29 September 2025 Ka Panchang : आज शारदीय नवरात्रि का सातवाँ दिन, माँ कालरात्रि की होगी आराधना
29 September 2025 Ka Panchang : इस तिथि पर मूल नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। राहुकाल: प्रात: 7.25 से 8.54 तक है.
29 September 2025 Ka Panchang : 29 सितंबर 2025 को अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। इस तिथि पर मूल नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। राहुकाल: प्रात: 7.25 से 8.54 तक है.
साथ ही आज शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि है. आज माँ दुर्गा के सप्तम रूप देवी कालरात्रि की पूजा की जाएगी । यह मां दुर्गा की सातवीं शक्ति हैं, जिसका पूजन नवरात्रि के सातवें दिन किया जाता है। जिन्हें कालरात्रि के नाम से सर्वत्र जाना जाता है।
29 सितम्बर 2025 का पंचांग ज्योतिषाचार्य डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार
तिथि संवत : आश्विन मास शुक्ल पक्ष सप्तमी सोमवार दोपहर 4.31 तक रहेगी |
विक्रम संवत 2082, शाके 1947 हिजरी 1447 सूर्य दक्षिणायन शरद ऋतु|
सूर्योदय कालींन नक्षत्र : सूर्योदय के समय मूल नक्षत्र अहोरात्र बजे तक तत्पश्चात मूल|सौभाग्य योग|विष्टि करण
सूर्योदय कालीन ग्रह विचार(प्रात: 5.30) : सूर्य : कन्या चन्द्र: धनु मंगल: तुला बुध: कन्या गुरु: मिथुन शुक्र: सिंह शनि: मीन | राहू: कुम्भ केतु : सिंह राशि मे स्थित हैं|
राहुकाल : प्रात: 7.25 से 8.54
आज का सूर्यास्त : 5.49 कल का सूर्योदय 5.58
दिशाशूल : पूर्व | आवश्यक हो तो दूध से बनी वस्तु खा कर निकले
शुभाशुभ ज्ञानम् : शारदीय नवरात्रि मां कालरात्रि की आराधना का दिन | सर्वार्थ सिद्धि योग होने से धन धान्य की प्राप्ति होगी |
आज का शुभ चौघडिया :
अमृत: प्रात: 5.55 से 7.25
शुभ: प्रात: 8.54 से 10.24
चर:: दोपहर 1.25 से 2.54
लाभ:: दोपहर 2.54 से 4.22
अमृत: दोपहर 4.22 से 5.52
चर:: सायंकाल 5.52 से 7.24
लाभ:: रात्री 10.23 से 11.54
आज जन्मे बच्चो के नाम और राशी :
प्रात: 10.32 तक मूल चरण 1 राशी धनु पाया ताम्र नामाक्षर ये
सायंकाल 5.08 तक मूल चरण 2 राशी धनु पाया ताम्र नामाक्षर यो
रात्री 11.43 तक मूल चरण 3 राशी धनु पाया ताम्र नामाक्षर भा
आराधना ऊँ शिवाय नम: महेश्वराय नम: शम्भवे नम: पिनाकिने नम: श्रीमन महादेवाय नमो नम:
खरीददारी का शुभ समय : सायंकाल 6.05 से 7.35 बजे तक|
आज विशेष : अज सौभाग्य योग होने से शुभ स्वास्थ्य प्राप्ति का योग है | सरस्वती आव्हान महालक्ष्मी पूजन , महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती जी का पूजन करें और शिव सहस्रनाम का पाठ करें |