जिस जिले से की पहली नौकरी की शुरूआत, आज उसी जिले में कलेक्टर बनना सौभाग्य की बात……IAS रानू साहू से एनपीजी की खास बातचीत

Update: 2021-06-08 09:50 GMT

कोरबा 8 जून 2021। प्रदेश में कलेक्टर और आईएएस अफसरों की जम्बो ट्रांसफर लिस्ट जारी होने के बाद अधिकांश आईएएस अफसरो ने अपनी नई पदस्थापना में ज्वाईनिंग दे दी है। कलेक्टरों की पोस्टिंग में कोरबा कलेक्टर आईएएस रानू साहू की कोरबा पोस्टिंग कई मायनों में खास है। एनपीजी से चर्चा करते हुए रानू साहू ने बताया कि उन्होने अपनी पहली नौकरी की शुरूआत बतौर प्रशिक्षु डीएसपी कोरबा से ही शुरू की थी। कोरबा में ही पदस्थापना के दौरान उनका यूपीएससी में सलेक्शन हुआ और आज 11 साल बाद कोरबा कलेक्टर के पद पर पदस्थ है।

कलेक्टर रानू साहू कोरबा के इस संयोग को अपना सौभाग्य बताती है। कलेक्टर रानू साहू ने बताया कि कोरबा औद्योगिक जिला होने के साथ ही घने वन और बांगो डूबान से घिरा हुआ है। पर्यटन को लेकर कोरबा में अपार संभावनांए है। उन्होने बताया कि पर्यटन क्षेत्र में सर्विस की विशेष डिमांड होती है, जिन पर्यटन स्थलों में बेहतर सर्विस होती है…वहां पर्यटक भी खासे तौर पर पहुचते है। ऐसे में कोरबा के पर्यटन स्थल के स्थानीय ग्रामीणों को 5 सितारा होटलो में प्रशिक्षित कर उन्हे रोजगार से सीधे जोड़ने की दिशा में काम किया जायेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर न केवल पर्यटको को विशेष सुविधांए मिल सकेगी,बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन के स्तर को भी बदले में अहम भूमिका निभाई जायेगी।

– कोरोना के तीसरे फेस को लेकर हम अलर्ट है

कोरबा जिले का प्रभार लेते ही सबसे पहले कलेक्टर रानू साहू ने मेडिकल सुविधाओं की जानकारी ली है। एनपीजी से चर्चा के दौरान श्रीमती रानू साहू ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर छोटे बच्चों के लिए घातक बताई जा रही है, तीसरी लहर से पहले ही उन्होने मेडिकल अफसरो से जिले में शिशु रोग विशेषज्ञों की जानकारी लेने के साथ ही बच्चों के ईलाज के लिए नर्सो के विशेष प्रशिक्षण पर फोकस किया है। कलेक्टर ने जल्द ही रायपुर एम्स के शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टरो की टीम से को-आर्डिनेट कर जिले के पीडियाट्रिक डॉक्टर्स और नर्सो की विशेष प्रशिक्षण कराने की योजना तैयार की है, ताकि कोविड के तीसरे फेस में बच्चों को समय पर और बेहतर ईलाज मुहैयया कराया जा सके।

– भूविस्थापितों की समस्या पर भी है नजर

कोरबा में कोयला खदानों के लिए ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण आज भी जारी है, लेकिन लंबे अर्से से कोरबा में भूविस्थापित मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर आंदोलनरत है। आज कलेक्टर की पदस्थापना के पहले ही दिन एसईसीएल दीपका खदान के भूविस्थापितों ने दीपका खदान में घूसकर कोयला उत्पादन बंद करवा दिया। मामले पर गंभीरता दिखाते हुुए कलेक्टर रानू साहू ने बताया कि जिस जमीन पर सालों से ग्रामीण बसे है, उस जमीन को वो अपनी माँ मानते है। देश के विकास और उर्जा के लिए खदान का विस्तार भी जरूरी है, लेकिन भूविस्थापित जिनकी जमीन खदान में चली गयी है, उनके साथ भी न्याय होना। कलेक्टर रानू साहू ने आश्वस्त किया कि भूविस्थापितों की समस्या पर भी गौर किया जायेगा, और जो भी वाजिब हकदार है, उन्हे समय पर न्याय दिलाने के लिए वो हर वक्त संभव प्रयास करेंगी।

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