4 October 2025 ka Panchang : आज पद्मनाभ द्वादशी तथा शनि प्रदोष, कर्ज से मुक्ति और धन धान्य प्राप्ति का योग

4 October 2025 ka Panchang : आज पद्मनाभ द्वादशी तथा शनि प्रदोष है| भगवान् श्रीहरी और शनि के आराधना का दिन.

Update: 2025-10-03 12:57 GMT

4 अक्तूबर 2025 को आश्विन मास शुक्ल पक्ष द्वादशी है, जो शनिवार सायंकाल 5.09 तक रहेगी | आज शनि प्रदोष होने से कर्ज से मुक्ति और धन धान्य प्राप्ति का योग है |


आज पद्मनाभ द्वादशी तथा शनि प्रदोष है| भगवान् श्रीहरी और शनि के आराधना का दिन | द्विपुष्कर योग होने से धन धान्य की प्राप्ति होगी |




 4 अक्तूबर 2025 का पंचांग ज्योतिषाचार्य डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार 


तिथि संवत : आश्विन मास शुक्ल पक्ष द्वादशी शनिवार सायंकाल 5.09 तक रहेगी |

विक्रम संवत 2082, शाके 1947 हिजरी 1447 सूर्य दक्षिणायन शरद ऋतु|

सूर्योदय कालींन नक्षत्र : सूर्योदय के समय धनिष्ठा नक्षत्र प्रात: 9.08 बजे तक तत्पश्चात शतभिषा |शूल योग|कौलव करण

सूर्योदय कालीन ग्रह विचार(प्रात: 5.30) : सूर्य : कन्या चन्द्र: कुम्भ मंगल: तुला बुध: कन्या गुरु: मिथुन शुक्र: सिंह शनि: मीन | राहू: कुम्भ केतु : सिंह राशि मे स्थित हैं|

राहुकाल : प्रात: 8.54 से 10.23

यमघंट; दोपहर 1.21 से 2.50

पंचक : मंगलवार रात्री 1.27 तक है

आज का सूर्यास्त : 5.45 कल का सूर्योदय 5.59

दिशाशूल : पूर्व | आवश्यक हो तो काली तिल से बनी वस्तु खा कर निकले

शुभाशुभ ज्ञानम् : आज पद्मनाभ द्वादशी तथा शनि प्रदोष है| भगवान् श्रीहरी और शनि के आराधना का दिन | द्विपुष्कर योग होने से धन धान्य की प्राप्ति होगी |




 आज का शुभ चौघडिया :

शुभ: प्रात: 7.25 से 8.54

चर:: प्रात: 11.53 से 1.22

लाभ:: दोपहर 1.22 से 2.50

अमृत: दोपहर 2.50 से 4.19

लाभ:: सायंकाल 5.47 से 7.19

शुभ: रात्री 8.50 से 10.21

अमृत: रात्री 10.21 से 11.52


आज जन्मे बच्चो के नाम और राशी :

प्रात: 9.08 तक धनिष्ठा चरण 4 राशी कुम्भ पाया ताम्र नामाक्षर गे

दोपहर 2.55 तक शतभिषा चरण 1 राशी कुम्भ पाया ताम्र नामाक्षर गो

रात्री 8.39 तक शतभिषा चरण 2 राशी कुम्भ पाया ताम्र नामाक्षर सा

रात्री 2.21 तक शतभिषा चरण 3 राशी कुम्भ पाया ताम्र नामाक्षर सी

आराधना ऊँ वन्दे कालीं कराग्रे परिधमसी युतं तामसीं शीर्षकं च क्लीं कालिका काली देव्यै नमो नम:

खरीददारी का शुभ समय: सायंकाल 5.05 से 7.35 बजे तक|

आज विशेष : अज शनि प्रदोष होने से कर्ज से मुक्ति और धन धान्य प्राप्ति का योग है |

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