Hathras Satsang Baghdad Update: CM योगी पहुंचे हाथरस, पीड़ितों से की मुलाकात, अभी तक 121 लोगों की मौत

Hathras Satsang Baghdad Update: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार सुबह हाथरस पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

Update: 2024-07-03 07:01 GMT

Hathras Satsang Baghdad Update: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार सुबह हाथरस पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। सीएम योगी ने हाथरस पुलिस लाइन में अधिकारियों के साथ एक बैठक कर हालात का जायजा लिया। मंगलवार (2 जुलाई) को हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ की घटना में 121 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। अभी 28 लोग घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। रेलवे ने हाथरस जिले में सत्संग में शामिल होने के बाद घर लौटने की कोशिश कर रहे करीब 3,000 लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की है।

सीएम योगी ने मामले की जांच के लिए एक उच्‍च स्‍तरीय समिति गठित कर 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) और अलीगढ़ के आयुक्त के नेतृत्व में टीम गठित कर 24 घंटे में दुर्घटना के कारणों की जांच रिपोर्ट तलब की है।

सीएम योगी ने घटना पर राजनीति करने वाले दलों को भी फटकार लगाते हुए कहा, "इस प्रकार की घटना पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और निंदनीय भी। यह समय पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने का है, पीड़ितों के प्रति संवेदना का है। सरकार इस मामले में पहले से संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। मंगलवार को तीन से साढ़े तीन बजे के बीच ये पूरा घटनाक्रम बताया जा रहा है। जनपद हाथरस के सिकंदराराऊ के अंदर ये पूरा हादसा घटित हुआ है। उन्होंने कहा कि स्थानीय आयोजकों ने गांव में भोले बाबा का सत्संग आयोजित किया था और स्थानीय भक्तगण उसमें भाग ले रहे थे।

पहला केस दर्ज

मंचीय कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सत्संग के प्रवचनकर्ता जब मंच से उतर रहे थे तब उनकी तरफ भक्तों की भीड़ जा रही थी और सेवादारों के रोकने पर वहां भगदड़ मची। हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने 'मुख्य सेवादार' और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है। हालांकि, इसमें 'भोले बाबा' का नाम नहीं है।

शिकायत में आरोप लगाया गया, "मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने घायल तथा बेहोश लोगों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन आयोजनकर्ताओं तथा सेवादारों ने कोई सहयोग नहीं किया। कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण संबंधी अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया। आयोजनकर्ताओं ने मौके पर छूटे लोगों के सामान, कपड़े और जूते-चप्पल को उठाकर पास के ही खेत में फेंक कर साक्ष्य मिटाये।"

एक अधिकारी ने बताया कि पोरा पुलिस चौकी के प्रभारी उप निरीक्षक बृजेश पांडे की तहरीर पर मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ केस दर्ज की गई है।

उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

क्या बोले अखिलेश यादव?

हाथरस हादसे पर समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "यह बहुत दर्दनाक है... जिन परिवारों के सदस्यों की जान गई है उन्हें दुख सहने की शक्ति मिले। जो हादसा हुआ है यह सरकार की लापरवाही है। ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी न हो। जब कभी भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं तो बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं। इस लापरवाही से जो जानें गईं है उसकी ज़िम्मेदार सरकार है... कोई अगर अस्पताल पहुंच भी गया तो उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया। ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया। इसकी ज़िम्मेदार भाजपा है जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं... क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि किसी आपातकाल स्थिति में आप लोगों का इलाज न कर पाएं?"

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