Delhi Rape: दोस्त की बेटी से रेप का आरोपी डिप्टी डायरेक्टर गिरफ्तार, CM Kejriwal ने दिए सस्पेंड के आदेश

Delhi Rape: दिल्ली सरकार (Delhi Government) में डिप्टी डायरेक्टर (deputy director) के पद पर तैनात एक अधिकारी के खिलाफ रेप का केस दर्ज किया गया है. अधिकारी पर अपने दोस्त की बेटी से कई महीने तक रेप करने का आरोप (Rape case registered) लगा है.

Update: 2023-08-21 11:08 GMT

Delhi Rape: दिल्ली सरकार (Delhi Government) में डिप्टी डायरेक्टर (deputy director) के पद पर तैनात एक अधिकारी के खिलाफ रेप का केस दर्ज किया गया है. अधिकारी पर अपने दोस्त की बेटी से कई महीने तक रेप करने का आरोप (Rape case registered) लगा है. जानकारी के मुताबिक,डिप्टी डायरेक्टर की पत्नी पर भी पति का साथ देने का आरोप है, जिसकी वजह से FIR में 120B यानी आपराधिक षड्यंत्र की धाराएं (sections of criminal conspiracy) जोड़ी गई हैं. पीड़िता सिविल लाइन इलाके (civil line area) में एक स्कूल की छात्रा है और 12वीं की पढ़ाई कर रही है.

बताया जा रहा है कि नाबालिग बच्ची का परिवार दिल्ली के बुराड़ी इलाके में स्थित एक चर्च में आता था. यहीं पर अधिकारी और पीड़िता के परिवार के बीच जान पहचान हुई थी. इसके बाद साल 2020 में नाबालिग पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उसके पिता की मौत हो गई. सर से पिता का साया उठ जाने के बाद नाबालिग काफी परेशान रहने लगी. बच्ची की परेशान को देखने के बाद डिप्टी डायरेक्टर उसे अपने घर ले आया. घर पर रहते हुए ही उसने नाबालिग के साथ एक बार नहीं बल्कि कई बार घिनौनी हरकत की. अधिकारी पर आरोप है कि उसने नाबालिग पीड़िता के साथ साल 2020 से साल 2021 तक कई बार रेप किया.

सूत्रों के मुताबिक, रेप की घटना के बाद पीड़िता प्रेग्नेंट भी हो गई जिसके बाद नाबालिग ने यह बात उसकी पत्नी को बता दी. पत्नी ने मामले को दबाते हुए पीड़िता से बात को कहीं बाहर किसी को नहीं बताने की सलाह देते हुए अपने बेटे से दवा मंगवाई और उसका गर्भपात करवा दिया था. इसके बाद पीड़िता पुलिस में पहुंच गई. पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने रेप की धारा के साथ-साथ आईपीसी की कई और धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.

मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने आरोपी अधिकारी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया है. पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मामले में अभी तक नाबालिग का 164 का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि पीड़िता को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उसे 164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा.

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