सस्पेंड : 10वीं में 100% रिजल्ट देने व राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल कर चुके शिक्षक को कमिश्नर ने किया सस्पेंड…. DEO के बिना इजाजत स्कूलों में NGO से बंटवाये थे रजिस्टर…..कर्मचारी संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी

Update: 2020-01-15 07:51 GMT

रतलाम 15 जनवरी 2020। स्कूल में बच्चों को निशुल्क रजिस्टर बांटने के मामले में कमिश्नर ने हाईस्कूल के प्राचार्य को सस्पेंड कर दिया है। शिक्षक का नाम आरएन केरावत है, उन्हें राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान से तो नवाजा गया ही है, स्कूल में 100 प्रतिशत रिजल्ट देने का भी रिकार्ड उनके नाम है। शिक्षक पर आरोप है कि डीईओ के बगैर इजाजत के स्कूल में उन्होंने वीर सांवरकर एनजीओ के जरिये रजिस्टर बंटवा दी। रजिस्टर में सांवरकर की तस्वीर भी लगी थी, जो प्रशासन को बिल्कुल नागवार लगा, जिसके बाद प्राचार्य को सस्पेंड कर दिया गया है।

ये पूरा प्रकरण 4 नवंबर 2019 का था, जब शासकीय हाईस्कूल मलवासा में सांवरकर एनजीओ ने रजिसस्टर बांटी थी, जिसकी शिकायत कांग्रेस ने जिला प्रशासन से की गयी थी, जिसके बाद कमिश्नर अजीत कुमार ने इसे लापरवाही और अनियमितता का मामला मानते हुए प्राचार्य आरएन केरावत को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया। प्राचार्य को डीपीआई उज्जैन के ज्वाइंट डायरेक्टर आफिस में अटैच किया गया है।

इस मामले में प्राचार्य का कहना था कि उन्हें ये नहीं मालूम था कि ये एक इस्यू बनेगा, क्योंकि स्कूल में कई संस्थाएं शिक्षण सामिग्री बांटने आती है, चूंकि रजिस्टर छात्र हित में था, इसलिए उन्होंने बिना सोचे समझे रजिसस्टर बंटवा दिया। इधर एनजीओ के संचालक खुलकर प्राचार्य के साथ खड़े हैं। एनजीओ के सचिव ने कहा कि रजिस्टर संस्था ने बांटे थे तो कार्रवाई संस्था पर होनी चाहिये थी, इसे दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई बतातेहुए तत्काल सस्पेंशन को वापस लेने की मांग की है। इधर कई कर्मचारी संगठन भी खुलकर इसकी आलोचना कर रहे हैं। संगठनों ने 7 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर सस्पेंशन वापस नहीं हुआ तो आंदोलन किया जायेगा।

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