….अपने पिता की आखिरी मुराद पूरा कर पायेगा ये शिक्षक बेटा !….. NPG की खबर का कुछ घंटों में ही हुआ बड़ा असर…..पुणे में फंसे रूद्रकर परिवार को बिलासपुर लौटने की मिली इजाजत … जारी हुआ पास

Update: 2020-05-10 08:52 GMT

रायपुर 10 मई 2020। पुणे में फंसा एक शिक्षक अब अपने पिता की आखिरी मुराद पूरा कर पायेगा !….पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र में फंसा रूद्रकर परिवार अब अपने घर लौट पायेगा….! NPG की खबर का 10 घंटे के भीतर बड़ा असर हुआ है। पुणे प्रशासन की तरफ से शिक्षक को पास उपलब्ध करा दिया गया है, वहीं बिलासपुर जिला प्रशासन भी परिवार को लौटने की अनुमति दे रहा है। खबर है कि आज शाम 4 बजे व्याख्याता देवकांत रुद्रकर अपने परिवार के साथ छत्तीसगढ़ लौटने के लिए निकलेंगे।

दरअसल बिलासपुर के हाईस्कूल में व्याख्याता देवकांत रूद्रकर अपने पिता का इलाज कराने के लिए पुणे गये हुए थे। 16 मार्च को पुणे पहुंचने के कुछ दिन बाद ही लॉकडाउन हो गया। इस दौरान पिता का इलाज चलता रहा, लेकिन 28 अप्रैल को अचानक पिता की तबीयत बिगड़ गयी और उनका देहांत हो गया। एक तरफ कोरोना का संकट…दूसरी तरफ पिता की मौत …पुणे जैसे अनजान शहर में एक बेटे को बाप की अर्थी के लिए चार कांधा भी नसीब नहीं हुआ। जैसे-तैसे पिता की अंत्योष्ठि के बाद क्रियाकर्म के लिए जब ये परिवार वापस बिलासपुर लौटना चाहा तो लॉकडाउन ने रास्ता रोक दिया।

CM सर ! पापा को तो नहीं बचा सका….उनके दशकर्म के लिए घर तो भेजवा दीजिये …..शिक्षक की मुख्यमंत्री से मार्मिक गुहार…..”पिता की मौत पर अनजान शहर में चार कंधे तक नहीं मिले…मां की भी हालत हो रही है बेहद गंभीर”….तेरहवीं को तरस रहा है ये परिवार….मदद कीजिये

NPG को भेजे फरियाद में शिक्षक देवकांत रूद्रकर ने बताया था कि उनकी पिता की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके गृहग्राम में हो, लेकिन लाकडाउन में शवदाह तो गांव में नहीं किया जा सका, लेकिन अब उनका परिवार गांव पहुंचकर क्रियाकर्म करना चाहता है…ताकि उनके पिता की इच्छा पूर्ण हो और उनकी आत्मा को शांति मिले। NPG ने अपनी खबर के माध्यम से राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों और जनप्रतिनिधि तक इस परिवार के दर्द को पहुंचाया।

खबर का असर ये हुआ कि रविवार की छुट्टी के बावजूद बिलासपुर जिला प्रशासन ने कार्डिनेट कर पहले तो पुणे प्रशासन से पीड़ित परिवार को पास उपलब्ध कराया और अब बिलासपुर जिला प्रशासन की तरफ से परिवार को लौटने की इजाजत दी जा रही है।

संविलियन अधिकार मंच के संयोजक विवेक दुबे ने भी पीड़ित परिवार की मदद में पूरी ताकत झोंकी। लगातार वो जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के संपर्क में रहे और प्रशासन की तरफ से की जा रही कोशिशों को पीड़ित परिवार तक पहुंचाया। विवेक दुबे की ही कोशिशों से पुणे में फंसे शिक्षक की गुहार NPG तक पहुंची थी।

Similar News