वाह राजधानी पुलिस…गरीबों के लिए लाॅकडाउन और अमीरों के लिए जन्मदिन पार्टी, दावा था…अबकी लाॅकडाउन में परिंदा पर नहीं मारेगा और इधर गोली चल रही

Update: 2020-09-28 01:38 GMT

NPG.NEWS
रायपुर, 28 सितंबर 2020। वाकई रायपुर पुलिस के लिए यह घटना शर्मनाक है। लाॅकडाउन में वीआईपी रोड के क्लब में बर्थडे पार्टी हो रही और पुलिस को पता नहीं। उसी पुलिस को, जिसने लाॅकडाउन के पहले बड़े-बड़े दावे किए थे…इस बार सबसे कड़ा लाॅकडाउन होगा…40 बेरिकेट्स बनाए जा रहे हैं…परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। उसी रायपुर में पार्टियां हो रही। सरेआम शराब परोसी जा रही। और शराब पीकर राजधानी के बिगड़ैल रईस उपद्रव कर रहे हैं…गोली चला रहे हैं।
गोली जहां चली है, ऐसा भी नहीं कि वो राजधानी का आउटर या कोई रिमोट इलाका हो और वहां चुपके से जन्मदिन का आयोजन किया गया हो। वह क्लब वीआईपी तिराहा के पास है। बगल में बेबीलोन होटल है। वीवीआईपी मौलश्री विहार भी उससे एकदम लगा हुआ है। ऐसे इलाके में रात में गोली चल गई और पुलिस को कोई खबर नहीं।
ऐसे में, सवाल तो उठते हैं…लाॅकडाउन में जहां गरीबों को रोजी-रोटी के लिए निकलने पर पुलिस ने तगड़ी पाबंदी लगा रखी है, वहां रायपुर से लेकर भिलाई तक के रसूखदार पार्टी करने पहुंच गए। कहां गए पुलिस के वे 40 बेरिकेट्स? कहां गए पुलिस के वे पेट्रोलिंग दस्ता…जो रातभर गश्त करते हैं। जिनके भरोसे राजधानी के वीवीआईपी से लेकर आम आदमी निश्चिंतता से रात में सोता है कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए है ही। उसी शहर में गोली चल जाती है। शराब के नशे में लोग शौर्य का प्रदर्शन कर डालते हैं। वो भी जब अब तक का सबसे कड़ा लाॅकडाउन लगा हो। ये दावा तो आखिर पुलिस ने ही तो किया था। यहां तो भिलाई से पिस्तौल लेकर रायपुर पार्टी मनाने आदमी आ गया और भिलाई से लेकर रायपुर तक कहीं चेक नहीं हुआ। लाॅकडाउन तो आखिर भिलाई में भी लगा है। भिलाई से लेकर रायपुर तक क्या पुलिस का कोई प्वाइंट नहीं है। ये सवाल लोगों के दिमाग में कौंध रहे हैं।
रायपुर पुलिस की नाक के नीचे लाॅकडाउन में कई ऐसे ढाबे लाॅकडाउन में चल रहे, जिसमें महंगी ब्रांड की शराब के साथ सब कुछ मिल रहा है। छेड़ीखेरी के पास एक बस्ती के भीतर एक ढाबा तो एक दिन भी बंद नहीं हुआ। उसके लिए आपको मोबाइल पर बुकिंग करनी पड़ेगी। आपको अपनी गाड़ी का नम्बर उसे बताना पड़ेगा। नम्बर देखकर ही गार्ड गेट खोलेगा, वरना आप को इंट्री नहीं मिलेगी। आपने अगर इधर-उधर किए तो उसके लिए गुंडों का भी इंतजाम है। अंदर जाओ तो जेब में पईसा भी चाहिए, बाकी आप चिंता मत कीजिए…सब मिलेगा। रायपुर शहर के नवाबजादों का वहां रोज रात में जमावड़ा लगता है। कहते हैं, किसी टीआई का उस ढाबे को संरक्षण है।
रायपुर पुलिस, खुफिया पुलिस को अपनी साख बचाने कुछ करना चाहिए। राजधानी की सुरक्षा का उन पर बड़ा दायित्व है। पुलिस के सीनियर अफसरों को भी देखना चाहिए…चूक कहां पर हो रही। पुलिस क्या कर रही…थानेदार क्या कर रहे हैं…।

 

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