Rakshabandhan 2024 : इस तरीके से राशि अनुसार बांधे अपने भैया को राखी, लक्ष्मी सूत्र से कम नहीं होगा आपका "रक्षासूत्र"

Rakshabandhan 2024 : राशि के अनुसार यदि रक्षा सूत्र बान्धती हैं और तिलक लगाती हैं, तो निश्चित यह सूत्र आपके भैया के लिये लक्ष्मी सूत्र की तरह होगा, जो उनकी मनोकामनाओं को भी पूर्ण करेगा और प्रगति भी सुनिश्चित करेगा

Update: 2024-07-29 08:14 GMT

Rakshabandhan 2024 : रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी का रक्षा सूत्र बांध कर लंबी उम्र की कामना करतीं हैं. वहीं बहन छोटी हो या बड़ी, भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं. भाई-बहन के अटूट प्यार और उल्लास से भरा यह पर्व इस साल  19 अगस्त को मनाया जाएगा.

इस राखी अपने भैया को राशि अनुसार राखी बांधे, आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य दत्तात्रेय होस्केरे से कैसे बांधें अपने भैया को राखी. 


राशि अनुसार बांधे अपने भैया को राखी


आप इस रक्षा बन्धन पर्व के दिन यदि अपने भाई को राशि के अनुसार यदि रक्षा सूत्र बान्धती हैं और तिलक लगाती हैं, तो निश्चित यह सूत्र आपके भैया के लिये लक्ष्मी सूत्र की तरह होगा, जो उनकी मनोकामनाओं को भी पूर्ण करेगा और प्रगति भी सुनिश्चित करेगा। शुभ मुहुर्त में अपने भाई को पूर्वाभिमुख करके आम के या अन्य किसी भी लकडे के पाटे पर बैठाएं। राशि के अनुसार टीका लगायें और आरती इत्यादि कर के मिष्ठान्न खिलायें।




मेष: नारंगी धागा और सिन्दूर का तिलक।

वृषभ: सफेद चमकीला धागा और चमकीला तिलक।

मिथुन: हरा नारंगी धागा और चमेली की सुगन्ध का तिलक।

कर्क: सफेद चांदी युक्त धागा और चन्द्राकार लाल तिलक।

सिंह: लाल गुलाबी धागा और गुलाब जल युक्त लाल तिलक।

कन्या: हरा नीला धागा और चावल हल्दी का मिश्रित टीका।

तुला: चमकीला हरा पीला धागा और चान्दी के अर्क का लाल टीका।

वृश्चिक: लाल पीला धागा और शहद युक्त लाल तिलक।

धनु: केसर युक्त पीला तिलक और हल्दी चावल का तिलक।

मकर: नीला चमकीला धागा और रोली का तिलक।

कुम्भ: नीला हरा मोर पंख युक्त धागा और घी चावल का टीका।

मीन: पीला धागा और चन्दन कुम्कुम का टीका।

रक्षाबंधन के दिन पूजा कब और कैसे करना चाहिए?


रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले भाई और बहन सुबह स्नान करना चाहिए, इसके बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें. फिर घर के मंदिर में दीपक जलाकर सूर्य देव को जल चढ़ाएं. भगवान की आराधना के बाद राखी बांधने की थाली लेकर मंदिर में भगवान को समर्पित करें. राखी की थाली में आपको राखी, कुमकुम, अक्षत, नारियल, सिर पर रखने के लिए छोटा सा रुमाल, घी का दीपक, एक कलश, सुपारी, कलावा, दही और मिठाई रखनी होगी.

क्या है रक्षाबंधन का महत्व


पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्रौपदी ने श्री कृष्ण को सबसे पहले राखी बांधी थी. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण की उंगली सुदर्शन चक्र से कट गई थी, जिसे देख द्रौपदी ने खून रोकने के लिए अपनी साड़ी से कपड़े का एक टुकड़ा फाड़कर चोट पर बांधा था. उस समय भगवान कृष्ण ने हमेशा द्रौपदी की रक्षा करने का वादा किया था. वहीं, जब द्रौपदी को सार्वजनिक अपमानित किया जा रहा था, तब श्री कृष्ण ने अपना ये वादा पूरा किया था.


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