राज्य कर्मचारी संघ के पदोन्नति विरोध से बिफरे शिक्षक LB…. शिव सारथी बोले- प्रथम नियुक्तितिथि से सेवा गणना कर तत्काल बन्द करे प्रशासन सौतेला व्यवहार

Update: 2020-01-09 05:46 GMT

बिलासपुर 9 जनवरी 2020। राज्य कर्मचारी संघ के ज्ञापन पत्र के बाहर आते ही पँचायत से शिक्षा विभाग में संविलियन हुए शिक्षक LB संवर्ग बिफर गए है। दरअसल संघ के प्रदेश महामंत्री अश्वनी चेलक ने ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन/शिक्षा सचिव से माँग की है कि चूंकि शिक्षाकर्मी 1 जुलाई 2018 से शिक्षा विभाग में आये है और पदोन्नति के लिए 5 साल की गोपनीय चरित्रावली चाहिए ऐसे में उनका पदोन्नति किया जाना उचित नहीं।

जिसका घोर विरोध करते हुए छग सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय कर्मचारी नेता शिव सारथी ने कहा है कि नियमित शिक्षक/कर्मचारी हमारे ही अग्रज है जिनका हम मन से सम्मान करते है पर उनके द्वारा इस प्रकार सौतेला व्यवहारपूर्ण माँग हमारे अपने पन में गुस्से को पनपा रहा है उन्हें पता होना चाहिए कि हमें शिक्षाकर्मी से नियमित शिक्षक मान लिया गया है और हम सभी आहर्ताओ के साथ शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने है आज शिक्षा विभाग का अध्ययन अध्यापन का कार्य हमारे भरोसे ही है आज अगर स्कूलों में सबसे ज्यादा कोई काम करता है तो वो हम ही है और हमारे ही बदौलत स्कूलों का बेहतर विकास हुआ है।

इसके बावजूद राज्य कर्मचारी समय-समय पर अपनी दुर्भावना प्रदर्शित करना नही भूलते जो शिक्षक-शिक्षक के बीच भेद-भाव को जन्म देता है।इस पर राज्य कर्मचारी संघ बाज आये नही तो उचित जवाब दिया जाएगा।

व सारथी ने आगे कहा है कि वैसे भी पहले से राज्य शासन ने नियमित शिक्षकों के लिए अलग कैडर बनाकर हमसे पहले और ज्यादा पदों पर प्रमोशन के अधिकार दिया है बावजूद इसके हमारे अधिकार को रोकना गलत है इस सब को रोकने का एकमात्र रास्ता है कि राज्य शासन और शिक्षा विभाग हमारे प्रथम नियुक्तितिथि से सेवा गणना करके हमें पूर्व नियुक्तितिथि से ही शिक्षक मानते हुए वो तमाम अधिकार देवे जिसके हम अधिकारी है।

राज्य कर्मचारी संघ के उक्त माँग/ज्ञापन का छग सहायक शिक्षकक फेडरेशन बिलासपुर ने तीव्र निंदा किया है जिसमें सर्वश्री रंजीत बनर्जी,शिव सारथी,ढोला राम पटेल, विनोद कोइराला,सन्तोष गढेवाल, विनोद गोयल,रविन्द्र कुशवाहा,चुरावन तरुण, अशोक कुर्रे, अमलेश पाली ,सन्तोष बंजारे,राजकुमार कोरी,प्रमोद कीर्ति,रोहित साहू,शहीदा खान,संजय कौशिक,वीरेंद्र यादव,रामजी चतुर्वेदी, प्रमुख है।

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