युवक कांग्रेस के जिला सचिव द्वारा RSS प्रमुख पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर जशपुर में विवाद गहराया… भारी तादाद में समर्थकों के साथ थाने पहुंचे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव..कहा – किसी भी कीमत पर नहीं बर्दाश्त की जाएगी ऐसी हरकतें…

Update: 2020-06-21 16:12 GMT

जशपुर 21 जून 2020। आमतौर पर शांत रहने वाली जशपुर की फिजा सोशल मीडिया पर हुए एक पोस्ट के बाद सुलगने लगी है और यदि प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो मामला आने वाले दिनों में संवेदनशील भी हो सकता है और इसका संकेत आज कुनकुरी में जुटी हुई भारी भीड़ से दिखाई देने लगा है । मामले की शुरुआत युवक कांग्रेस के जिला सचिव रवि यादव द्वारा डाले गए एक पोस्ट से हुई जिसमें उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इसके विरोध का ऐलान किया और आज शाम 5 बजे कुनकुरी थाना पहुंचने की बात कही । जिसके बाद निर्धारित समय पर अपने समर्थकों के विशाल जुलूस के साथ प्रताप सिंह जूदेव कुनकुरी थाना पहुंचे और उनके साथ लोकसभा सांसद गोमती साय और जशपुर जिला पंचायत अध्यक्ष रायमुनि भगत भी थी । प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने थाना प्रभारी विशाल कुजूर से कहा कि ऐसे मामलों में आपको स्वत: कार्रवाई करनी चाहिए आपने कार्रवाई नहीं की इसलिए आज हमें यहां आना पड़ा आप ऐसे विवादित पोस्ट डालने वाले के विरुद्ध 24 घंटे के अंदर कार्रवाई कीजिये अन्यथा हम आगे कदम उठाने पर मजबूर हो जाएंगे । थाना प्रभारी ने इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही है ।
इस मामले को लेकर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव का कहना है कि

समाज को तोड़ना ,धर्मांतरण करवाना एवं उस पर राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी नीति है।अभी वो सत्तासीन हैं। प्रशासनिक दबाव चरम पर है उनके कार्यकर्ता सरेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं।हमारे धार्मिक स्थल तोड़े जा रहे हैं। वनवासियों का खुलेआम धर्मांतरण करवाया जा रहा है।किसी भी घटना का FIR तक नहीं होने दिया जा रहा है चाहे वो कुनकुरी के होलीक्रास अस्पताल में कोरोना महामारी का विवाद हो या अस्पताल में बच्चा चोरी का मामला हो आजतक पुलिस ने कोई मामला तक दर्ज नहीं किया है। सोशल मीडिया पर कॉंग्रेस के कार्यकर्ता सरेआम प्रख्यात सामाजिक, धार्मिक एवम राजनीतिक नेताओं को धमकियां एवं गालियां दी रहे हैं, जिसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता। अब अगर संदर्भित मामलों पर FIR नहीं होता तो हमारे पास आंदोलन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा।अब आंदोलन ही आखिरी उपाय है जिसका जिम्मेवार प्रशासन होगा।जबकि नियमानुसार ऐसे समाज विरोधी सोशल मीडिया के पोस्ट पर स्वतः पोस्ट के आधार पर FIR करने का प्रावधान है।कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सामाजिक एवं धार्मिक मुद्दों पर अश्लील टिप्पणी उनके मानसिक दिवालियापन का परिचायक है।जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना होगा। हम इसे कतई बर्दास्त नहीं कर सकते।

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