26 September 2025 Ka Panchang : शारदीय नवरात्रि की चतुर्थी तिथि, मां कुष्मांडा की आराधना का दिन, ललिता पंचमी, सर्वात सिद्धि और रवि योग, राहुकाल प्रात: 10.25 से 11.55 मिनट तक

26 September 2025 Ka Panchang : मातंग योग होने से शुभ स्वास्थ्य प्राप्ति का योग है | महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती जी का पूजन करें और शिवजी को बिल्व पत्र अर्पित करें|

Update: 2025-09-25 18:21 GMT

26 September 2025 Ka Panchang : 26 सितंबर 2025 को शारदीय नवरात्रि की चतुर्थी तिथि है। इस तिथि पर विशाखा नक्षत्र और विष्कंभ योग का संयोग बन रहा है।  राहुकाल प्रात: 10.25 से 11.55 मिनट तक रहेगा।


26 सितम्बर 2025 का पंचांग ज्योतिषाचार्य डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार 


तिथि संवत : आश्विन मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी शुक्रवार प्रात: 9.32 तक रहेगी |

विक्रम संवत 2082, शाके 1947 हिजरी 1447 सूर्य दक्षिणायन शरद ऋतु|

सूर्योदय कालींन नक्षत्र : सूर्योदय के समय विशाखा नक्षत्र रात्री 10.08 बजे तक तत्पश्चात अनुराधा|विष्कुम्भ योग|बव करण

सूर्योदय कालीन ग्रह विचार(प्रात: 5.30) : सूर्य : कन्या चन्द्र: सिंह मंगल: तुला बुध: कन्या गुरु: मिथुन शुक्र: सिंह शनि: मीन | राहू: कुम्भ केतु : सिंह राशि मे स्थित हैं|

राहुकाल : प्रात: 10.25 से 11.55

आज का सूर्यास्त : 5.52 कल का सूर्योदय 5.58

दिशाशूल : पश्चिम | आवश्यक हो तो खीर या जौ से बनी वस्तु खा कर निकले

शुभाशुभ ज्ञानम् : शारदीय नवरात्रि मां कुष्मांडा की आराधना का दिन | ललिता पंचमी, सर्वात सिद्धि योग और रवियोग होने से पूजन का लाभ मिलेगा




 आज का शुभ चौघडिया :


चर:: प्रात: 5.54 से 7.24

लाभ:: प्रात: 7.24 से 8.54

अमृत: प्रात: 8.54 से 10.25

शुभ: प्रात: 11.55 से 1.25

चर:: दोपहर 4.25 से 5.55

लाभ:: रात्री 8.55 से 10.25



आज जन्मे बच्चो के नाम और राशी :

प्रात: 8.37 तक विशाखा चरण 2 राशी तुला पाया रजत नामाक्षर तू

दोपहर 3.22 तक विशाखा चरण 3 राशी तुला पाया रजत नामाक्षर ते

रात्री 10.08 तक विशाखा चरण 4 राशी वृश्चिक पाया रजत नामाक्षर तो

रात्री 4.53 तक अनुराधा चरण 1 राशी वृश्चिक पाया रजत नामाक्षर ना

आराधना ऊँ ह्रीं श्रीं सरसिज निलये सरोज हस्ते भगवती हरी वल्लभे महालक्ष्मी देव्यै नमो नम:

खरीददारी का शुभ समय : सायंकाल 5.05 से 7.35 बजे तक|

आज विशेष : अज मातंग योग होने से शुभ स्वास्थ्य प्राप्ति का योग है | महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती जी का पूजन करें और शिवजी को बिल्व पत्र अर्पित करें|

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