19 September 2025 ka Panchang : पितृ पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज, अल्पायु पितरों और मृत बच्चों का होगा श्राद्ध, मासिक शिवरात्रि के साथ शुक्र प्रदोष व्रत भी

19 September 2025 ka Panchang : आज आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और पितृ पक्ष का त्रयोदशी श्राद्ध है. साथ ही शुक्र प्रदोष और मासिक शिवरात्रि भी है.

Update: 2025-09-18 16:41 GMT

19 September 2025 ka Panchang :   दैनिक पंचांग के अनुसार आज 19 सितंबर, शुक्रवार का दिन है. आज आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और पितृ पक्ष का त्रयोदशी श्राद्ध है. साथ ही शुक्र प्रदोष और मासिक शिवरात्रि भी है.


पुराणों के अनुसार, त्रयोदशी श्राद्ध पितृ पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है. इस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु त्रयोदशी तिथि को हुई थी या जिनकी तिथि अज्ञात है. इस श्राद्ध में मुख्य रूप से उन अल्पायु पितरों और मृत बच्चों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी आयु दो वर्ष से अधिक हो. त्रयोदशी श्राद्ध में तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मण भोज के साथ पितरों को अन्न-जल का भोग लगाया जाता है. 


कब करें त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध




 पितृ पक्ष में पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप (सुबह 11 बजकर 30 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट के बीच) और रौहिण मुहूर्त शुभ माने जाते हैं. श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को शांति और तृप्ति मिलती है.


शुक्र प्रदोष व्रत से पूरी होगी मनोकामना




 इसी दिन शुक्र प्रदोष व्रत का पालन भी होगा, जो चंद्र मास की दोनों त्रयोदशी तिथियों पर किया जाता है, जो शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती हैं. यह व्रत तब किया जाता है, जब त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल (सूर्यास्त के समय) में व्याप्त होती है. शुक्र प्रदोष व्रत विशेष रूप से सौंदर्य, सुख, धन और वैवाहिक जीवन की सुख-शांति के लिए किया जाता है. यह व्रत महिलाओं के लिए विशेष कल्याणकारी माना जाता है और इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है. भगवान शिव की पूजा से सभी ग्रहों के दोष दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. नियमपूर्वक व्रत करने से प्रणय जीवन में सुख और धन-वैभव की प्राप्ति होती है.


मासिक शिवरात्रि पर करें शिव साधना



इस दिन मासिक शिवरात्रि का योग भी है, यह हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.


19 सितम्बर 2025 का पंचांग ज्योतिषाचार्य डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार

तिथि संवत :

आश्विन मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी शुक्रवार रात्री 11.37 तक रहेगी |

विक्रम संवत 2082, शाके 1947 सूर्य दक्षिणायन शरद ऋतु|

सूर्योदय कालीन ग्रह विचार : सूर्य : कन्या चन्द्र: कर्क मंगल: तुला बुध: सिंह गुरु: मिथुन

शुक्र: सिंह शनि: मीन | सूर्योदयकालीन नक्षत्र

आज का सूर्यास्त :6.00 कल का सूर्योदय 5.56

सूर्योदय के समय आश्लेषा नक्षत्र प्रात: 7.05 बजे तक तत्पश्चात मघा |सिद्ध योग|वणिज करण

आज जन्मे बच्चो के नाम और राशी :

प्रात: 7.05 तक आश्लेषा चरण 4 राशी कर्क पाया रजत नामाक्षर डो

दोपहर 1.17 तक मघा चरण 1 राशी सिंह पाया रजत नामाक्षर मा

रात्री 7.31 तक मघा चरण 2 राशी सिंह पाया रजत नामाक्षर मी

रात्री 1.47 तक मघा चरण 3 राशी सिंह पाया रजत नामाक्षर मु


आज का शुभ चौघडिया :

चर:: प्रात: 5.52 से 7.2

लाभ:: प्रात: 7.24 से 8.55

अमृत: प्रात: 8.55 से 10.26

शुभ: प्रात: 11.58 से 1.29

चर:: दोपहर 4.31 से 6.02

लाभ:: रात्री 8.59 से 10.28


आराधना ऊँ आद्यंत रहिते देवी आदि शक्ति महेश्वरी योगजे योग सम्भूते महालक्ष्मी नमोस्तुते ह्रीं श्रीं


खरीददारी का शुभ समय: सायंकाल 6.05 से 7.35 बजे तक|

राहुकाल: प्रात: 10.27 से 11.58

दिशाशूल : पश्चिम | आवश्यक हो तो खीर या जौ से बनी वस्तु खा कर निकले

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