Child Study Tips Hindi:पढाई से भागता है आपका लाडला तो नहीं हो परेशान, पैरेंटस ये टिप्स आपके बच्चे के लिए आ सकते हैं काम

Child Study Tips Hindi:बच्चे की पढ़ाई को लेकर परेशान रहते हैं लाख समझाने पर भी आपका बच्चा पढने से बचने के लिए बहाना बनाता है तो आप इन टिप्स की मदद से बच्चे को पढ़ाई की तरफ ला सकते हैं...

Update: 2023-11-27 03:57 GMT

Child Study Tips Hindi:अक्सर बच्‍चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है और वो कोई न कोई बहाना बनाकर पढ़ाई से बचने की सोचते रहते हैं। इसका सीधा असर उनकी पढ़ाई पर पड़ता है। ऐसे में माता-पिता की चिंता बढ़ जाती है। अगर आपको भी लगता है कि आपका बच्‍चा पढ़ाई से बचने के लिए बहाने बनाता है और उसका पढ़ाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता है तो पेरेंटिंग के कुछ ऐसे टिप्‍स हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं। 

ऐसे लगेगा आपके बच्चे का पढ़ाई में मन

  • अगर आपका बच्‍चा पढ़ने के नाम पर भागता है तो इसका सबसे बड़ा कारण घर में पढ़ाई का माहौल ना होना है। अगर आप बच्‍चों को बार बार पढ़ने के लिए कहते हैं और घर में बहुत सारा डिस्‍ट्रैक्‍शन है तो आपका यह व्‍यवहार उसे किताबों से और दूर कर सकता है। ऐसे में उसे समझने में परेशानी होगी और उसका मन पढ़ाई से और भी हट जाएगा, इसलिए उसे अच्‍छा माहौल दें, घर में शांति रखें, रोशनी और पढ़ाई के लिए शांत जगह पर स्‍टडी डेस्‍ट रखें।
  • अपने बच्‍चे को पढ़ने के लिए मोटिवेट करने का सबसे अच्‍छा तरीका है कि पढ़ाई करते समय आप भी उसके साथ बैठें। इस समय फोन या लैपटॉप में लगने की बजाय आप उसकी मदद करें या अपने ऑफिस का काम निपटा लें।
  • बच्‍चों को एप्रिशिएट करना बहुत जरूरी है। अगर आप केवल उनमें कमियां निकाल रहे हैं तो उनका मन उदास रहेगा और वे मन लगाकर कभी भी नहीं पढ़ेंगे।इसलिए उनकी छोटी छोटी सफलताओं या प्रयासों को लेकर अपना उत्‍साह दिखाएं और उन्‍हें सराहना दें. ऐसा करने से उन्‍हें प्रयास करने की हिम्‍मत मिलती रहेगी।
  • कई बार बच्‍चे दिनभर इतना थक जाते हैं कि उन्‍हें किताबें पढ़ते वक्‍त नींद आने लगती है। ऐसे में अगर वे पढ़ते भी हैं तो उन्‍हें कुछ भी समझ नहीं आता। ऐसे में उनका मन पढ़ाई से उचटने लगते है। इसलिए कोशिश करें कि बच्‍चे कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करें। इस तरह उनका ब्रेन पढ़ाई के समय एक्टिव रहेगा और वे नॉलेज को एन्‍जॉय कर सकेंगे।
  • एक रिसर्च के अनुसार, योग करने से बच्‍चे की पढ़ाई पर सकारात्‍मक असर पड़ता है। उनका मन एकाग्रचित होता है वे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर पाते हैं। यही नहीं, उनके डाइट का भी खास ख्‍याल रखकर आप उनकी पढ़ाई को बेहतर बना सकते हैं। बच्‍चों को जंक फूड खाने से रोकें, हेल्‍दी डाइट दें और खेलने का भी मौका दें, इससे उनका मानसिक और शारीरिक सेहत बेहतर रहेगा और वे पढ़ाई में अपनेआप अच्‍छा करने लगेंगे।
  • बच्‍चों पर पढ़ाई का प्रेशर या टेंशन न बनाए। अगर आप बच्‍चे को हर वक्‍त पढ़ाई का प्रेशर देंगे तो इसका नकारात्‍मक असर होगा. अगर उस पर ओवर लोड देंगे तो यह भी उसे पढ़ाई से दूर करने का काम करेगा। आप बच्‍चे के पढ़ाई को लेकर टीचर से बात करें और बच्‍चे को पढ़ाई के तरफ खींचने का नया तरीका अपनाने का प्रयास करें। अच्‍छे रिसोर्स का इस्‍तेमाल करें, पढ़ाई को उदाहरण के साथ जोड़ें। बता दें कि हंसते खेलते बच्‍चों को आप बड़ी ही आसानी से कठिन चीजें भी समझा सकते हैं और उनका इंट्रेस्‍ट खुद ही उस विषय में बढ़ने लगेगा।
  • माता-पिता बच्‍चे को अच्‍छे नंबर लाने पर जोर देते हैं जबकि ऐसा करने बिलकुल गलत है। आपको अच्‍छे नंबर लाने की बजाय अपने बच्‍चे को सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उससे पूछें कि उसने स्‍कूल में क्‍या किया और आज क्‍या सीखा।
  • आपके लिए ये समझना बहुत जरूरी है कि आपके बच्‍चे की सीखने और याद करने की क्षमता कैसी है। वो बोल-बोल कर याद करता है या लिखने से उसे जल्‍दी याद होता है। इससे आपको पढ़ाने में आसानी होगा।
  • अपने बच्‍चे की बात और विचारों को सुनना एवं उसे महत्‍व देना बहुत जरूरी है। इससे उसमें आतमविश्‍वास आएगा। अपनी बात को सही ठहराने के गुर भी आप उसे सिखाएं।पढ़ाई में फेल होने का बोझ बच्‍चे पर डालना बहुुत गलत है। अगर आपके बच्‍चे के कम नंबर आते हैं उसे डांटे नहीं और न ही उसके दोस्‍तों या किसी और के आगे शर्मिंदा करें । बच्‍चे को दोबारा कोशिश करने और बेहतर परफॉर्म करने के लिए मोटिवेट करें।
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