Varanasi News: 190 मकानों और 6 मस्जिदों में लगे लाल निशान, जाने आखिर क्या है और क्यों लगे ये निशान

उत्तर प्रदेश के वाराणसी की दालमंडी में लंबे समय से चल रही चौड़ीकरण योजना ने अब रफ्तार पकड़ ली है। शनिवार की देर शाम PWD ने सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया के तहत फाइनल लाल निशान लगाना शुरू कर दिया। अब जिन स्थानों पर ये निशान लगाए गए हैं, उन्हें खाली करने की अंतिम चेतावनी भी जारी कर दी गई है।

Update: 2025-06-22 06:33 GMT

Varanasi News: वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की दालमंडी में लंबे समय से चल रही चौड़ीकरण योजना ने अब रफ्तार पकड़ ली है। शनिवार की देर शाम PWD ने सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया के तहत फाइनल लाल निशान लगाना शुरू कर दिया। अब जिन स्थानों पर ये निशान लगाए गए हैं, उन्हें खाली करने की अंतिम चेतावनी भी जारी कर दी गई है। इस कार्रवाई को अतिक्रमण हटाने की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है।

CM योगी ने दिए थे विशेष निर्देश

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी दौरे के दौरान समीक्षा बैठक में दालमंडी प्रोजेक्ट को लेकर विशेष निर्देश दिए गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को काम में तेजी लाने को कहा था, जिसके बाद PWD, नगर निगम, पुलिस और अन्य विभागीय अधिकारियों की संयुक्त टीम ने दालमंडी से लेकर लंगड़ा हाफिज मस्जिद तक माप-जोख के बाद फाइनल लाल निशान लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। 

200 करोड़ से ज्यादा का बजट तय

नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते द्वारा लगातार माइक से अनाउंस किया गया कि जहां-जहां लाल निशान लगाए जा रहे हैं, उन जगहों को तत्काल खाली कर दिया जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि अगर इन चिन्हित स्थानों को स्वेच्छा से नहीं खाली किया गया, तो आगे की कार्रवाई में किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं होगी। बताया जा रहा है कि दालमंडी से विश्वनाथ कॉरिडोर तक एक वैकल्पिक और सीधा रास्ता तैयार किया जा रहा है। इस योजना को साकार करने के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक का बजट तय किया गया है। 2024-25 के वित्तीय वर्ष में इसके लिए 2 करोड़ रुपये की पहली किश्त भी जारी कर दी गई है। इस बजट से अतिक्रमण हटाने, पुनर्वास और मुआवजा वितरण जैसे कार्य किए जाएंगे।

पूरी तैयारी में प्रशासन

PWD के अधिकारियों के अनुसार, दालमंडी में 17.5 मीटर चौड़ी सड़क बनाने के लिए 190 मकानों की नाप की गई है। इसके साथ ही क्षेत्र की 6 मस्जिदें भी इस योजना की जद में आ रही हैं। फिलहाल प्रशासन दस्तावेजी जांच के आधार पर मुआवजा तय करने की प्रक्रिया में जुटा है। जिनके पास वैध दस्तावेज होंगे, उन्हें नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। दालमंडी वाराणसी की सबसे पुरानी और घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है। यहां चौड़ीकरण का काम सालों से लंबित था, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रशासनिक सक्रियता की बदौलत अब इस दिशा में ठोस कदम उठाया गया है। हालांकि स्थानीय स्तर पर कुछ विरोध की आशंका भी जताई जा रही है, लेकिन प्रशासन इस पूरे अभियान को शांति और समन्वय के साथ पूरा करने के प्रयास में जुटा है।

 प्रभावित लोगों से सहयोग 

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना केवल एक विकास कार्य ही नहीं, बल्कि वाराणसी की छवि को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने का माध्यम है। विश्वनाथ कॉरिडोर तक बेहतर कनेक्टिविटी देने से न केवल तीर्थयात्रियों को लाभ होगा, बल्कि स्थानीय व्यापार को भी नया आयाम मिलेगा। इस बीच प्रशासन ने सभी प्रभावित लोगों से सहयोग की अपील की है और भरोसा दिलाया है कि वैध रूप से बसे सभी परिवारों को पूरा मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी। 

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