Mukhtar Ansari: माफिया डॉन के नाम से पूर्वांचल के लोग थर-थर कांपते थे, एके-47 से 500 गोलियां बरसा कर बुलेट प्रूफ सुमो में बैठे बीजेपी विधायक को मरवा डाला

Mukhtar Ansari: उत्तरप्रदेश का एक ऐसा माफिया डॉन, जिसके आतंक की खबरों से देश के लोग अपरिचित नहीं थे। 40 साल की उम्र में ही उसने दहशत का ऐसा राज कायम किया कि यूपी के पूर्वांचल में बलिया से लेकर वाराणसी तक उसके नाम से लोग घबराते थे। आलम यह था कि अपराध के बाद उसने सियासत में इंट्री की और पांच बार विधायक रहा। तीन बार तो जेल में रहते चुनाव जीत गया।

Update: 2024-03-29 07:21 GMT

एनपीजी ब्यूरो

Mukhtar Ansari: गाजीपुर। पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का कल रात कार्डियक अरेस्ट के बाद मौत हो गई। कल रात करीब 8.30 बजे उसे कार्डियक अरेस्ट आया। वह बैरक में बेहोश होकर गिर गया। जेल कर्मियों ने उसे फौरन बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। करीब घंटे भर के उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया का ऐसा नाम था कि मौत के बाद भी उसके अपराध गाथा सुर्खियों में है।

गाजीपुर के कालेज जीवन से मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। उस पर करीब 65 केस दर्ज है। पांच में उसे सजा हो गई है। अपराध की दुनिया में मुख्तार अंसारी का नाम तब चर्चा मेंं आया, जब उसने बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या करवा दी। दरअसल, गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर अंसारी परिवार का 1985 से कब्जा था। मगर 2002 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी कृष्णानंद राय ने यह सीट अंसारी परिवार से छीन ली। तब से मुख्तार अंसारी कृष्णानंद से खार खा बैठा था। बदले की ताक में बैठा मुख्तार ने ऐसा कुछ किया कि कृष्णानंद विधायक का पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। विधायक बनने के बाद 2004 में वे एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौट रहे थे। उन्हें जान के खतरे की आशंका थी, इसलिए वे बुलेट प्रूफ सुमो गाड़ी में चलते थे। एक चौराहे पर उनकी गाड़ी को घेरकर चारों तरफ से एके-47 से 500 गोलियां बरसाई गई। गाड़ी में कृष्णानंद के साथ छह और लोग बैठे थे। सभी इस हमले में मारे गए। हालांकि, मुख्तार तब जेल में था। मगर यह साक्ष्य मिला कि जेल में रहते हुए उसने विधायक पर गोलियां चलवाई। इस केस में उसे 10 साल की सजा हुई थी।

मुख्तार अंसारी का जीवन परिचय (जीवनी) | Mukhtar Ansari Biography in Hindi बारे में

पूरा नाम (Full Name ) मुख्तार अंसारी

प्रसिद्दि (Famous For ) पूर्वांचल के मजबूत राजनेताओं में से एक होने के नाते

जन्मदिन (Birthday) 30 जून 1963

निधन Died: 28 मार्च 2024 (उम्र 60 साल)

जन्म स्थान (Birth Place) गाजीपुर, उत्तर प्रदेश

नागरिकता (Citizenship) भारतीय

गृह नगर (Hometown) गाजीपुर, उत्तर प्रदेश

धर्म (Religion) इस्लाम

जाति / संप्रदाय (Cast ) सुन्नी

लम्बाई (Height) 6 फीट 2 इंच

आंखो का रंग (Eye Colour) काला

बालों का रंग (Hair Colour) काला

पेशा (Occupation) राजनीतिज्ञ, अपराधी, गैंगस्टर

राजनैतिक पार्टी (Party ) • बहुजन समाज पार्टी (बसपा) (2007-2010; 2017)

• निर्दलीय (2002-2007)

• कौमी एकता दल (2012-2017)

वैवाहिक स्थिति (Marital Status ) विवाहित

विवाह की तारीख (Marriege Date ) 15 अक्टूबर 1989

कुल संपत्ति (Net Worth ) रु. 22 करोड़ (2017 में

मुख्तार अंसारी की जीवनी

30 जून 1963 को जन्मे मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के एक गैंगस्टर से राजनेता बने। पांच बार निर्वाचित होने का रिकॉर्ड कायम रखते हुए मुख्तार अंसारी वर्तमान में मऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा, मुख्तार की जांच भाजपा नेता कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्य आरोपी के रूप में भी की गई थी, लेकिन पूरे निरीक्षण के बाद 2019 में दोषी नहीं पाया गया।

मुख्तार अंसारी का जन्म

मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 को गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था ।मुख्तार अंसारी गाजीपुर के एक प्रमुख सुन्नी मुस्लिम परिवार से हैं। उनका जन्म सुभानुल्लाह अंसारी (पिता) और बेगम राबिया (मां) यहाँ हुआ था।दिसंबर 2018 में उनकी मां का निधन हो गया। उनके दादा, डॉ मुख्तार अहमद अंसारी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के पूर्व अध्यक्ष थे। उनके दो बड़े भाई हैं, सिबकतुल्लाह अंसारी जो मोहम्मदाबाद निर्वाचन क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के विधायक थे, और अफजल अंसारी जो गाजीपुर से लोकसभा सदस्य हैं।

मुख्तार अंसारी की शिक्षा

उन्होंने अपने राजनीतिक कार्यकाल की शुरुआत पोस्ट ग्रेजुएट गाज़ीपुर कॉलेज रामबाध में छात्र परिषद के चुनावों से की, जहाँ उन्होंने 1984 में बीए की डिग्री हासिल की।स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह पूर्वांचल में एक मजबूत व्यक्ति बन गया।

मुख्तार अंसारी की शादी

मुख्तार अंसारी ने 15 अक्टूबर 1989 को अफसा अंसारी से शादी की।उनके दो बेटे हैं- अब्बास अंसारी और उमर अंसारी। उनके बड़े बेटे, अब्बास अंसारी एक इक्का-दुक्का निशानेबाज हैं और राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग में स्वर्ण विजेता हैं। अब्बास मैनेजमेंट ग्रेजुएट हैं। 2017 में, अब्बास ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर घोसी से 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा। अंसारी के सबसे छोटे बेटे उमर भी सक्रिय राजनीति में हैं।

मुख्तार अंसारी का परिवार

पिता का नाम (Father’s Name ) सुभानुल्लाह अंसारी

माता का नाम (Mother’s Name ) बेगम राबिया

भाई का नाम (Brother ) सिबकतुल्लाह अंसारी (बड़े , राजनीतिज्ञ)

अफजल अंसारी (बड़े , राजनीतिज्ञ)

पत्नी (Wife) अफसा अंसारी

बेटा (Son) अब्बास अंसारी (राजनेता)

उमर अंसारी (राजनेता)

मुख्तार अंसारी का शुरुआती जीवन

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के शुरुआती अध्यक्ष मुख्तार अहमद अंसारी के मुख्तार अंसारी पोते थे। जो आगे चलकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापकों में से एक बने। साल 1970 के दशक की शुरुआत में सरकार ने पिछड़े पूर्वांचल क्षेत्र में कई विकास परियोजनाओं का आदेश दिया, जिसके परिणामस्वरूप संगठित गिरोह सामने आए जो इन परियोजनाओं के कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते थे। जबकि मुख्तार अंसारी शुरू में मखनू सिंह गिरोह का सदस्य था, जो 1980 के दशक में साहिब सिंह के नेतृत्व वाले एक अन्य गिरोह से भिड़ गया था। जबकि झड़प का मुख्य कारण सैदपुर में जमीन का एक भूखंड था जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न हिंसक घटनाएं हुईं।

साहिब सिंह के गिरोह से बृजेश सिंह नाम का एक व्यक्ति था, जिसने बाद में अपना गिरोह बनाया और 1990 के दशक में गाजीपुर के ठेका माफिया को पकड़ लिया। हालांकि, मुख्तार के गिरोह ने 100 करोड़ रुपये के अनुबंध व्यवसाय के नियंत्रण के लिए बृजेश के साथ प्रतिस्पर्धा की, जो कोयला खनन, स्क्रैप निपटान, सार्वजनिक कार्यों, रेलवे निर्माण और शराब व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ था। इसके अलावा, ये गिरोह अपहरण जैसी अन्य आपराधिक गतिविधियों के अलावा चल रहे संरक्षण (“गुंडा टैक्स”) और जबरन वसूली रैकेट का भी हिस्सा थे।

मुख्तार अंसारी का राजनीतिक कैरियर

1996 में मुख्तार अंसारी ने पहली बार मऊ से बसपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब से वह रिकॉर्ड पांच बार मऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए। उन्होंने 2002 और 2007 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव मऊ से निर्दलीय के रूप में लड़े और जीत हासिल की।

वह बसपा के टिकट पर वाराणसी से 2009 का लोकसभा चुनाव हार गए। 2012 में, उन्होंने एक नए राजनीतिक संगठन, कौमी एकता दल का गठन किया और कौमी एकता दल के उम्मीदवार के रूप में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2017 में, वह बहुजन समाज पार्टी में लौट आए और मऊ से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीता।

मुख्तार अंसारी के विवाद और आपराधिक आरोप

उन पर आपराधिक धमकी (आईपीसी धारा-506) से संबंधित सात आरोप हैं।

उन पर हत्या के प्रयास (आईपीसी की धारा-307) से संबंधित पांच आरोप हैं।

उसके खिलाफ मर्डर (आईपीसी की धारा-302) से जुड़े पांच आरोप हैं।

मृतक व्यक्ति के पास उसकी मृत्यु के समय संपत्ति के बेईमानी से हेराफेरी से संबंधित दो आरोप हैं (आईपीसी धारा -404)।

उसके खिलाफ धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की सुपुर्दगी के लिए प्रेरित करने (आईपीसी की धारा-420) से संबंधित दो आरोप हैं।

उसके पास मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत, आदि की जालसाजी से संबंधित एक आरोप है (आईपीसी धारा-467)।

उसके खिलाफ धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी से संबंधित एक आरोप (आईपीसी धारा-468) है।

उन पर स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने (आईपीसी की धारा-325) से संबंधित एक आरोप है।

उनके खिलाफ दंगा करने की सजा (आईपीसी की धारा-147) से संबंधित छह आरोप हैं।

उन पर आपराधिक साजिश की सजा (आईपीसी की धारा-120बी) से संबंधित छह आरोप हैं।

उसके खिलाफ घातक हथियार से लैस दंगा (आईपीसी धारा-148) से संबंधित चार आरोप हैं।

उस पर सामान्य वस्तु के अभियोजन में किए गए अपराध के दोषी गैर-कानूनी सभा के प्रत्येक सदस्य (आईपीसी धारा-149) से संबंधित चार आरोप हैं।

उसके खिलाफ लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल से संबंधित तीन आरोप हैं (आईपीसी धारा-353)।

उन पर एक्ट से जुड़े दो आरोप हैं जो दूसरों की जान या निजी सुरक्षा को खतरे में डालते हैं (आईपीसी की धारा-336)।

उसके खिलाफ आम मंशा (आईपीसी धारा-34) को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए अधिनियमों से संबंधित दो आरोप हैं।

उसके खिलाफ एक व्यक्ति के रूप में धोखाधड़ी (आईपीसी की धारा-419) से संबंधित आरोप है।

उसके पास एक आरोप है कि यदि दुष्प्रेरित किया गया कार्य परिणाम के रूप में किया गया है, और जहां इसकी सजा के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है (आईपीसी धारा-109)।

उनके खिलाफ शांति भंग (आईपीसी धारा-504) को भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से संबंधित एक आरोप है।

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