Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर को लगेगा साल का अंतिम चंद्रग्रहण; जानिये कब से शुरू होगा सूतक काल, देखें टाइम और डेट

साल 2025 का अंतिम चंद्रग्रहण 7 सितंबर की रात को लगने जा रहा है, जो भारत समेत कई हिस्सों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।

Update: 2025-09-03 12:12 GMT

नई दिल्ली। भारतीय वैदिक पंचांग के अनुसार साल 2025 का अंतिम चंद्रग्रहण इस वर्ष 7 सितंबर को लगने वाला है। जो भारत समेत पाकिस्तान, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड, अफ्रीका समेत उत्तर और दक्षिण अमेरिका के पूर्वी भागों में दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण का कुल समय लगभग 3 घंटे 30 मिनट का होगा। इस दौरान भारत में भी सूतक मान्य होगा।

बता दें कि, चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर मायावी ग्रह राहु और केतु का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है। इसके लिए सूतक और ग्रहण के समय शुभ काम करने की मनाही होती है। इसके साथ ही खानपान से भी परहेज करने की सलाह दी जाती है। सूतक काल के दौरान भगवान की मूर्तियों का स्पर्श नहीं किया जाता है न ही कोई शुभ कार्य किया जाता है। जिससे इसके प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाते है, इस समय आप भगवान के मंत्रों का जाप कर सकते है।

इन मंत्रों का करें जाप

इस दौरान ॐ द्युतिलकाय नमः, ॐ द्विजराजाय नमः, ॐ ग्रहाधिपाय नमः, ॐ ग्रसितार्काय नमः, ॐ ग्रहमंडलमध्यस्थाय नमः, ॐ मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय नमः, ॐ दांताय नमः, ॐ महेश्वरप्रियाय नमः, ॐ वसुसमृद्धिदाय नमः का जप अवश्य करें।

ग्रहण का समय

जानकारी के अनुसार, ग्रहण रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा और रात 11 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 23 मिनट तक इसका पूर्णकाल चलेगा, जो लगभग 1 घंटे 22 मिनट तक रहेगा। इस शुभ अवसर पर स्नान-ध्यान के बाद भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही भाद्रपद पूर्णिमा पर पितरों का श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है।

सूतक काल के नियम

1) सूतक काल के दौरान पूजा पाठ करने की मनाही होती है जबकि इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

2) सूतक काल के दौरान बाल काटने चाहिए न ही नाखून काटने चाहिए।

3) खाने पीने की सभी चीजों में सूतक काल के समय तुलसी दल डाल देने चाहिए।

4) सूतक काल के दौरान भगवान के मंत्रों का जप करते हैं अपने इष्ट देवता का स्मरण करते रहें।

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