीएम घरघोड़ा को निर्देशित किया। एसडीएम घरघोड़ा व्दारा प्रकरण पंजीबद्ध कर ग्राम बजरमुड़ा क्षेत्र के निजी भूमि पर अधिकार प्रदान करने तथा क्षतिपूर्ति आंकलन करने के संबंध में 13.जुलाई 2020 को आम ईश्तहार प्रकाशित कराया तथा 17.जुलाई 2020 को ईश्तहार प्रकाशित कर प्रभावित भूमिस्वामियों से दावा आपत्ति आमंत्रित मंगाया। आपत्तियों के निराकरण के बाद 22.जनवरी 2021 को 4,78,68,87,786 रुपये का अवार्ड पारित किया।

यहां से हुई जांच की शुरुआत

मेसर्स छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड, घरघोड़ा (छ.ग.) ने एसडीएम द्वारा पारित अवार्ड को कलेक्टर कोर्ट में चुनौती दी। आपत्ति की सुनवाई के बाद कलेक्टर कोर्ट ने 32 माह के स्थान पर 6 माह का ब्याज लगाने का अवार्ड पारित किया। कोर्ट के आदेश पर पावर जनरेशन कंपनी ने 4,15,69,51, 153 रुपये जमा करा दी। भूअर्जन और मुआवजा वितरण में अनियमितता का आरोप लगाते हुए दुर्गेश शर्मा ने कलेक्टर के अलावा सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत पर जांच दल का गठन किया गया।

मार्बल ने तालाब के मेढ़ को दो फसली खेत बता दिया,कागज में धान की फसल भी उगा दी-

खसरा नंबर 38 रकबा 0.097 हेक्टेयर का मौका निरीक्षण के दौरान तालाब का पार होना पाया गया, जो कि पड़त है। जबकि मुआवजा पत्रक में उक्त भूमि को सिंचित की दर से मुआवजा राशि 8,81,763 रुपये का भुगतान किया गया।

खसरा नंबर 39 रकबा 0.040 हे. का मौका निरीक्षण के दौरान मौके पर बरगद 2, पीपल 1 वृक्ष पाये गये एवं छिन्द 15 वृक्ष नही पाये गये। जबकि मुआवजा पत्रक अनुसार छिन्द के 15 वृक्ष, प्रति नग 230 रू. की दर से मुआवजा राशि 7,107 रुपये का भुगतान किया गया। मौके पर 1 पक्का कुँआ पाया गया। मुआवजा पत्रक के अनुसार मौका तालाब पार है, जो कि पड़त है, को सिंचित की दर से मुआवजा राशि 3,63,614 रुपये का भुगतान किया गया है। खसरा नंबर 52/2 रकबा 0.089 हे. का मौका निरीक्षण के दौरान इमली 1 वृक्ष पाया गया एवं महुआ, बरगद वृक्ष नही पाया गया, किन्तु मुआवजा पत्रक अनुसार इमली 5 वृक्ष, प्रति नग 2000 रू. की दर से मुआवजा राशि 20,600 रुपये महुआ 1 वृक्ष, प्रति नग 6000 रू. की दर से मुआवजा राशि 12,360 रुपये बरगद 1 वृक्ष, प्रति नग 9249 रू. की दर से मुआवजा राशि 19,053 रुपये का भुगतान किया गया है। भूमि की किस्म असिंचित है।

फार्म हाउस के नाम पर फर्जीवाड़ा-

मौके पर दो मंजिला पक्का मकान व 1 पक्का मकान टीन शेड पाया गया, जबकि मुआवजा पत्रक अनुसार पक्का मकान दो मंजिला एवं तीन मंजिला, फॉर्म हाऊस पक्का टीन शेड, टीना शेड पक्का दर्शितकर कुल मुआवजा राशि 9,78,25,381/- का भुगतान किया गया। मौके पर पक्का कुँआ नहीं पाया गया, किन्तु मुआवजा पत्रक अनुसार पक्का कुँआ दर्शितकर राशि 1,75,100/ का भुगतान किया गया हैं। उक्त खसरा नंबर का रकबा 0.326 परिवर्तित भूमि का 74,08,627/का मुआवजा राशि का भुगतान किया गया।

पहले फसल और फिर पेड़ के नाम से बना दिया मुआवजा प्रकरण-

खसरा नंबर 205 रकबा 1.380 हे. का मौका निरीक्षण के दौरान मौके पर एक पक्का मकान सीमेन्ट छत एवं एक मकान टीन शेड पाया गया, किन्तु मुआवजा पत्रक अनुसार पक्का कॉलम कॉम्प्लेक्स मॉल, टीना शेड, पक्का मकान, दुकान पक्का टीना शेड, पानी टंकी, सीढ़ी रूम दर्शितकर कुल मुआवजा राशि 2,68,43,356/-का भुगतान किया गया। उक्त खसरे के पूरे रकबे को मुख्य मार्ग में स्थित होने से मुआवजा राशि 1,44,27,210 का भुगतान किया गया। इस प्रकार एक ही भूमि में फसल एवं वृक्षों का मुआवजा तैयार किया गया।

कागजों में उगाए आम में 66 पेड़, मौके पर एक भी नहीं मिले-

खसरा नंबर 13 रकबा 0.632 हे. का मौका निरीक्षण के दौरान नीम 6, महुआ 4, आम पौधा 34, सागौन 59 वृक्ष पाये गये एवं मौके पर आम के 66 वृक्ष नही पाये गये। जबकि मुआवजा पत्रक के अनुसार आम 66 वृक्ष, प्रति नग 6000 रू. की दर से मुआवजा राशि 8,15,760 रू., सागौन 60 वृक्ष गोलाई (60-90 से.मी.) प्रति नग 9296/- की दर से मुआवजा राशि 11,48,986/- का भुगतान किया गया है। किन्तु स्थल जॉच पत्रक अनुसार सागौन के 59 वृक्ष पाई गई है, जिसकी गोलाई 31 से.मी. से नीचे पाई गई है। मौके पर एक नलकूप पाया गया किन्तु मुआवजा पत्रक अनुसार 2 नलकूप की दर से 85,000 रू. की दर से मुआवजा राशि 3,50,200 रुपये का भुगतान किया गया है।

कागजों में बिछा दी हरियाली-

भूमि अधिग्रहण और भूअर्जन में राजस्व अधिकारियों और मुलाजिमों ने सरकारी खजाने को लुटने के लिए जो कुछ करते बना वह सब-कुछ कर डाले हैं। कागजों में जिस हरियाली का जिक्र भूअर्जन के लिए अफसरों ने कारनामा किया है,जांच टीम को मौके पर दिखा ही नहीं। कागज में साजा,महुआ और कलमी जैसे कीमती पेड़ उगाकर अफसरों ने करोड़ों रुपये का वारा-न्यारा कर दिया है। चार अरब 78 करोड़ के मुआवजा घोटाले में राजस्व अधिकारियों ने फर्जी पेड़ उगाने से लेकर सब-कुछ कागजों में बना दिया है।

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Gopal Rao

गोपाल राव: रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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