Vastu Dosha aur Jyotish upay : ऐसे जानें अपने घर का वास्तु दोष और उपाय, वरना हो सकते हैं जानलेवा बीमारी की शिकार

Vastu Dosha aur Jyotish upay : वास्तु के कुछ नियमों का ठीक ढंग से पालन किया जाए तो घर में रहने वाले सभी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रह सकते हैं। जानते हैं इससे बचने के सरल उपाय।

Update: 2023-07-24 13:08 GMT

Vastu Dosha aur Jyotish upay : कहते है अच्छा स्वास्थ्य ही धन है।  ग्रह नक्षत्रों का उतना प्रभाव शायद न हो लेकिन हमारे घर और उसके भीतर का माहौल  व्यक्ति पर अवश्य ही प्रभाव पड़ता है। यदि घर में वास्तु दोष है तो घर में आ सकती बीमारी। कोई न कोई रोग आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को घेरे ही रहता है। डॉक्टर के चक्कर लगाने के बाद भी समस्या का हल समझ में नहीं आता। क्या आप जानते हैं कई बार आपके रोग का कारण आपके घर के वास्तु से होता है। घर में वास्तुदोष होने से वहां रहने वाले लोग बीमार पड़ सकते हैं। वास्तु के कुछ नियमों का ठीक ढंग से पालन किया जाए तो घर में रहने वाले सभी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रह सकते हैं। जानते हैं इससे बचने के सरल उपाय।

घर के आस पास लगाएं ये प्लांट

घर के आसपास केला, तुलसी, मनी प्लांट, अनार, पीपल, बड़, आम, नारियल, बांस, जामुन और जामफल के पेड़ पौधे होना चाहिए, कांटेदार नहीं।हमेशा समय समय पर द्वार और देहली की पूजा करें और इसे साफ सुथरा रखें।

किसी भी दिशा में गलत रंग के पत्थर का फर्श ना बनवाए। उत्तर में काले, उत्तर-पूर्व में आसमानी, पूर्व में गहरे हरे, आग्नेय में बैंगनी, दक्षिण में लाल, नैऋत्य में गुलाबी, पश्चिम में सफेद और वायव्य में ग्रे रंग के फर्श होना चाहिए। यदि आप अलग अलग रंग के पत्थर नहीं लगवाना चाहते हैं तो आप सभी कमरों में गहरे हरे या फिर पीले रंग का फर्श लगवा सकते हैं, पीले में पिताम्बर उत्तम है।

घर में रूम में ऐसे मिटाएं वास्तु दोष

हर रूम के लिए अलग-अलग रंगों का सुंदर सा करपेट लाएं और उसे बिछाएं। उस कारपेट की प्रतिदिन अच्छे से साफ रखें। घर के द्वार के बाहर रंगोली बनाए। रंगोली या मांडना हमारी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति की समृद्धि के प्रतीक हैं। इससे घर परिवार में मंगल रहता है। आपके घर में किसी कमरे, किचन या अन्य किसी स्थान की टाइल्स टूटी हुई है तो उसे जल्दी ठीक कराना चाहिए, क्योंकि टूटी टाइल भी वास्तुशास्त्र के हिसाब से ठीक नहीं मानी जाती। मकान के फर्श का ढाल पूर्व, उत्तर या ईशान दिशा की ओर होना चाहिए। इसमें भी उत्तर दिशा उत्तम है।

घर के दरवाजे के उपर अंदर और बाहर गणेशजी के चित्र लगाना चाहिए। द्वार के दाएं और बाएं शुभ और लाभ लिखें और द्वार पर वंदरवार लगाएं जिसमें बेल-बूटे, नक्काशी या सुंदर चित्र बने हों। दरवाजे की देहली भी अच्छी और मजबूत होना चाहिए जिसके आसपास स्वास्तिक बनाना चाहिए। ध्यान रखें, द्वार के बाहर अपने किसी गुरु या किसी अन्य देवी या देवता का चित्र कदापि न लगाएं।

बाथरूम और टॉयलेट अटैच्ड नहीं रहना चाहिए। ये दोनों किचन के पास नहीं होना चाहिए।  आपकी खिड़की को भी अच्छे से सजाकर और पर्दे से ढंकी हुई रखे। खिड़की के आसपास बेलबुटे वाले चित्र होना चाहिए या रांगोली या मंडने वाली चित्रकारी होना चाहिए। घर में अतिथि कक्ष में हंस की बड़ी-सी तस्वीर लगाएं जिससे अपार धन समृद्धि की संभावनाएं बढ़ जाएगी। इसके अलावा कहीं किसी कोने में धन के ढेर का एक छोटा-सा चित्र भी लगा सकते हैं। 

इन तस्वीरों से मिटाएं वास्तु दोष

गृहकलह या वैचारिक मतभेद से बचने के लिए हंसते मुस्कुराते संयुक्त परिवार का चित्र लगाएं।यदि आप दूसरों के चित्र न लगाना चाहते हैं तो खुद के ही परिवार के सदस्यों का प्रसन्नचित्त मुद्रा में दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में एक तस्वीर लगाएं।समुद्र किनारे दौड़ते हुए 7 घोड़ों की तस्वीर लगाने के लिए पूर्व दिशा को शुभ माना गया है। यह तस्वीर किसी वस्तुशास्त्री से पूछकर ही लगाएं।.घोड़ों की तस्वीर न लगाना चाहें तो आप तैरती हुए मछलियों के चित्र भी लगा सकते हैं।अतिथि कक्ष में घर के मुखिया की सीट के पीछे पहाड़ या उड़ते हुए पक्षी का चित्र लगा हो। ऐसी तस्वीरों से अत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है।घर में दक्षिण दीवार पर हनुमानजी का लाल रंग का चित्र लगाएं। इसके दो लाभ हैं। पहला यह कि आपका मंगल यदि अशुभ है तो शुभ होने लगेगा और दूसरा यह कि आपके मन में किसी भी प्रकार का भय नहीं रहेगा।

 बच्चों के लिए  वास्तु का ख्याल रखें

यदि बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता हो तो पढ़ने के कक्ष में मां सरस्वती, वेदव्यास या किसी पढ़ते हुए बच्चे का चित्र लगाएं। घर के उत्तर की ओर ही बच्चे का मुंह होना चाहिए और तस्वीरें भी उत्तर की दीवार पर लगी होना चाहिए। इसके अलावा किसी हरे तोते का चित्र लगाएं जिससे बच्चे का पढ़ने में तुरंत ही मन लगने लगेगा। घर के उत्तर की दीवार पर हरियाली, तोते या चहकते हुए पक्षियों का शुभ चित्र लगाएं। इससे घर के सभी सदस्यों की एकाग्रता बढ़ेगी। इसके अलावा मोर, वीणा, कलम, पुस्तक, हंस या मछली के चित्र भी लगा सकते हैं। कुल वास्तुकार जंपिंग फिश, डॉल्फिन या मछलियों के जोड़े को लगाने की सलाह भी देते हैं। ध्यान रखें, उपरोक्त में से किसी एक का ही चित्र लगाएं।

किस प्रकार के वास्तु दोष से कौन से रोग होते हैं?

दक्षिण-पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार या हल्की चाहरदीवारी अथवा खाली जगह होना शुभ नहीं है। ऐसा होने से हार्ट अटैक, लकवा हड्डी एवं स्नायु रोग संभव हैं। अतः यहां प्रवेश द्वार या खाली जगह छोड़ने से बचना चाहिए।

रसोई घर में भोजन बनाते समय यदि गृहणी का मुख दक्षिण दिशा की ओर है तो त्वचा एवं हड्डी के रोग हो सकते हैं। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन पकाने से पैरों में दर्द की संभावना भी बनती है। इसी तरह पश्चिम की ओर मुख करके खाना पकने से आंख, नाक, कान एवं गले की समस्याएं हो सकती है।

अग्निकोण या वायव्य कोण में सोन पर या उत्तर में सिर व दक्षिण में पैर करके सोए तब भी अनिद्रा या बेचैनी, सिरदर्द और चक्कर जैसी परेशानी हो सकती है, जिसके कारण दिन भर थकान की समस्या हो सकती है

Full View

Full View

Tags:    

Similar News