IND W vs SA W: भारत की बेटियों ने रचा इतिहास, पहली बार महिला वनडे विश्व कप भारत के नाम, दीप्ति शर्मा और शेफाली वर्मा बनीं हीरो, भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराया
Women World Cup 2025: भारतीय महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार महिला वनडे विश्व कप जीता। मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में हुए फाइनल में दीप्ति शर्मा ने 5 विकेट झटके, शेफाली वर्मा ने 87 रन बनाए।
Women World Cup 2025: मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में रविवार को वो पल आया जिसका इंतज़ार करोड़ों भारतीय फैंस बरसों से कर रहे थे। हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में भारतीय महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार वनडे विश्व कप का खिताब जीत लिया। यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट की नई पहचान बन गई।
दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 299 रन का लक्ष्य मिला था। कप्तान लौरा वॉल्वार्ट (101) और टैजमिन ब्रिट्स (23) ने 9.1 ओवर में 51 रन जोड़कर शानदार शुरुआत दी। लेकिन इसके बाद भारतीय गेंदबाज़ों ने वापसी की अमनजोत कौर ने रन आउट से ब्रिट्स को चलता किया, तो श्रीरणी ने एनेकी बॉश को बिना खाता खोले पवेलियन भेज दिया। स्कोर 62/2 हुआ तो भारतीय खेमे में जोश लौट आया।
वॉल्वार्ट का शतक, मगर दीप्ति ने पलट दी बाज़ी
वॉल्वार्ट ने कप्तानी पारी खेलते हुए एनेरी ड्रेक्सन (35) के साथ मिलकर पारी को संभालने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही दीप्ति शर्मा ने ड्रेक्सन को आउट किया, दक्षिण अफ्रीका की पारी बिखरने लगी। रन रेट का दबाव बढ़ता गया और 45.3 ओवर में पूरी टीम 246 रन पर सिमट गई। दीप्ति शर्मा ने गेंद से कमाल दिखाते हुए 5 विकेट झटके, जबकि शेफाली वर्मा ने 2 और श्रीरणी ने 1 विकेट लिया। तीन बल्लेबाज रन आउट हुए। दीप्ति को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।
भारत की बल्लेबाज़ी में शेफाली-दीप्ति चमकीं
इससे पहले भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 7 विकेट पर 298 रन बनाए। स्मृति मंधाना (45) और शेफाली वर्मा (87) ने पहले विकेट के लिए 104 रन जोड़कर बेहतरीन शुरुआत दी। शेफाली अपने शतक से सिर्फ 13 रन दूर रह गईं, लेकिन उनकी पारी ने भारत को मजबूत आधार दिया।
जेमिमा रोड्रिग्स (24) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (20) ने छोटे-छोटे योगदान दिए, जबकि ऋचा घोष ने 24 गेंदों में तेज़ 34 रन बनाए। दीप्ति शर्मा ने अंत में 58 गेंदों पर 58 रन की एंकर भूमिका निभाई और भारत को 300 के करीब पहुंचा दिया। दक्षिण अफ्रीका की ओर से अयाबोंगा खाका ने 3 विकेट झटके, जबकि एन मल्बा, क्लो ट्रायन और नाडिने क्लर्क को एक-एक सफलता मिली।
इतिहास में दर्ज हुआ भारतीय महिला क्रिकेट का सुनहरा अध्याय
इस जीत के साथ भारतीय महिला टीम ने न सिर्फ अपनी सीमाएं तोड़ीं, बल्कि दुनिया को दिखाया कि मेहनत और जुनून से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। डीवाई पाटिल की रात गवाह बनी उस पल की जब नीले जर्सी में बेटियों ने देश का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिख दिया।