NIOS के विरोध के नाम पर क्या बेरोजगार कर रहे है पॉलिटिक्स !… नई शिक्षक भर्ती बना अखाड़ा…. हर दिन एक मुद्दे को लेकर खड़ा किया जा रहा बखेड़ा…..

Update: 2020-02-08 07:04 GMT

रायपुर 8 फरवरी 2020 । राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग जहां 15000 शिक्षकों की नियमित भर्ती प्रक्रिया में जुटा हुआ है । वही बेरोजगारों का एक दल प्रदर्शन की आड़ में राजनीति करने में लगा हुआ है ।

यह बात अब प्रमाणित होने लगी है क्योंकि जिस प्रकार सुविधा की राजनीति डीएड/बीएड प्रशिक्षित संघ द्वारा किया जा रहा है उससे स्पष्ट है कि संघ द्वारा उन्हीं मुद्दों को चुना जा रहा है जिससे उन्हें सीधा लाभ है। और जिससे राजनीति को गरमाई जा सकती है हालांकि अब इसका व्यापक और खुला विरोध संघ के भीतर ही उन्हीं के साथी करने लगे हैं लेकिन संघ के पदाधिकारी और उनके कुछ सदस्य जिस प्रकार हर मुद्दे को हवा दे रहे हैं उससे लगता है मानो उनकी प्राथमिकता में नई भर्ती सम्पन होना नहीं बल्कि अपनी राजनीति चमकाना है।

आज भी NIOS के विरोध के नाम पर जिस प्रकार नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे लगे वह चौका देने वाले थे क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा तैयार की गई नीति पर प्रदेश में NIOS का संचालन राज्य सरकार की सहमति से स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा ही किया गया और सरकारी स्कूलों को ही इसका केंद्र बनाया गया था साथ ही नोडल एजेंसी भी स्वयं सरकार ही थी।

ऐसे में NIOS को न लेने का सवाल उठता ही नहीं है और स्वंय पटना हाइकोर्ट से भी ऐसे ही एक मामले में स्पष्ट निर्णय आ चुका है लेकिन बात यहां विरोध का नहीं विरोध के तरीके का है और जिस प्रकार का आज प्रदर्शन हुआ वह यह साफ बता रहा था कि NIOS की आड़ में राजनैतिक दलों की भांति प्रदर्शन का खेल खेला जा रहा है ।

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