झारखंड कैडर के पूर्व IAS राजीव कुमार बने निर्वाचन आयुक्त….. PSEB से हटा कर लाया गया इलेक्शन कमीशन……जानिए कौन हैं अशोक लवासा की जगह चुनाव आयुक्त बनाए गए राजीव कुमार

Update: 2020-08-23 10:17 GMT

नयी दिल्ली 23 अगस्त 2020। केंद्र सरकार ने पूर्व वित्त सचिव और रिटायर्ड आईएएस अफसर राजीव कुमार को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। 1984 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस राजीव कुमार को अशोक लवासा की जगह पर लाया गया है। लवासा ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) में उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद मंगलवार को चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था। राजीव कुमार लवासा के जाने के बाद 31 अगस्त को अपना प्रभार संभालेंगे।

वह अशोक लवासा (Ashok Lavasa) का स्थान लेंगे. कानून एवं न्याय मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, वर्ष 1984 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस (IAS) अधिकारी राजीव कुमार की नियुक्ति अशोक लवासा से पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होगी.उन्होंने पिछले साल जुलाई महीने में वित्त सचिव का कार्यभार संभाला था और इस साल मार्च तक इस पद पर थे.

लवासा का इस्तीफा 31 अगस्त,2020 से प्रभावी माना जाएगा. लवासा ने अपना इस्तीफा मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) को भेजा था. बता दें कि, अशोक लवासा अब एशियाई विकास बैंक (ADB) में उपाध्यक्ष पद संभालेंगे. वह, एडीबी में दिवाकर गुप्ता का स्थान लेंगे. दिवाकर गुप्ता का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है.

राजीव कुमार इसी साल 29 अप्रैल को वित्त सचिव के पद से रिटायर हुए थे। इसके बाद उन्हें तीन साल के लिए पब्लिक एंटरप्राइजेज सिलेक्शन बोर्ड (PSEB) का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान राजीव कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में मुख्य चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।

माना जाता है कि राजीव कुमार प्रधानमंत्री कार्यालय के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में से हैं। उन्हें हर समस्या का हल निकालने के लिए जाना जाता रहा है। राजीव कुमार ने कानून के साथ प्राणी विज्ञान (Zoology) से ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा उनके पास पब्लिक पॉलिस एंड सस्टेनेबिलिटी विषय से मास्टर डिग्री भी हासिल की है।

ढाई साल वित्त सचिव रहने के दौरान उन्होंने देश के बैंकिंग सिस्टम के ओवरहॉल में अहम भूमिका निभाई। कुमार ने सरकारी बैंकों में बैलेंस शीट्स के बेहतर ढंग से प्रबंधन पर जोर दिया, ताकि बैड लोन्स की रिकवरी की जा सके और उनका लाभ बढ़ाया जा सके। इसके अलावा राजीव कुमार ही वो व्यक्ति थे, जिन्होंने 2018 में बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का विलय शुरू कराया था। उन्होंने 2019 में 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाने की प्रक्रिया पर भी करीब से नजर रखी है।

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