Astro Tips: इन संकेतों से समझे चल रहा बुरा वक्त, शनि कर रहें परेशान, जानिए इससे बचने के उपाय

Astro Tipsशनि की वजह से होता है। इसलिए शनिदेव नाराज है शनि कीढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है इससे जानने के लिए कुछ संकेतों पर ध्यान जरूर देना चाहिए।

Update: 2023-11-25 05:00 GMT

Astro Tips:; अच्छा और बुरा दोनों समय हर इंसान के जीवन मे आता है। जब इंसान का समय बुरा हो तो उसके साथ सब बुरा ही होता है। कभी कभी परिस्थितियां खराब होती है। तो आमतौर पर हम इस ओर ध्यान नहीं देते लेकिन ऐसा समय कभी कभी शनि के रुष्ट होने से भी आता है।

शनि एक राशि पर ढाई साल के लिए रहते हैं। जिस राशि में शनि प्रवेश करते हैं उस राशि में वह उससे पहले और बाद राशि वाले व्यक्ति को अधिक प्रभावित करते हैं। शनि के साढ़े साती हो या कुछ और शनि के शुभ-अशुभ प्रभाव के लक्षण व्यक्ति पर जरूर पड़ता है। देती है. ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति को अच्छे या बुरे दिन शुरू होने से पहले कुछ संकेत मिलते हैं जो शनि की वजह से होता है। इसलिए शनिदेव नाराज है शनि कीढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है इससे जानने के लिए कुछ संकेतों पर ध्यान जरूर देना चाहिए।

शनि के अशुभ प्रभाव के लक्षण

जब शनि रुष्ट होते है तब प्रॉपर्टी संबंधित विवाद, भाईयों से विवाद और परिवार के सदस्यों के साथ मनमुटाव, अनैतिक संबंधों में फंसना या किसी अवैध संबंध की तरफ झुकाव, बहुत ज़्यादा कर्ज़ होना और उसे उतारने में असमर्थ होना, कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाना, किसी अच्छी जगह से अनचाही जगह पोस्टिंग, प्रमोशन में बाधा,हर समय झूठ का सहारा लेना,जुए की लत लगना,व्यापार या व्यवसाय में मंदी आना,नौकरी से निकाला जाना, नशे की बुरी लत लगना ये सब होता है। इससे चाहकर भी इंसान बच नहीं पाता है। इसलिए इन परिस्थितियों

शनि के कोप से बचने के लिए उपाय

पीपल के पेड़ की विधि-विधान पूजा करें। शनिवार के दिन पेड़ की पूजा करने पर अच्छा फल प्राप्त होता है। यह पूजा आप रविवार को छोड़कर किसी भी दिन कर सकते हैं। पूजा करने के लिए सूर्योदय से पहले जागें, स्नान कर लें। इसके बाद सफ़ेद वस्त्र धारण कर किसी ऐसे स्थान पर जाएं जहां पीपल का पेड़ हो। पीपल की जड़ में गाय का दूध, तिल और चंदन मिला कर पवित्र जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद जनेऊ, फूल और प्रसाद चढ़ाएं। तनावमुक्त होकर पूजा करें। धूप, दीप जलाकर आसन पर बैठकर भगवान का स्मरण करते हुए शनि मंत्र का जाप करें।

मंत्र जप के बाद कपूर और लौंग जलाकर आरती करें और फिर प्रसाद ग्रहण करें। प्रसाद में मिठाई या शक्कर चढ़ा सकते हैं। पीपल के जड़ में अर्पित थोड़ा सा जल घर ले आयें और उसे सारे घर में छिडकें। यदि आप इस प्रकार पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं तो शनि की साढ़े साती या ढैय्या से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।

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