Mangla gauri vrat :ऐसे करें पति की आयु लंबी और वैवाहिक जीवन को बनाए सुखी

Mangla gauri vrat :ऐसे करें पति की आयु लंबी और वैवाहिक जीवन को बनाए सुखी

Update: 2024-08-06 09:11 GMT

Mangala Gauri Vrat : सावन का महीना चल रहा है। अगर आपने मंगला गौरी का व्रत नहीं किया है तो आज सावन में तीसरा मंगला गौरी व्रत है। जिस तरह इस माह हर सोमवार को भगवान शिव का व्रत रखा जाता है उसी तरह सावन माह के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस दिन माता मंगला गौरी की पूजा की जाती है।

बता दे कि मंगला गौरी व्रत पर विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने पर वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है। बता दें कि इस बार तीसरा मंगला गौरी व्रत आज 6 अगस्त यानि आज के दिन रखा जा रहा है। तो  जानते हैं पूजा सामग्री और पूजा विधि के बारे में

मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि 

मां मंगला गौरी की पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान किया जाता है। बता दें स्नान के पानी में गंगाजल डालना शुभ माना जाता है।

इसके बाद भक्त माँ का आसन सजाकर उसपर लाल कपड़ा बिछाते हैं और आसन मां गौरी की प्रतिमा रखी जाती है।

इसके बाद माता मंगला गौरी का गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। भक्त गेहूं के आटे से दीया बनाते हैं और उसपर 16 बत्तियां लगाई जाती हैं। दरअसल ये दीये घी के होते हैं।

इस दिन देवी मां को 16 की संख्या में चीजें अर्पित की जाती हैं, जैसे 16 शृंगार, 16 लौंग, 16 इलायची, 16 फल, 16 लड्डू और 16 फूल इत्यादि।

 पूजा में मां मंगला गौरी की कथा पड़ी जाती है, आरती गायी जाती है और भोग लगाकर पूजा का समापन होता है।

मंगला गौरी व्रत की सामग्री में फल, दीया, देसी घी, मिठाई, कपास, सौलह शृंगार, पान, सुपारी, लौंग, फूल, इलायची, फूल, पंचमेवा, बाती, माचिस, धूप, लाल – वस्त्र, आसन, देवी मां की प्रतिमा, गंगाजल, शुद्ध जल, घर पर बना भोग आदि शामिल किया जाता है।

 भोग में महिलाएं गुड़ की खीर और हलवा आदि शामिल करती हैं।

मंगलागौरी व्रत मंत्र जाप

नित्य कर्मों से निवृत्त होकर लाल रंग के कोरे अथवा साफ सुथरे कपड़े पहनें। आज एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन शिव पार्वती और हनुमान जी की आराधना करें। एक चौंकी पर सफेद फिर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान शंकर, मां मंगला गौरी और हनुमान जी का चित्र स्थापित करें। गेहूं के आटे से बनाया हुआ सोलह रुई की बत्तियों वाला एक घी का दीपक प्रज्वलित रहें। यह मंत्र बोलते हुए शिव, मंगला गौरी और हनुमान जी का षोडशोपचार पूजन करें।

मंत्र: ''कुंकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरणभूषिताम्। नीलकण्ठप्रियां गौरीं वन्देहं मंगलाह्वयाम्।।

शुद्ध जल, गंगाजल, धूप, दीपक, सिंदूर, कुमकुम (ध्यान रहे के भगवान शंकर पर कुमकुम कदापि न चढ़ाएं इसकी जगह लाल चंदन चढ़ाएं), आसान, मौली, यज्ञोपवीत, वस्त्र, उपवस्त्र, अक्षत, अबीर, गुलाल, मूंग, मसूर, रक्षा, कपूर, घी, दही, दूब, चीनी, पुष्प, पान, सुपारी, रूई, इत्र प्रसाद इत्यादि इनमें से जो श्रद्धापूर्वक उपलब्ध है वो चढ़ाएं।पूजन के पश्चात उनको शिव, मंगलागौरी और हनुमान जी को सभी वस्तुएं सोलह की संख्या में चढ़ाएं। मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग क‍ी सामग्री, चुडि़यां तथा मिठाई इत्यादि। इसके अलावा 5 प्रकार के सूखे मेवे (जैसे काजू, पिस्ता, किशमिश, मखाने, बादाम) चढ़ाएं। इसके बाद 7 प्रकार के अनाज (गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर) चढ़ाएं। पूजन के बाद इन तीनों मंत्रों का रुद्राक्ष की माला से एक-एक माला जाप करें।

मंगलागौरी की कथा सुने तथा शिव, मंगलागौरी और हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाएं। भोग लगाते समय आंखें बंद रखें तथा भोग लगे हुए गुड़ को किसी सफेद गाय को खिलाएं। इस उपाय से निश्चित विवाह बाधा से मुक्ति मिलेगी और दांपत्य में प्रेम बढ़ेगा। अविवाहित व्यक्तियों के विवाह के शीघ्र योग बनेंगे तथा जो लोग मांगलिक दोष से पीड़ित हैं उन्हें निश्चित लाभ होगा। 

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