Boysober Practice : रिश्तों की गलियों में एक नया चलन "बॉयसोबर प्रैक्टिस"

Boysober Practice : टॉक्सिक रिलेशनशिप, सिचुएशनशिप और डेटिंग ऐप्स पर घंटों बिताने वाले युवा अब इससे निकलने के लिए बॉयसोबर प्रैक्टिस को अपना रहे हैं.

Update: 2024-07-09 18:13 GMT

Boysober Practice : टॉक्सिक रिलेशनशिप, सिचुएशनशिप और डेटिंग ऐप्स पर घंटों बिताने वाले युवा अब इससे निकलने के लिए बॉयसोबर प्रैक्टिस को अपना रहे हैं. ये चलन आज के युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है.

बहुत से लोग आपको समाज में ऐसे मिल जाएंगे जो सिचुएशनशिप में फंसे हुए हैं. हालांकि, दुनिया की तरह अब लोगों की सोच भी तेजी से बदल रही है.

लोग खुद को समय दे रहे हैं और अपने भविष्य और विकास के बारे में सोच रहे हैं. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये बॉयसोबर होता क्या है और ये आया कहां से.

बॉयसोबर प्रैक्टिस



बॉयसोबर प्रैक्टिस यानी आप टॉक्सिक रिलेशनशिप के साथ जीना छोड़ देते हैं. आप अपने आप को निखारने में समय लगाते हैं. कुछ नया सीखते हैं, अपना भविष्य बेहतर बनाते हैं. सीधी भाषा में कहें तो बॉयसोबर प्रैक्टिस का मतलब कि आप दूसरों से प्यार की अपेक्षा करना बंद कर देते हैं और खुद से प्रेम करने लगते हैं. इसे आप सेल्फ लव या सेल्फ केयर भी कह सकते हैं.


युरोप और अमेरिका में ज्यादा 

बॉयसोबर प्रैक्टिस सुन कर अगर आप समझ रहे हैं कि सिर्फ लड़कों के लिए है तो गलत हैं आप. दरअसल, इस प्रैक्टिस को लड़के और लड़कियां दोनों आज के समय में अपना रहे हैं. ये प्रैक्टिस फिलहाल युरोप और अमेरिका में ज्यादा की जा रही है. लेकिन भारतीय युवा भी अब इसे अपना रहे हैं. खासतौर से वो युवा जो शहरों में रहते हैं और मोटी सैलरी वाली नौकरी कर रहे हैं.

बॉयसोबर शब्द का मतलब



ये शब्द सबसे पहले इंटरनेट पर होप वुडार्ड ने इस्तेमाल किया. होप एक कॉमेडियन हैं जो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहते हैं. साल 2024 में उन्होंने अपने एक टिकटॉक वीडियो में बॉयसोबर के रूल्स भी बताएं. उनके मुताबिक, बॉयसोबर के रूल्स हैं कि आप किसी टॉक्सिक रिलेशनशिप को एक्सेप्ट नहीं करेंगे, किसी सिचुएशनशिप में नहीं फंसेंगे और ना ही आप किसी डेटिंग ऐप के चक्कर में पड़ेंगे. आप सिर्फ अपने आप को एक्सप्लोर करेंगे. वो चीजें बिना रोक टोक के करेंगे जो आपको खुशी दें.

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