संसद में अब डिजिटल पेन से होगी हाजिरी, संसद भवन का डिजिटलाइजेशन तेज़ी से बढ़ा

Update: 2024-11-26 09:49 GMT

संसद भवन में तकनीक का एक और कदम: सांसद अब डिजिटल पेन का इस्तेमाल कर अपनी हाजिरी लगाएंगे। यह पहल संसद को पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। लोकसभा में सभी सांसदों को डिजिटल पेन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उपस्थिति दर्ज करने का पारंपरिक तरीका बदल जाएगा।

डिजिटल पेन: काम करने का तरीका

डिजिटल पेन का कामकाज काफी सरल है। यह ठीक उसी तरह काम करता है जैसे टैबलेट या मैक के साथ मिलने वाले स्मार्ट पेन। संसद में इन पेन का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट के साथ किया जाएगा। सांसद संसद भवन में लगे टैबलेट पर अपने नाम को सर्च करेंगे और डिजिटल पेन से हस्ताक्षर कर अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे।

यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और कागज-पेन का इस्तेमाल पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। लोकसभा में इसके लिए खासतौर पर संसद की लॉबी में इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट लगाए गए हैं, जहां सांसदों की हाजिरी दर्ज होगी।

संसद भवन के डिजिटलाइजेशन की दिशा में बड़ा कदम

यह पहल संसद भवन को पूरी तरह डिजिटल बनाने के उद्देश्य से की गई है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने इस नई व्यवस्था को मंजूरी दी है। पहले सांसदों की उपस्थिति कागज और पारंपरिक पेन के जरिए दर्ज की जाती थी, लेकिन अब इस प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर आधुनिक और पारदर्शी बनाया गया है।

इस नई प्रणाली का मुख्य उद्देश्य संसद भवन के सभी कार्यों को डिजिटल और पेपरलेस बनाना है। इससे न केवल संसदीय प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा।

डिजिटल पेन की खासियत

डिजिटल पेन किसी साधारण पेन की तरह ही काम करता है, लेकिन इसे ऑनलाइन कार्यों के लिए डिजाइन किया गया है। इसे इस्तेमाल करने के लिए सांसदों को विशेष प्रशिक्षण की जरूरत नहीं है। पेन में किसी विशेष तकनीकी फीचर की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह केवल इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट पर काम करेगा।

इस पेन का इस्तेमाल संसद भवन के अन्य कार्यों के लिए भी किया जा सकता है, जैसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना और नोट्स बनाना। यह प्रक्रिया न केवल सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि सांसदों के समय और संसाधनों की भी बचत करेगी।

पेपरलेस प्रक्रिया का लाभ

डिजिटल पेन और टैबलेट के इस्तेमाल से संसद के कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता आएगी। पेपरलेस होने से कागज की खपत कम होगी, जिससे पर्यावरण को फायदा होगा। साथ ही, इस प्रक्रिया के माध्यम से सांसदों की उपस्थिति के रिकॉर्ड को ऑनलाइन ट्रैक और सुरक्षित किया जा सकेगा।

Similar News