Chaitra Navratri 2024 चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ कब से हो रहा है, जानिए शुभ मुहूर्त-महत्व

Chaitra Navratri 2024नवरात्रि पर कुछ लोग पूरे नौ दिन उपवास रखते हैं, तो कुछ लोग प्रतिपदा और अष्टमी अथवा नवमी के दिन व्रत रखते हैं. दशमी के दिन देवी का विसर्जन कर नवरात्रि का समापन करते हैं।

Update: 2024-03-29 10:34 GMT

Chaitra Navratri 2024  सनातन धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार साल में चार नवरात्रियां, चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रियां पड़ती हैं।गुप्त नवरात्रि की पूजा सिद्धि प्राप्ति के लिए साधू-संन्यासियों द्वारा मनाई जाती है, जबकि चैत्र नवरात्रि एवं शारदीय (आश्विन मास) नवरात्रि की प्रतिपदा को कलश-स्थापना एवं मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना कर उनका आह्वान किया जाता है। इसके साथ नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों (शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंद, माता कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री) की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024, मंगलवार से शुरू होकर 18 अप्रैल 2024, गुरूवार तक मनाई जाएगी। जानते हैं, चैत्र नवरात्रि में कलश-स्थापना, एवं नौ दिनों की पूजा के बारे में..

कलश स्थापना, अखंड ज्योति एवं शैलपुत्री की पूजा

चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन स्नान-ध्यान कर माँ दुर्गा का ध्यान कर व्रत एवं पूजा का संकल्प लेना चाहिए। नवरात्रि पर कुछ लोग पूरे नौ दिन उपवास रखते हैं, तो कुछ लोग प्रतिपदा और अष्टमी अथवा नवमी के दिन व्रत रखते हैं. दशमी के दिन देवी का विसर्जन कर नवरात्रि का समापन करते हैं।

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त पर कलश स्थापना करते हैं, इसके पश्चात मूर्ति स्थापना एवं अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं।अब माता दुर्गा का आह्वान एवं प्राण-प्रतिष्ठा करते हैं, इसके पश्चात शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

चैत्र मास प्रतिपदा प्रारंभः 11.50 PM (08 अप्रैल 2024)

चैत्र मास प्रतिपदा समाप्तः 11.50 PM (09 अप्रैल 2024)

उदया तिथि के अनुसार 09 अप्रैल 2024 को चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा की पूजा की जाएगी.

घटस्थापना शुभ मुहूर्तः 06.11 AM से 10.23 AM (08 अप्रैल 2024)

अभिजीत मुहूर्तः11.03 AM से 12.54 PM (09 मार्च 2024) तक

नौ दिवसीय माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का शेड्यूल

चैत्र नवरात्रि प्रतिपदाः मां शैलपुत्री की पूजा (09 अप्रैल 2024, मंगलवार)

चैत्र नवरात्रि द्वितियाः मां ब्रह्मचारिणी की पूजा (10 अप्रैल 2024, बुधवार)

चैत्र नवरात्रि तृतीयाः मां चंद्रघंटा की पूजा (11 अप्रैल 2024, गुरुवार,

चैत्र नवरात्रि चतुर्थीः मां कूष्मांडा की पूजा (12 अप्रैल 2024, शुक्रवार)

चैत्र नवरात्रि पंचमीः माँ स्कंद माता की पूजा (13 अप्रैल 2024, शनिवार)

चैत्र नवरात्रि षष्ठीः माँ कात्यायनी की पूजा (14 अप्रैल 2024, रविवार)

चैत्र नवरात्रि सप्तमीः माँ कालरात्रि की पूजा (15 अप्रैल 2024, सोमवार)

चैत्र नवरात्रि अष्टमीः महागौरी की पूजा (16 अप्रैल 2024, मंगलवार)

चैत्र नवरात्रि नवमीः माँ सिद्धिदात्री की पूजा (17 अप्रैल 2024, बुधवार)

चैत्र नवरात्रि दसमी (18 अप्रैल 2024, गुरुवार) को माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर नवरात्रि का समापन किया जाता है।


चैत्र नवरात्रि में महाष्टमी 16 अप्रैल 2024 को है. नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है. चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि 15 अप्रैल 2024 को दोपहर 12.11 मिनट पर शुरु होकर 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 तक रहेगी.

सुबह का मुहूर्त - सुबह 09.08 - दोपहर 01.58

रात का मुहूर्त - रात 08.11 - रात 09.३४

चैत्र नवरात्रि की महानवमी 17 अप्रैल 2024 को है. इस दिन देवी की 9वीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की उपासना होती है. चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 से 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03.14 तक रहेगी. इसी दिन नवमी तिथि के समापन पर व्रत पारण किया जाएगा.

सुबह का मुहूर्त - सुबह 05.53 - सुबह 09.07

दोपहर का मुहूर्त - दोपहर 03.34 - शाम 06.48

रात का मुहूर्त - रात 08.11 - रात 10.57

चैत्र नवरात्रि का महत्व

चैत्र नवारत्रि की अष्टमी और नवमी पर कुल देवी पूजन, कन्या भोग और हवन कर वरात्रि के 9 दिन की पूजा, व्रत संपन्न किए जाते हैं. कहते हैं जो लोग नवरात्र के नौ दिन व्रत न कर पाएं हों उन्हें आखिरी के दो दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से पूरी नवरात्रि में किए अनुष्ठान के समान फल प्राप्त होता है. न दो दिनों में माता की आराधना करने वालों के सुख, शक्ति, तेज, बल, आत्मविश्वास और ऊर्जा में वृद्धि होती है. चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राम नवमी यानी श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है.

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