कोरबा में मुख्यमंत्री की मंशा पूरी होगी या बनेगा BJP का महापौर!…..कांग्रेस ने क्लीन स्विप के लिए पूरी ताकत झोंकी…. भाजपा आखिरी किला फतह कर लाज बचाने की तैयारी में…. पढ़िये कौन-कौन हैं दावेदार

Update: 2020-01-09 07:45 GMT

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कोरबा 9 दिसंबर 2020। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नगरीय निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद पूरे आत्मविश्वास के साथ यह कह चुके है कि प्रदेश की सभी दस नगर निगमो में कांग्रेस का महापौर होगा, लेकिन पेच सूबे के दसवें नगर निगम कोरबा में आकर फंस गया है। यहां बीजेपी और कॉंग्रेस दोनों ही निगम की सत्ता का जादुई आंकड़ा पाने की रस्सा-कस्सी में जुटे हुए है।

निगम के 67 वार्डो में भाजपा के 31,कांग्रेस के 26, जोगी कांग्रेस के 2, सीपीएम के 2, बीएसपी 1 व निर्दलीय 5 पार्षद चुनकर आये है। कांग्रेस ने 3 निर्दलीय पार्षद औऱ सीपीएम के 2 पार्षदों का समर्थन हासिल कर भाजपा के 31 के आंकड़े की बराबरी कर ली।इसके बाद कांग्रेस व भाजपा एक कदम भी आगे नही बड़ सकी।

दोनों ही पार्टी बहुमत के आंकड़े 34 को पाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रखी हैं, किन्तु इन्हें अब तक सफलता नही मिली सकी है । सारा खेल उन पांच पार्षदों पर टिका हैं जो जोगी कांग्रेस, बीएसपी व निर्दलीय पार्षद हैं।इसमे से चार पार्षद ऐसे हैं जिनका स्प्ष्ट कहना हैं कि कांग्रेस से महापौर उम्मीदवार धरम निर्मले को बनाया जाये,तभी वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे, मतलब साफ है कि यदि यदि कांग्रेस ने महापौर का दूसरा उम्मीदवार उतारा तो वे भाजपा के साथ चले जायेंगे। इस बात से कांग्रेस के नेता भी पूरी तरह से अवगत हैं, जहां तक क्रास वोटिंग की बात है तो भाजपा इससे ज्यादा डरी हुई हैं।

सूत्रों की माने तो बीजेपी को डर है कि यदि कॉंग्रेस आलाकमान महापौर के लिए धरम निर्मले का नाम फाइनल करती है, तो इस नाम के साथ न केवल निर्दलीय और जोगी कांग्रेस के पार्षद चले जायेंगे, बल्कि कुछ बीजेपी के भी पार्षद क्रॉस वोटिंग कर सकते है। वही दूसरी तरफ कॉंग्रेस में महापौर के 5 उमीदवार है जिनमे मंत्री जयसिंह अग्रवाल के करीबी माने जाने वाले सुरेंद्र प्रताप जायसवाल सहित राजकिशोर प्रसाद, श्यामसुंदर सोनी और संतोष राठौर का नाम शामिल है, जबकि धरम निर्मल को विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और सी एम भूपेश बघेल का नजदीकी बताया जाता है।

क्योंकि निगम चुनाव में टिकटो की रस्सा-कस्सी में सिर्फ धरम निर्मले कि टिकट के लिए मुख्यमंत्री को सामने आकर हामी भरनी पड़ी थी,जबकि बाकि के टिकटों का वितरण मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अनुशंसा ने की थी। यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम इसी कारण 9 जनवरी को कोरबा पहुँच रहे है ।राजस्वमंत्री जयसिंह अग्रवाल के ऊपर भी अहम जिम्मेदारी हैं, वे अपनी रणनीति में कितने सफल होते है यह तो वक्त ही बताएगा। वही दूसरी तरफ भाजपा में महापौर के लिए ऋतू चौरसिया, नरेन्द्र देवांगन व भानुमति जायसवाल के नाम पर संगठन मंथन कर रहा है।

कुल मिलाकर दोनों ही पार्टियां कोरबा में लोकल और छत्तीसगढ़िया कार्ड पर महापौर के नाम की घोषणा कर सकती है। ऐसे में BJP के जानकारों की माने तो BJP को अपने पार्षदो के क्रॉस वोटिंग से ज्यादा कांग्रेस के धरम निर्मल का नाम फाइनल होने से खतरा नज़र आ रहा है। मिलनसार और साफ छबि के धरम निर्मल का नाम सामने आने से न केवल निर्दलीय बल्कि जोगी कांग्रेस और BSP के साथ ही सी.पी.एम. का खुला समर्थन कांग्रेस के साथ होगा। यही वजह है कि भाजपा बहुमत के करीब होकर भी अपना महापौर बनाने से दूर हो जाएगी।

वही धरम निर्मले के नाम पर कॉंग्रेस के एक-आध बड़े नेताओं के बीच रार नज़र आ रही है। ऐसे में ये देखना दिचस्प होगा कि कांग्रेस अपनी अंतर्कलह में महापौर के कुर्सी को गवा देती है या फिर मुख्यमंत्री के सोच के अनुरूप 10वे नगर निगम में भी कांग्रेस का कब्ज़ा होता है,ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। फिलहाल पूरे प्रदेश की नज़र इस वक़्त कोरबा नगर निगम पर टिकी हुई है।

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