तहसीलदार पर प्रताड़ना का आरोप……पीड़ित ने तहसीलदार से ही मांगी इच्छा मृत्यु.. तहसीलदार की दलील- आवेदन औचित्यहीन, सरकारी ज़मीन पर बेजा निर्माण पर स्टे देने का है नतीजा

Update: 2020-01-15 05:51 GMT

जशपुर,15 जनवरी 2019। ज़िले में एक आवेदन वायरल हो रहा है, जिसमें तहसीलदार से प्रताड़ना की बात कह कर तहसीलदार को ही पत्र लिख उससे सपरिवार इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की बात लिखी गई है।
आवेदन में उल्लेख है कि, आवेदक दशरथ जायसवाल की गम्हरिया डोड़का चौरा में भोजनालय और अचार कुटीर है,तहसीलदार जशपुर विगत 13 जनवरी की रात नौ बजे पहुँच कर कहा गया कि

“मैं यहाँ का तहसीलदार हूँ,और इस तहसील का मालिक हूँ,जशपुर तहसील की सारी ज़मीन हमारी है,जिस दिन मैं चाहूँ इस भोजनालय में ताला लगा दूँगा,सभी प्रकार के अधिकार हमारे पास हैं, चाहे तो फाँसी भी दे सकता हूँ,मेरा इतना अधिकार है कि जब मैं यहाँ आउं तो मेरे सिवाय यहाँ कोई नहीं सिर्फ़ मैं ही रहूं”

आवेदन में आगे लिखा गया है

“आपसे ( तहसीलदार जशपुर ) से निवेदन किया गया कि,आपके लिए अलग से केबिन की व्यवस्था की जाएगी,लेकिन श्रीमान जी निवेदन को नज़र अंदाज किए और अपनी बात रखकर साथी समेत चले गए, आपसे मेरा परिवार भयभीत है कि किसी प्रकार का झूठा आरोप तथा ताला लगाने एवं फाँसी देने से पहले हमें सपरिवार इच्छामृत्यु देने की महान कृपा करें”

इधर इस मसले को लेकर तहसीलदार जशपुर के के मिरी ने NPG से कहा –

“ऐसा कोई विषय नहीं है, वे जिस भोजनालय और अचार कुटीर चला रहे हैं वह शासकीय ज़मीन है, उनके द्वारा पृथक से निर्माण कराया जा रहा था, जिस पर मेरे द्वारा स्थगन दिया गया है, मेरी ओर से वही कार्यवाही की गई है जो कि मुझे पदेन दायित्व के तहत करनी थी,इसके अलावा ना कोई बात है और ना मुझे कुछ कहना ही है”

बहरहाल आवेदन वायरल हो रहा है, आवेदन में उपयोग में लाए गए शब्द उपहासात्मक से लगते हैं, हालाँकि इच्छामृत्यु की अनुमति के विषय वाले इस आवेदन ने उसे लोगों को पढ़ने को बाध्य तो किया ही है।

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