2 साल से अपने मातृत्व काल के वेतन के लिए भटक रही शिक्षाकर्मी को मिला न्याय….. 7 महीने के वेतन का एक साथ हुआ भुगतान….. न्याय मिलने के बाद महिला शिक्षाकर्मी ने सोशल मीडिया में कहीं यह बात

Update: 2020-12-30 03:59 GMT

रायपुर 30 दिसंबर 2020। प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के ऐसे-ऐसे मामले निकल कर सामने आते हैं कि व्यक्ति सोचने पर विवश हो जाए कि आखिर ऐसी स्थिति बन कैसे जाती है और क्या वास्तव में बाबूराज इतना अधिक हावी हो चुका है कि उन्हें फर्क ही नहीं पड़ता कि किसी कर्मचारी घर में चूल्हा जलेगा या नहीं । ऐसा ही एक मामला नगर पंचायत सारागांव का है जहां कार्यरत व्याख्याता (नगरीय निकाय) लता कंवर के मातृत्व काल का 7 माह का वेतन भुगतान सिर्फ इसलिए नहीं किया गया था की उनकी ओर से कार्यालय को कोई चढ़ावा राशि नहीं दी गई थी ।

मातृत्व अवकाश पर गई महिला शिक्षाकर्मी को नहीं मिला 7 माह से वेतन…. 2 साल से लगा रही चक्कर…. परेशान महिला ने संविलियन अधिकार मंच से लगाई गुहार तो अपर संचालक के टेबल पर पहुंचा मामला !

लता कंवर ने जुलाई में नौकरी ज्वाइन करने के बाद 6 अगस्त 2018 से 6 फरवरी 2019 तक मातृत्व अवकाश लिया था और इसके लिए बकायदा उन्होंने विधिवत आवेदन दिया था जिसे उनके स्कूल के प्राचार्य ने नगरीय निकाय कार्यालय को भी भेजा था इसके बाद भी उन्हें वेतन भुगतान नहीं किया गया , महिला शिक्षाकर्मी ने अपनी तरफ से हर कोशिश की लेकिन बाबूराज के सामने हार गई कुछ समय पहले अंबिकापुर के एक ऐसे ही मामले में एक महिला शिक्षाकर्मी को न्याय मिला था जिसे संविलियन अधिकार मंच के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे ने 4 महीने का रुका हुआ वेतन 4 घंटे में दिलाया था , इसे देखकर लता कंवर को उम्मीद जगी और उन्होंने अपनी समस्या विवेक दुबे को बताई जिसके बाद यह मामला भी नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक सौमिल रंजन चौबे के टेबल पर पहुंचा।

लेकिन यहां पर भी नगर पंचायत कार्यालय ने अपनी आदत नहीं छोड़ी और राज्य कार्यालय को ही यह जानकारी भेज दी कि लता कंवर ने बिना किसी सूचना के अवकाश ले लिया था और उनके पास कोई जानकारी ही नहीं है ऐसे में विवेक दुबे ने पूरे दस्तावेजों के साथ इस बात का खुलासा कर दिया की लता कंवर ने न केवल प्रिंसिपल को विधिवत रूप से जानकारी दी थी बल्कि प्रिंसिपल ने भी कार्यालय को लेटर पैड में पूरे मामले की सूचना दी थी जिसमें नगर पंचायत कार्यालय का ही सील साइन लगा हुआ है इसके बाद नगर पंचायत बैकफुट में आया और वेतन भुगतान करने को तैयार हुआ, अब महिला शिक्षाकर्मी को 7 महीने का रुका हुआ वेतन 1 लाख 12 हजार रुपये भुगतान कर दिया गया है । वेतन पाने के बाद महिला शिक्षाकर्मी ने उन्हें न्याय दिलाने वाले विवेक दुबे को सोशल मीडिया में मैसेज जारी करके धन्यवाद अदा किया ।

लता कंवर ने वेतन पाने के बाद लिखी यह बात

धन्यवाद विवेक दुबे सर मुझे न्याय दिलाने के लिए

मैं लता कंवर व्याख्याता के पद पर बी.डी.एम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सारागांव में जुलाई 2018 में नियुक्त हुई थी , नियुक्ति के समय गर्भावस्था होने के कारण ज्वाइन करने के कुछ दिन बाद ही नियमानुसार आवेदन देकर मातृत्व अवकाश में चली गई थी जिसके बाद नगर पंचायत के द्वारा मुझे 7 माह का वेतन भुगतान नहीं किया गया यह कहकर कि परिवीक्षा अवधि समाप्त हुए बिना इतना लंबा अवकाश नहीं मिलता , मैंने हर जगह कोशिश की लेकिन वेतन नहीं मिल सका और थक हार कर बैठ गई , अचानक एक दिन व्हाट्सएप्प में अंबिकापुर की एक घटना पढ़ी जिसमें एक मैडम को 4 साल बाद विवेक दुबे सर की हेल्प से उनका 8 महीने का मातृत्व अवकाश का रोका हुआ वेतन मिला था , मैंने भी सोचा की सर से हेल्प मांगती हूं

मैंने जिस दिन उन्हें पूरा प्रकरण बताया उसके बाद से लेकर आज तक केवल उन्होंने ही अकेले मेरी लड़ाई लड़ी और आज मुझे 7 महीने का रुका हुआ वेतन भुगतान हो गया है जो 1 लाख 12 हजार रुपये है , मैं दिल से धन्यवाद अदा करती हूं विवेक दुबे सर का जिन्होंने मेरे लिए इतना कुछ किया , ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि आप और आपका परिवार सदा खुश रहे।

श्रीमती लता कंवर
व्याख्याता
बीडीएम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सारागांव
जिला- जांजगीर चांपा

सौमिल सर और मीडिया का बहुत-बहुत धन्यवाद – विवेक दुबे

इधर इस पूरे मामले में प्रतिक्रिया देते हुए विवेक दुबे ने कहा की

” महिला शिक्षाकर्मी को न्याय दिला सका इसकी बहुत खुशी है यह उनका हक था , हमेशा की तरह इस मामले में सहयोग करने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक जी सौमिल रंजन चौबे सर को बहुत-बहुत धन्यवाद साथ ही हमारी आवाज बनने के लिए न्यूपावरगेम टीम को आभार जिसकी वजह से ऐसे मामले पूरे प्रदेश के हमारे शिक्षक साथियों तक पहुंचाते हैं और अन्य पीड़ित साथी हम से संपर्क करते हैं “

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