Sansad Mohan Mandavi biography in Hindi: सांसद मोहन मंडावी का जीवन परिचय...

Sansad Mohan Mandavi biography: मोहन मंडावी कांकेर लोकसभा सीट से भाजपा की टिकट पर 2019 में सांसद निर्वाचित हुए हैं। भाजपा ने अपने सिटिंग सांसद विक्रम उसेंडी का टिकट काट कर मोहन मंडावी को टिकट दिया और वे कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर को चुनाव हरा पहली बार सांसद निर्वाचित हुए। खास बात यह है कि मोहन मंडावी ने सांसद के चुनाव से पहले जीवन में कोई भी चुनाव नहीं लड़ा था। ना ही वे भाजपा के संगठन में कोई जिम्मेदार बड़े पद पर थे। पहली बार सीधे सांसद का चुनाव लड़ कर उन्होंने जीत हासिल की। इससे पहले वे चार सालों तक लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रहें। मोहन मंडावी की प्रसिद्धि राम कथा मानस गायक के रूप में है। 51 हजार मानस प्रति लोगों के मध्य बांटकर श्री राम का आदर्श आधिकाधिक संख्या में प्रसारित करने पर उनके अभियान को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।

Update: 2024-01-30 06:43 GMT

Sansad Mohan Mandavi Biography: सांसद मोहन मंडावी भाजपा की टिकट से 2019 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। वे कांकेर लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर सांसद निर्वाचित हुए है। भाजपा ने अपने सिटिंग सांसद विक्रम उसेंडी की टिकट काट मोहन मंडावी को टिकट दिया था। संगठन में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं सम्हालने वाले मोहन मंडावी ने सीधे लोकसभा चुनाव लड़ कर जीत हासिल की है।

मोहन मंडावी का जन्म 1 मई 1957 को कांकेर के गोटीटोला में हुआ है। उनके पिता का नाम स्व. पहाड़ सिंह मंडावी है। उनकी मां मेहतरीन मंडावी है। मोहन मंडावी ने बस्तर के लखनपुरी हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। 1987 में शासकीय पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज कांकेर से स्नातक किया। फिर 1989 में इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। मोहन मंडावी पेशे से शिक्षक रहें थे और उन्हें पेंशन से आय प्राप्त होने के अलावा कृषि से भी आय प्राप्त होती है। मोहन मंडावी की कुल संपत्ति दो करोड़ 90 लाख रुपए हैं।

मोहन मंडावी का विवाह 11 फरवरी 1984 को थालकुंवर मंडावी के साथ हुआ है। उनकी पत्नी भी शासकीय शिक्षिका है। साथ ही मोहन मंडावी की पत्नी को कृषि से भी आय होती है। उनकी पांच बेटियां है। मोहन मंडावी का स्थाई पता गोटीटोला, उडकुड़ा, मानस भवन विश्वामित्र नगर है। उनका मोबाइल नंबर ,9425262179 है।

मोहन मंडावी राष्ट्रीय स्वयं संघ से जुड़े रहे हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत भाजपा से ही की हैं। वह प्रसिद्ध राम कथा मानस गायक है। उन्होंने सामाजिक कार्यों में अपना अधिक समय गुजारा है। वे धार्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय रहें। उन्होंने 51 हजार मानस प्रति बांट कर घर घर अलख जगाया। वे हर हिंदू परिवार के घरों में तुलसी चौरा हो इसके लिए लोगों को जागरूक करते हैं। 51 हजार मानस प्रति लोगों के मध्य बांट कर श्री राम का आदर्श अधिकाधिक संख्या में प्रसारित करने पर उनके अभियान को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मोहन मंडावी को रामायणी सांसद की उपाधि देते हैं।

नवंबर 21 में मोहन मंडावी को अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्य समिति का सदस्य बनाया गया। 2015 में रमन सरकार ने उन्हें लोक सेवा आयोग का सदस्य चुना था। वे 2019 तक पीएससी मेंबर के रूप में कार्यरत रहे। पीएससी एक संवैधानिक संस्था है। इसलिए 2019 में सांसद निर्वाचित होने पर उन्होंने पीएससी से इस्तीफा दे दिया। मोहन मंडावी ने अपने जीवन काल में कोई चुनाव नहीं लड़ा था। वे केवल धर्म एवं सामाजिक कार्यों में बिजी रहते थे। भाजपा संगठन में भी उन्होंने कोई महत्वपूर्ण जवाबदारी नही निभाई थी। पर उनकी लोकप्रियता को देखते हुए 2019 में उन्हें कांकेर लोकसभा सीट से भाजपा पार्टी ने पहली बार टिकट दिया। मोहन मंडावी ने भी पहली बार कोई चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

पड़ोसी व रिश्तेदार के बीच हुआ मुकाबला:–

2019 के लोकसभा चुनाव में कांकेर से भाजपा के मोहन मंडावी प्रत्याशी थे। उनके खिलाफ कांग्रेस ने बीरेश ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया था। मोहन मंडावी व बीरेश ठाकुर आपस में रिश्तेदार हैं। दोनों की ससुराल एक ही जगह शाहवाड़ा में एक ही परिवार में है। चुनाव से कुछ साल पहले तक एक ही मकान में मकान मालिक और किराएदार के तौर पर एक ही जगह गोविंदपुर में एक साथ रहते थे। कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर का मूल निवास कोरर है। उनके दादा और पिता भानुप्रतापपुर से विधायक रह चुके हैं। कोरर में रहते हुए बीरेश ठाकुर नगर के पास गोबिंदपुर में जिस भवन में काफी दिनों तक किराए पर थे, उसके भवन के मालिक भाजपा प्रत्याशी मोहन मंडावी हैं।

2019 के चुनाव में मोहन मंडावी को 546233 वोट मिले। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर को 539319 वोट मिले। मोहन मंडावी ने 6914 मतों से चुनाव में जीत हासिल की। चुनाव जीतने के बाद मोहन मंडावी कृषि,खाद्य प्रसंस्करण व पशु पालन मंत्रालय के स्टेंडिंग कमेटी के 13 सितंबर 2019 को सदस्य बने।

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