Second Hand Phone Rule: सेकंड हैंड मोबाइल फोन बेचने के लिए भी नियम लागू, जानिये कैसे और क्या करना पड़ेगा?

Second Hand Phone Rule: सरकार छेड़छाड़ किए गए या काली सूची में डाले गए आईएमईआई का एक केंद्रीय डेटाबेस रखती है। पुराने मोबाइल उपकरणों की खरीद या बिक्री करने वाली संस्थाओं को पैसे के लेन-देन से पहले राष्ट्रीय आईएमईआई डेटाबेस की मदद से इनकी जांच करनी होगी और प्रत्येक आईएमईआई सत्यापन के लिए एक निश्चित शुल्क का भुगतान करना होगा।

Update: 2025-11-18 10:24 GMT

Second Hand Phone Rule: रायपुर। भारत के दूरसंचार नेटवर्क सुरक्षित रखने और नकली उपकरणों को प्रचालन में आने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने दूरसंचार अधिनियम, 2023 और दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम, 2024 के तहत अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमईआई) पंजीकरण पर सख्त नियम लागू किए हैं और इनकी छेड़छाड़ पर रोक लगाई है। आईएमईआई हर मोबाइल फोन के लिए एक विशिष्ट 15-अंकीय सीरियल नंबर होता है, जिसे उपकरण की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है। अब नए फोन के साथ पुराने मोबाइल फोन पर भी यह नियम लागू हो गया है। पुराने फोन को बेचने से पहले सत्यापन की प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसमें आईएमईआई की जांच की जाएगी।

साइबर क्राइम के लिए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर को जानबूझ कर बदल दिया जाता है, जिससे पहचान छिपाई जा सके। इससे निपटने के लिए दूरसंचार अधिनियम, 2023 आईएमईआई नंबर सहित दूरसंचार पहचानकर्ताओं के साथ छेड़छाड़ पर कठोर दंड का प्रावधान है। धारा 42(3)(सी) दूरसंचार पहचानकर्ताओं से छेड़छाड़ को विशेष रूप से प्रतिबंधित करने से संबंधित है। धारा 42(3)(एफ) में कहा गया है कि मोबाइल हैंडसेट, मॉडेम, मॉड्यूल, सिम बॉक्स आदि किसी भी रेडियो उपकरण को अनधिकृत या छेड़छाड़ किए गए दूरसंचार पहचानकर्ताओं का जानबूझकर उपयोग करना भी अपराध है। इसके उल्लंघन पर तीन साल तक की कैद, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। ये अपराध अधिनियम की धारा 42(7) के तहत संज्ञेय और गैर-जमानती हैं। धारा 42(6) में ऐसे अपराधों को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने वालों के लिए समान दंड का प्रावधान है।

पोर्टल में पंजीयन जरुरी

निर्माताओं को भारत में निर्मित प्रत्येक डिवाइस जैसे मोबाइल हैंडसेट, मॉड्यूल, मॉडेम, सिम बॉक्स आदि का आईएमईआई नंबर पहली बिक्री, परीक्षण, अनुसंधान और विकास या किसी अन्य उद्देश्य से पहले डिवाइस सेतु (भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध (आईसीडीआर)) पोर्टल ीजजचेः//पबकत.बमपत.हवअ.पद पर सरकार के साथ पंजीकृत करना होगा। उपकरण आयातकों को भारत में बिक्री, परीक्षण, अनुसंधान एवं विकास या किसी अन्य उद्देश्य के लिए आईएमईआई युक्त किसी भी उपकरण - मोबाइल हैंडसेट, मॉड्यूल, मॉडेम, सिम बॉक्स आदि - का आयात करने से पहले डिवाइस सेतु- (भारतीय नकली उपकरण प्रतिबंध (आईसीडीआर)) पोर्टल पर केंद्र सरकार के साथ आईएमईआई नंबर पंजीकृत करना होगा।

आयातित फोन को नहीं मिलेगा भारत में आईएमईआई नंबर

दूरसंचार साइबर सुरक्षा संशोधन नियम, 2025 के अनुसार, केंद्र सरकार आईएमईआई नंबर वाले दूरसंचार उपकरणों के निर्माताओं को निर्देश जारी कर सकती है कि वे भारत में दूरसंचार नेटवर्क में पहले से उपयोग में आने वाले आईएमईआई भारत में निर्मित या भारत में आयात किए जाने वाले नए दूरसंचार उपकरणों को न दें। दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम, 2024 के उपनियम 8 (3) किसी भी व्यक्ति को विशिष्ट दूरसंचार उपकरण पहचान संख्या जानबूझकर हटाने, मिटाने, बदलने या संशोधित करने; या दूरसंचार पहचानकर्ता या दूरसंचार उपकरण से संबंधित हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर का उपयोग, उत्पादन, चोरी-छिपे लाने-ले जाने, नियंत्रण या उसे अपने पास रखने से प्रतिबंधित करता है।

छेड़छाड़ वाले उपकरण की बिक्री भी अपराध

आईएमईआई में बदलाव की क्षमता वाले उपकरणों का उपयोग आईएमईआई के साथ छेड़छाड़ के समान है और अधिनियम और दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम, 2024 के अनुसार इसके विरुद्ध कानूनी प्रावधान लागू होंगे। निर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आयातकों, विक्रेताओं, पुनर्विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं को पता होना चाहिए कि छेड़छाड़ किए गए या कॉन्फ़िगर किये गये आईएमईआई नंबर वाले उपकरणों के निर्माण, खरीद, संयोजन या उपयोग के गंभीर कानूनी नतीजे भुगतना पड़ सकते हैं।।

पंजीकरण पोर्टल और प्रक्रिया

यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी पंजीकरण, डिवाइस सेतु - भारतीय नकली उपकरण प्रतिबंध (आईसीडीआर) पोर्टल  के माध्यम से होने चाहिए । इस प्रक्रिया में कंपनी पंजीकरण, जीएसएमए टाइप एलोकेशन कोड (टीएसी) से जुड़ा ब्रांड पंजीकरण, डिवाइस मॉडल पंजीकरण, आईएमईआई नंबर पंजीकरण और सीमा शुल्क निकासी के लिए प्रमाणपत्र सृजित करना शामिल है।

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