अमर शहीद निर्मल सिंह नेताम के प्रतिमा अनावरण में उमड़ा जनसैलाब….वीर शहीद अमर रहे के नारे से गूंज उठा गाँव…

Update: 2020-03-19 14:01 GMT

धमतरी 19 मार्च 2020. जिले के आयुर्वेद ग्राम दुगली में रहने वाले लोगों के लिये बुधवार का दिन अविस्मरणीय बन गया. देश की रक्षा करते हुए जान की कुर्बानी देने वाले गांव के सपूत वीर शहीद निर्मल सिंह नेताम की प्रतिमाअनावरण दुगली के मुख्य चौक पर हुआ. प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने पहुंचे परिजन और वहाँ उपस्थित लोग बिलख पड़े. आपको बता दें कि निर्मल सिंह नेताम का चयन 2007 में पुलिस विभाग में हुआ था.

तब से वह बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात रहकर अपना कर्तब्य पूरे जज्बे के साथ निभा रहे थे. वर्ष 2017 में दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना में पदस्थ रहते हुए साथी जवानों के साथ सर्चिंग के लिए निकले थे. तभी डोरेपारा बुरगुम गांव के पास जंगल में नक्सलियों से हुए मुठभेड़ में वे शहीद हो गए. शहीद जवान की माँ आसबती नेताम, पिता मोहनलाल नेताम, पत्नी सोनबती नेताम, पुत्री हंशिका नेताम, दिव्या नेताम और देश की रक्षा के लिए सिक्किम में पदस्थ इंडियन आर्मी के जवान भाई निरंजन नेताम ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके घर में ऐसा वीर सपूत पैदा हुआ. जिसने देश की रक्षा करते वीर गति को प्राप्त किया.

प्रतिमा अनावरण पर क्षेत्र के लोगों ने भारी संख्या में दुगली पहुँचकर शहीद जवान को भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित किया. इस मौके लोग काफी भावुक नजर आये. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे क्षेत्र की विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव और विशिष्ट अतिथि सर्व आदिवासी समाज धमतरी जिलाध्यक्ष जीवराखन लाल मरई ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वीर शहीद निर्मल सिंह नेताम ने देश की सेवा करते हुए अपनी जान की बाजी लगा दी. ऐसे वीर सपूत हमेशा से युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत हैं. उन्हें हमारा सादर नमन है और वे हम सब के लिए हमेशा अमर रहेंगे. प्रतिमा अनावरण के इस खास अवसर पर जे एल ध्रुव, जिला पंचायत सदस्य मनोज साक्षी, खूबलाल ध्रुव, जनपद सदस्य उमेश देव, बंशीलाल शोरी,उत्तम ध्रुव, मयाराम नागवंशी,डोमार सिंह ध्रुव, बंशीलाल शोरी,सरपंच ग्राम पंचायत कौहाबाहरा शिवप्रसाद नेताम, सरपंच ग्राम पंचायत दुगली रामकुँवर मंडावी,सुरेन्द्र ध्रुव सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे.

शासन-प्रशासन से नहीं मिला कोई सहयोग

शहीद के परिजनों एवं ग्रामीणों का कहना है कि शासन के नियमानुसार शहीद की पत्नी को शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली है. शहीद का स्मारक स्थापित करने के लिए वे लोग लगातार मांग करते आ रहे थे. पुलिस स्मृति दिवस में भी हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा. लेकिन स्मारक बनाने के लिए किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं मिला. शासन प्रशासन के इस अनदेखी के कारण परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने जैसे तैसे पैसे जोड़कर शहीद निर्मल नेताम की प्रतिमा और स्मारक बनवा कर अनावरण किया है. इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया था. लेकिन नगरी एसडीओपी को छोड़कर कोई और अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.

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