क्रिकेट जगत में शोक की लहर: ICC के पूर्व अंपायर का निधन, मॉडल के कारण खत्म हुआ था करियर...
नई दिल्ली। पाकिस्तान के लाहौर में जन्मे पूर्व अंपायर असद रऊफ का निधन हो गया है। 66 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा है। कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हुआ है। उन्होंने 200 से ज्यादा इंटरनेशनल मैचों में अंपायरिंग की थी। इसके अलावा वे आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में भी अंपायरिंग कर चुके थे। हालांकि, 2013 में उनको बैन कर दिया गया था, क्योंकि बीसीसीआई ने उनको सट्टेबाजों के साथ मिला हुआ पाया था।
दरअसल, साल 2006 में असद रऊफ को आईसीसी के एलीट पैनल अंपायर में शामिल किया गया था. इसके बाद उन्होंने 47 टेस्ट, 98 वनडे और 23 टी20 इंटरनेशनल मैचों में अंपायरिंग की. वे पाकिस्तान के सबसे अच्छे अंपायरों में से एक गिने जाते थे, लेकिन रऊफ के करियर में एक बूरा दौर आया जब IPL 2013 फिक्सिंग प्रकरण में उनका नाम सामने आया. मुंबई पुलिस ने राउफ को चीटिंग, सट्टेबाजी और धांधलेबाजी का अपराधी ठहराया. इसके बाद आईसीसी ने तुरंत प्रभाव से राउफ को 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए लिस्टेड अंपायर्स की लिस्ट से बाहर कर दिया. इसके बाद असद रऊफ ने साल 2013 में सभी प्रकार की अंपायरिंग से संन्यास ले लिया था.
लाहौर में जूते-चप्पल बेचते दिखे
बीसीसीआई द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उनका करियर का बर्बाद हो गया। वह लाहौर में जूते-चप्पल की दुकान चलाकर अपना पेट पालते दिखे। अपनी दुकान को लेकर रऊफ ने कहा था, ''वह यह दुकान अपने लिए नहीं चला रहे हैं। वह अपने स्टाफ के लोगों के लिए यह दुकान चला रहे हैं। ताकि उनकी रोजी-रोटी चल सके। वो और उनकी पत्नी पांच बार की नमाज पढ़ते हैं। उनका एक बेटा दिव्यांग है और दूसरा हाल ही में अमेरिका से अपनी पढ़ाई पूरी कर लौटा है। उनकी आदत है कि वो जो भी काम करते हैं, उसके शीर्ष पर जाते हैं। क्रिकेट खेला तो उसके शीर्ष पर गया। इसके बाद अंपायरिंग की तो उसके भी शीर्ष तक पहुंचे। अब उन्हें दुकानदारी में भी ऐसा करना है।'' वहीं साल 2016 में रऊफ को बीसीसीआई (BCCI) द्वारा भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया पाकिस्तानी अंपायर को औपचारिक रूप से मुंबई पुलिस ने साल 2013 में आईपीएल सट्टेबाजी कांड में आरोपी पाया था. बैन के बाद असद राउफ ने लाहौर में सेकेंड हैंड कपड़ों की दुकान खोल ली और अंपायरिंग से किनारा कर लिया