Country Code: भारत के मोबाइल नंबर के आगे क्यों होता है +91? जानिए इसके पीछे की वजह

Mobile Number Ke Aage +91 Kyo Rahta Hai: आपने कभी गौर किया होगा जब भी हम किसी को फोन करते हैं, खासकर जब अंतर्राष्ट्रीय फोन करते हैं तो नंबर के आगे +91 लिखा होता है। कभी आपने सोचा नहीं कि आखिर ये +91 क्यों लिखकर आता है? अगर नहीं तो आज हम इसके बारे में यहां जानेंगे कि आखिर मोबाइल नंबर के आगे +91 (Mobile Number Ke Aage +91) लगा होता है। बता दें कि यह कोई साधारण अंक नहीं है, बल्कि भारत वैश्विक टेलीफोनिक (India Global Telephonic) पहचान है। +91 भारत का स्थानीय कोड (Country Code+91) है, जो यह बताता है कि संबंधित मोबाइल या लैंडलाइन नंबर भारत का है।

Update: 2025-06-25 05:33 GMT

Mobile Number Ke Aage +91 Kyo Rahta Hai: आपने कभी गौर किया होगा जब भी हम किसी को फोन करते हैं, खासकर जब अंतर्राष्ट्रीय फोन करते हैं तो नंबर के आगे +91 लिखा होता है। कभी आपने सोचा नहीं कि आखिर ये +91 क्यों लिखकर आता है? अगर नहीं तो आज हम इसके बारे में यहां जानेंगे कि आखिर भारत के मोबाइल नंबर के आगे +91 (Mobile Number Ke Aage +91) क्यों लिखा होता है। बता दें कि यह कोई साधारण अंक नहीं है, बल्कि भारत वैश्विक टेलीफोनिक (India Global Telephonic) पहचान है। +91 भारत का स्थानीय कोड (Country Code+91) है, जो यह बताता है कि संबंधित मोबाइल या लैंडलाइन नंबर भारत का है। 

क्या होता है कंट्री कोड?

स्थानीय कोड जिसे हम कंट्री कोड (Country Code) भी कहते हैं एक विशेष संखात्मक पहचान होती है, जो यह निर्धारित करती है कि कॉल या संदेश को किस देश के रुट किया जाना है। जैसे कि भारत के लिए +91, यूनाइटेड किंगडम के लिए +44, अमेरिका के लिए +1 और चीन के लिए +86 अंतर्राष्ट्रीय डायलिंग कोड होता है। इन कोड्स (Country Code) के जरिए टेलीकॉम नेटवर्क यह पहचान करता है कि किसी कॉल या संदेश को गंतव्य किस देश में है।

+91 का उपयोग कब और क्यों?

अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि +91 का उपयोग कब और क्यों किया जाता है? तो बता दें कि जब कोई व्यक्ति विदेश से भारत के व्यक्ती को कॉल करता है, तो उसे मोबाइल नंबर के आगे भारत का स्थानीय कोड +91 (Country Code +91) का उपयोग करना होता है। यदि वह +91 का उपयोग नहीं करते तो कॉल सही रूट पर नहीं होगी या फिर लगेगा ही नहीं। अगर आप भारत के अंदर ही किसी को कॉल कर रहें हैं तो स्थानीय कोड अपने आप ही सिस्टम में जुड़ जाता है। 

कंट्री कोड की शुरुआत कैसे हुई?

अब रहा सवाल ये कि स्थानीय कोड (Country Code) की शुरुआत कब से हुई थी, तो बता दें कि स्थानीय कोड की शुरुआत साल 1960 में हुई थी। जिसकी शुरुआत इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन (ITU) नाम के संगठन ने की थी। बताया जा रहा है कि टरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन (ITU) संगठन ने 1960 में देशों को स्थानीय कोड (Country Code) देने की प्रणाली को शुरु की, ताकि दुनिया भर में कॉलिंग को और भी व्यवस्थित किया जा सके। 

सुरक्षा और ट्रैकिंग में भी मददगार

स्थानीय कोड (Country Code) की मदद से साइबर सुरक्षा एजेंसियों और नेटवर्क ऑपरेटरों को यह पता चल पाता है कि कौन सी कॉल किस देश से आई है या भेजी गई है। इससे फर्जी कॉल्स, स्पैम और धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलती है।

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