काम की खबर: 1 नवंबर से बदल जाएंगे ये नियम, पड़ेगा आप पर असर… जरूरी है आपका जानना, पढ़ें पूरी जानकारी

Update: 2020-10-26 03:38 GMT

नईदिल्ली 26 अक्टूबर 2020. प्रत्येक महीने की पहली तारीख को रसोई गैस के दामों की समीक्षा होती है, फिर दाम बढ़ने-घटने की आपको सूचना मिलती है. यही वजह है कि सभी लोगों को एक तारीख का इंतजार रहता है. इस बार नवंबर मे भी उम्मीद की जा रही है कि घरेलू रसोई गैस के दामों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा. इसका मतलब यह होगा कि दिवाली और छठ जैसे त्योहारों से पहले आम आदमी की राहत बरकरार रहेगी.

सबसे पहला बदलाव एसजीपी (LPG) यानी रसोई गैस सिलेंडर की डिलीवरी को लेकर है. इसके तहत अब बिना ओटीपी (OTP) के गैस रिफिलिंग नहीं होगी. इसके अलावा दूसरा बड़ा बदलाव एसबीआई कर रही है. जी हां अगर आपका इकाउंट एसबीआई में है तो अब आपको अपने बजत पर कुछ कम ब्याज से ही संतुष्ट होना पड़ेगा. इसके अलावा सरकार डिजिटल पेमेंट से जुडी कुछ बातों में भी बदलाव कर रही है.

एक नवंबर (1 November) से एलपीजी (LPG Cylinder) के कुछ नियम पूरी तरह बदल जाएंगे. नए नियम के तहत उपभोक्ताओं को बिना ओटीपी के गैस सिलेंडर नहीं मिलेगा. इसके अलावा गैस उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बुकिंग के साथ-साथ उसका भुगतान भी करना पड़ेगा. पैसा देने के बाद गैस उपभोक्ता के रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी आएगा. और जब गैस एजेंसी का कर्मचारी गैस सिलिंडर की डिलिवरी करने आएगा तो इसी ओटीपी को दिखाना होगा, तभी गैस मिलेगा.

इसी तरह भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भी अपने नियम में 1 नवंबर से बदलाव कर रही है. लेकिन यह बदलाव एसबीआइ कस्टमरों के लिए बुरी खबर लेकर आ रहा है. दरअसल, एसबीआई 1 नवंबर से अपने सेविंग्स अकाउंट यानी बचत खातों पर देने वाली ब्याज दर में कमी कर रही है. एसबीआई ने ब्याज दरों में कटौती कै ऐलान भी कर दिया है. नये निय के अनुसार जिन सेविंग्स अकाउंट में 1 लाख रुपए तक की राशि जमा है उस पर ब्याज की दर 3.25 फीसदी ही मिलेगी. जबकि, एक लाख रुपए से अधिक जमा होने पर रेपो रेट के हिसाब से ब्याज मिलेगा.

एक नवंबर से हो रहा तीसरा बदलाव डिजिटल पेमेंट से जुड़ा है. इसके तहत अब पचास करोड़ रुपए या उससे अधिक की टर्न ओवर वाले बिजनेसमैन के लिए डिजिटल पेमेंट लेना अनिवार्य हो जाएगा. आरबीआई का यह नियम एक नवंबर से लागू होगा. नये नियम के तहत ग्राहक से डिजिटल पेमेंट के लिए अब कोई भी शुल्क नहीं वसूला जाएगा. बदले हुए ये नियम उन कारोबारियों के लिए होगा जो 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक के टर्नओवर वाले हैं.

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