IAS Aryaka Akhoury: गाजीपुर की इस बिहार मूल की कलेक्टर से अपराधी कांपते हैं, माफियाओं को लगा दिया ठिकाने, जानिये क्यों चर्चा में है ये लेडी कलेक्टर
IAS Aryaka Akhoury: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आईएएस आर्यका अखौरी को 2022 में गाजीपुर का कलेक्टर बनाकर भेजा। आर्यका ने सरकार की उम्मीदों पर खरी उतरते हुए माफियाओं पर गजब का अंकुश लगाया। वे दो साल से वहां माफियाओ को ठिकाने लगाने में लगी हुई हैं।
IAS Aryaka Akhoury: गाजीपुर। जिस इलाके में मुख्तार अंसारी जैसा माफिया और बाहुबली नेता तथा उसका परिवार रहता हो, उस जिले में महिला आईएएस को कलेक्टर पोस्ट करना जोखिम भरा फैसला था। क्योंकि, गाजीपुर में छोटे बड़े गैंगवार हमेशा होते रहते हैं। मुख्तार परिवार के अलावे भी वहीं कई अपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेता हैं। ऐसे जिले में गाजीपुर की महिला कलेक्टर आर्यका अखौरी ने माफियाओं को नेस्तनाबूद कर दिया। कई गुंडे-बदमाशों के हथियारों के लायसेंस बिना किसी प्रेशर में आए केंसिल कर दिया।
आज वे फिर चर्चा में आई जब माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार के समय मिट्टी डालने को लेकर वे मुख्तार के पूर्व सांसद भाई अफजाल अंसारी से भिड़ गई। दरअसल, गाजीपुर में कल से धारा 144 लागू है। किसी गडबड़ी की आशंका के चलते कलेक्टर आर्यका अखौरी ने पूरे जिले में निषेधाज्ञा प्रभावशील कर दिया था। इसके तहत किसी भी जगह पर पांच से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते। मगर मुख्तार अंसारी की अंत्येष्टि में बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े। यही नहीं, दफनाए जाने के दौरान मिट्टी डालने लोग धक्कामुक्की करने लगे। इस पर वहां मौजूद कलेक्टर आर्यका ने इसे रोका। इस पर उनकी अफजाल अंसारी से बहस हो गई। कलेक्टर ने उन्हें दो टूक सुना दिया कि धारा 144 लागू है, वे सिर्फ परिवार के लोगों को मिट्टी डालने की इजाजत दे सकती हैं, औरों को नहीं। इस पर दोनों के बीच तकरार हो गई। मगर बिहार मूल की इस कलेक्टर ने हेठा नहीं खाया। वे मुस्तैदी से मौके पर डटी रही और स्थिति को नियंत्रण में रखा। वरना, आशंका थी कि मुख्तार समर्थक अंतिम संस्कार के समय कोई बखेड़ा खड़ा कर सकते हैं।
जानिये उनके बारे में
आईएएस आर्यका उत्तरप्रदेश कैडर की 2013 बैच की आईएएस ऑफिसर है। मूलतः वह बिहार राज्य की राजधानी पटना की रहने वाली है। उनका जन्म 14 दिसंबर 1985 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बिहार में हुई। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई दिल्ली से की। दिल्ली यूनिवर्सिटी से 2008 में उन्होंने एमएससी बायोटेक की डिग्री ली है।
प्रोफ़ेशनल कैरियर
आर्यका अखौरी ने 2 सितंबर 2013 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। मसूरी में ट्रेनिंग के बाद उन्हें पहली पोस्टिंग ज्वाइंट मजिस्ट्रेट वाराणसी के पद पर मिली। फिर मेरठ जिले में मुख्य विकास अधिकारी बनी। वह माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन में विशेष सचिव भी रह चुकी हैं। 11 फरवरी 2022 को भदोही जिले में कलेक्टर के तौर पर उनकी पहली तैनाती मिली।
विधायक से भिड़ गई थी
गाजीपुर से पहले आर्यका अखौरी भदोही जिले की कलेक्टर थीं। भदोही में तैनाती के दौरान बाहुबली विधायक विजय मिश्रा पर नकेल कसने के दौरान वे चर्चाओं में रहीं। उन्होंने पूर्व विधायक के सारे हथियारों के लायसेंसो को निरस्त कर दिया। बल्कि गैंगस्टर एक्ट भी लगा दिया था।
जिंस, टॉप पर लगाया रोक
भदोही जिले में कलेक्टर के तौर पर माफियाओं पर नकेल कसने में आर्यका अखौरी चर्चित हुईं थीं। उन्होंने कानून व्यवस्था को लेकर खड़ा रुख अपनाया था। बदमाशों के लाइसेंस निरस्त करने समेत कई कड़ी कार्यवाहियां आर्यका ने की थी। इसके साथ ही सरकारी कार्यालयों में जिंसदृटॉप व टीशर्ट पहनने पर रोक लगा दी थी। जिस पर भी वे चर्चित हुईं थीं।
2022 से हैं गाजीपुर कलेक्टर
आर्यका अखौरी का दूसरा जिला कलेक्टर के तौर पर गाजीपुर है। सितंबर 2022 को उन्हें भदोही से गाजीपुर भेजा गया। गाजीपुर में बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी से उनकी भिड़ंत हो गई। दरअसल, मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उन्हें मिट्टी देने वालों की भीड़ धारा 144 के बाद भी लग गयी थी। कलेक्टर आर्यका ने जब करीबियों व रिश्तेदारों के ही मिट्टी देने की बात कही तो अफजल व आर्यका की बहस हो गई। आर्यका ने धारा 144 के उल्लंघन पर एफआईआर की चेतावनी अफजल को देते हुए फटकार लगाई। अफजल अंसारी से बहस के बाद सोशल मीडिया में वो ट्रेंड करने लगी हैं।