महंगे पार्ट्स ने बिगाड़ा सैमसंग का खेल, Galaxy S26 सीरीज की लॉन्चिंग पर मंडराए बादल!
Samsung Galaxy S26 Series Latest News: Samsung Galaxy S26 सीरीज की लॉन्चिंग से पहले बड़ी मुसीबत सामने आई है। बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग लागत और महंगे चिपसेट के कारण सैमसंग कीमतों पर फैसला नहीं ले पा रहा है। क्या पार्ट्स के दाम बढ़ने से इस बार गैलेक्सी सीरीज आपकी जेब पर भारी पड़ेगी? जानिए पूरी रिपोर्ट।
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Samsung Galaxy S26 Series: सैमसंग की सबसे चर्चित फ्लैगशिप सीरीज, Galaxy S26, अपने लॉन्च से पहले ही मुश्किलों के भंवर में फंसती नजर आ रही है। फरवरी 2026 में होने वाले लॉन्च के लिए अब बस 2 महीने बचे हैं, लेकिन कंपनी के अंदरूनी गलियारों से आ रही खबरें अच्छी नहीं हैं। कई ग्लोबल रिपोर्ट्स का दावा है कि सैमसंग अब तक अपनी इस सीरीज की कीमतों का निर्धारण नहीं कर पाया है। स्मार्टफोन को बनाने में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स यानी कॉम्पोनेंट्स की कीमतों में जिस तरह का उछाल आया है, उसने कंपनी के पूरे गणित को बिगाड़ कर रख दिया है।
कॉम्पोनेंट्स की कीमतों ने बढ़ाई सैमसंग की टेंशन
स्मार्टफोन इंडस्ट्री के जानकारों के अनुसार, इस समय मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट में हुई बढ़ोतरी ने सैमसंग को बैकफुट पर धकेल दिया है। खासकर मोबाइल DRAM की कीमतों में आई तेजी ने कंपनी की नींद उड़ा दी है। आज के समय में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की बढ़ती डिमांड की वजह से डेटा सेंटर्स इन चिप्स का भारी इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे इनकी सप्लाई कम और कीमत ज्यादा हो गई है। इसके अलावा एडवांस्ड कैमरा सेंसर्स और प्रीमियम OLED पैनल की बढ़ती लागत ने भी आग में घी डालने का काम किया है।
क्या बजट के चक्कर में परफॉरमेंस से होगा समझौता?
सैमसंग के सामने अब 'कुआं और खाई' वाली स्थिति है। अगर वह अपनी लागत कम करने के लिए सस्ते पार्ट्स का चुनाव करता है, तो कंपनी के नाम और भरोसे के साथ-साथ फोन की परफॉरमेंस पर भी असर पड़ेगा। इसी बीच यह खबर भी है कि सैमसंग अपनी लागत बचाने के लिए Exynos 2600 चिपसेट को फिर से मैदान में उतारने वाला है। गैलेक्सी S26 और S26 प्लस में इन-हाउस चिपसेट का इस्तेमाल कर कंपनी क्वालकॉम को दी जाने वाली भारी भरकम रॉयल्टी से बचना चाहती है। हालांकि, प्रीमियम मॉडल S26 Ultra में अभी भी क्वालकॉम स्नैपड्रैगन का ही इस्तेमाल होने की चर्चा है, जो पहले ही काफी महंगा हो चुका है।
मुनाफे की जंग में फंसे सैमसंग के फ्लैगशिप फोन
एक तरफ जहां सैमसंग अपने 'ट्राई-फोल्ड' फोन जैसे इनोवेशन पर घाटा सहकर भी काम कर रहा है, वहीं Galaxy S26 सीरीज के साथ वह ऐसा जोखिम नहीं ले सकता। यह सीरीज सैमसंग के लिए मुनाफे का मुख्य जरिया है। अगर कीमतें ज्यादा रखी गई, तो एप्पल और चीनी ब्रांड्स से मिल रही टक्कर के बीच ग्राहकों को खोने का डर है। और अगर कीमतें नहीं बढ़ाई गई, तो कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन पूरी तरह खत्म हो जाएगा। यही वो वजह है जिसने सैमसंग मैनेजमेंट को कीमतों पर कोई ठोस फैसला लेने से रोक रखा है।
सप्लायर्स के साथ बैठकों का दौर जारी
सैमसंग के स्मार्टफोन डिवीजन के हेड, रोह ताए-मून, फिलहाल इस क्राइसिस को सुलझाने के लिए सीधे तौर पर सप्लायर्स के साथ बातचीत कर रहे हैं। कंपनी की कोशिश है कि किसी तरह पार्ट्स की कीमतों में डिस्काउंट हासिल किया जा सके ताकि फरवरी 2026 में फोन को एक सही प्राइस टैग के साथ पेश किया जा सके। लेकिन बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए यह रास्ता काफी कठिन लग रहा है। अब सबकी निगाहें सैमसंग के अगले कदम पर टिकी हैं — क्या कंपनी कीमतों में बढ़ोतरी का कड़वा घूंट पिएगी या फीचर्स में कोई कटौती करेगी?