UP Police Yaksh App: Crime GPT और AI से होगी पहचान, जानें पुलिस को मोबाइल पर कैसे दिखेगा अपराधियों का कच्चा चिट्ठा

UP Police Yaksh App News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस के लिए 'यक्ष' (Yaksh) ऐप लॉन्च किया है। Crime GPT और AI तकनीक से लैस यह ऐप अपराधियों की पहचान और रियल-टाइम ट्रैकिंग को आसान बनाएगा। अब पुलिस के मोबाइल पर ही अपराधियों का पूरा कच्चा चिट्ठा उपलब्ध होगा, जिससे उत्तर प्रदेश में स्मार्ट पुलिसिंग और सुरक्षा को काफी बढ़ावा मिलेगा।

Update: 2025-12-29 18:06 GMT

Image Source: x.com/@myogiadityanath | Edited By: NPG News

UP Police Yaksh App: उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को हाई-टेक बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'यक्ष' (Yaksh) ऐप लॉन्च किया है। यह एक AI-पावर्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो पुलिस के काम करने के पुराने ढंग को पूरी तरह बदल देगा। इस ऐप की मदद से अब अपराधी पुलिस की नजरों से बच नहीं पाएंगे। 'यक्ष' ऐप को खास तौर पर बीट सिस्टम को स्मार्ट बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें क्राइम डेटा का एनालिसिस करने के लिए 'Crime GPT' जैसा खास फीचर भी दिया गया है, जो पुलिस के काम को नई तकनीक के साथ और भी आसान बनाता है।

Yaksh App: डिजिटल बीट बुक और डेटा मैनेजमेंट

यक्ष ऐप असल में पुलिस की 'बीट बुक' का एक डिजिटल अवतार है। पहले अपराधियों का रिकॉर्ड कागजों और रजिस्टरों में रखा जाता था, जिससे जरूरत पड़ने पर जानकारी निकालना बहुत मुश्किल होता था। लेकिन अब यूपी पुलिस के पास हर अपराधी का डेटा उनके मोबाइल फोन पर होगा। यह ऐप सीधे CCTNS (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) से जुड़ा है। जैसे ही किसी अपराधी के खिलाफ चार्जशीट फाइल होती है, उसकी पूरी डिटेल नेशनल डेटाबेस से अपने आप यक्ष ऐप पर अपडेट हो जाएगी। इससे पुलिस को फाइलों के ढेर में अपराधी को ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

एडवांस फीचर्स: Crime GPT और AI फेशियल रिकग्निशन

इस ऐप की सबसे बड़ी ताकत इसकी AI तकनीक है। इसमें 'Crime GPT' फीचर दिया गया है, जिसकी मदद से पुलिसकर्मी बोलकर या लिखकर किसी भी अपराधी का पिछला रिकॉर्ड चेक कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें 'AI फेशियल रिकग्निशन' और 'वॉइस सर्च' की सुविधा भी है। अगर पुलिस को किसी संदिग्ध पर शक होता है, तो वे ऐप के जरिए उसके चेहरे या आवाज को पुराने रिकॉर्ड से मैच कर सकेंगे। इससे मौके पर ही अपराधी को पकड़ना बहुत आसान हो जाएगा और गलत पहचान की गुंजाइश भी कम होगी।

पुलिस को मोबाइल पर कैसे दिखेगा अपराधियों का कच्चा चिट्ठा?

यक्ष ऐप का इंटरफेस पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर बहुत ही आसान और सटीक तरीके से डेटा दिखाता है। ऐप खोलते ही बीट कांस्टेबल को अपने इलाके के अपराधियों की सूची दिखेगी। सबसे खास बात यह है कि इसमें अपराधियों को उनके अपराध के हिसाब से 'कलर कोड' दिया गया है। मोबाइल स्क्रीन पर अपराधी की फोटो पर क्लिक करते ही उसकी पूरी जानकारी खुल जाएगी — जैसे उसने पहले कौन से अपराध किए हैं, वह किस गैंग का हिस्सा है और फिलहाल कहां रह रहा है। अगर कोई अपराधी अपना ठिकाना बदलता है, तो ऐप तुरंत सिपाही के मोबाइल पर रियल-टाइम अलर्ट भेजेगा।

क्राइम कंट्रोल: गैंग मैपिंग और हथियारों की जांच

अब पुलिस को गैंगस्टर्स के नेटवर्क को समझने के लिए फाइलों के ढेर नहीं देखने पड़ेंगे। यक्ष ऐप में 'गैंग मैपिंग' का फीचर है जो यह बताता है कि कौन सा अपराधी किस गैंग का हिस्सा है और उसके साथी कौन हैं। यह सब डेटा मोबाइल पर एक मैप या चार्ट की तरह दिखेगा। इसके साथ ही, ऐप के जरिए लाइसेंस वाले हथियारों और कारतूसों का डिजिटल हिसाब-किताब भी रखा जा सकेगा। इससे हथियारों के गलत इस्तेमाल को रोकने में बड़ी मदद मिलेगी और चेकिंग के दौरान पुलिस तुरंत मोबाइल पर ही लाइसेंस की सच्चाई परख सकेगी।

स्मार्ट पुलिसिंग: क्यों जरूरी है यह नया बदलाव?

यूपी पुलिस के लिए यह बदलाव इसलिए जरूरी है क्योंकि अब पुराने कागजी रिकॉर्ड के बजाय सब कुछ डिजिटल होगा। इससे केस सुलझाने की रफ्तार तेज होगी और लोकल लेवल पर पुलिस का काम बेहतर होगा। 'यक्ष' ऐप न केवल अपराधियों में डर पैदा करेगा, बल्कि आम जनता को भी पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कराएगा। अब यूपी में क्राइम कंट्रोल करने का पूरा सिस्टम डिजिटल और काफी एडवांस हो चुका है, जहां तकनीक की मदद से अपराधियों को ट्रैक करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान है।

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