कुंडली मिलान: शादी के बाद कैसा होगा वैवाहिक जीवन, किन गुण दोषों को देखते हैं कुंडली में जानिए...

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Update: 2023-09-27 03:00 GMT

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Kundali Milan: विवाह व्यक्ति के जीवन की एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह जीवन के एक नए चरण में प्रवेश का प्रतीक है जो नई खुशियों के साथ-साथ नई जिम्मेदारियां भी लाता है। कई रस्में होती हैं जो शादी में दो लोगों के वास्तविक मिलन से पहले होती हैं। इसमें सबसे पहला और महत्‍वपूर्ण कार्य होता है कुंडली मिलान। शादी का निर्णय लेने में जन्‍मकुंडली अहम भूमिका निभाती है। जिस तरह हम घर के लिए कोई भी चीज लेने से पहले उससे जुड़ी हर चीज के बारे में गहराई से जानते है उसी तरह शादी के लिए लड़के-लड़की की कुंडली मिलान भी करवाया जाता है कि ताकि वैवाहिक सुख मिले।

विवाह से पूर्व कुंडली मिलान करवाने से लड़के और लड़की के वैवाहिक जीवन की अनेक संभावनाओं और समस्‍याओं के बारे में पता चलता है।

विवाह तय होने से पहले कुंडली मिलान का कारण यह पता लगाना है कि लड़का और लड़की का एक-दूसरे के साथ शादी के बाद कैसा तालमेल रहेगा। ज्योतिष में, कुल 36 गुण होते हैं जिनका मिलान दो लोगों के बीच अनुकूलता और भविष्य में उनका जीवन एक साथ कैसे होगा।

विवाह के बाद कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और प्रभाव में बदलाव आता है। यह ना केवल व्‍यक्‍ति के खुद के जीवन बल्कि जीवनसाथी की जिंदगी को भी प्रभावित करता है। यह प्रभाव आठ गुणों में से सातवें भकूट द्वारा इंगित होता है। कुंडली मिलान करते समय लोग वित्तीय स्थिरता और करियर की संभावनाओं जैसी चीजों का भी विश्लेषण करते हैं। इस तरह आप कुंडली मैचिंग से जान सकते हैं कि विवाह के बाद आपका या आपके जीवनसाथी का करियर एवं आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी।

कुंडली का पूर्वाभास

विवाह के बाद संतान प्राप्‍ति में कोई समस्‍या आने की संभावना है या नहीं। इससे संतान प्राप्‍ति के योग और बच्‍चों की सेहत के बारे में भी पता चलता है। आठवां गुण नाड़ी संतान प्राप्‍ति और गर्भधारण करने या इसमें संभावित किसी समस्‍या के बारे में बताता है।

जब कोई बच्‍चा जन्‍म लेता है, जब उसके जन्‍म के समय के हिसाब से सितारों और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर बच्‍चे के भाग्‍य का निर्धारण होता है। हो सकता है कि किसी एक व्‍यक्‍ति की कुंडली में कोई ऐसा दोष हो जो विवाह के पश्‍चात् उसके जीवनसाथी को भी प्रभावित करे।

शादी में कुंडली मिलान से हर समस्या का समाधान

जब जन्‍मकुंडली में नाड़ी दोष को विवाह ना करने के लिए सबसे अधिक प्रभावी और मजबूत माना जाता है। कुछ लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जो घातक भी हो सकती हैं। जीवनसाथी की बीमारी और उसके साथ आने वाले वित्तीय और भावनात्मक तनाव के कारण कई शादियां टूट जाती हैं। इसका विवाह पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कुंडली मिलान की सहायता से यह जाना जा सकता है कि पति और पत्‍नी को आने वाले समय में किस तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं और उनसे विवाह करने पर साथी की सेहत पर क्‍या असर पड़ सकता है।

कुछ शादियां ज्‍यादा समय तक नहीं टिक पाती हैं और इसकी संभावना को भी आप विवाह से पूर्व ही जान सकते हैं। कुंडली मैचिंग से ही पता चल जाता है कि वर और वधू का वैवाहिक बंध कितने समय तक चल पाएगा। यदि कुंडली के ग्रह इस ओर इशारा करते हैं कि शादी ज्‍यादा दिनों तक नहीं चल पाएगी, तो विवाह के लिए मना कर दिया जाता है।

विवाह से पूर्व जीवनसाथी कि कितनी आयु या दीर्घायु जानना बहुत महत्‍वपूर्ण होता है। जीवनसाथी की असामय‍िक मृत्‍यु सदमा दे सकती है। ज्‍योतिष के अनुसार मांगलिक लड़की को मांगलिक लड़के से ही विवाह करना चाहिए वरना लड़के की आयु कम होने का डर रहता है।

कुंडली का मिलान करने के बाद यदि कोई दोष या समस्‍या दिखती है तो ज्‍योतिषी कुछ पूजा करवाकर विवाह को शुभ करने का भी उपाय बताते है।इसलिए हर लड़के लड़की कुंडली विवाह पूर्व मिलवा लेना चाहिए।

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