Political News: हार की समीक्षा करने छत्तीसगढ़ आ रहे हैं मोइली: 28 को पहुंचेंगे रायपुर, 3 सेंटर से 11 सीटों की लेंगे रिपोर्ट...
Political News: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार की पार्टी ने समीक्षा शुरू कर दी है। समीक्षा की जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली को सौंपी गई है। मोइली 28 जून को रायपुर आ रहे हैं।
Political News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बड़ी जीत की उम्मीद के साथ उतरी थी। पार्टी ने अधिक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए इरादे से अपने दिग्गज नेताओं को चुनाव लड़वाया, लेकिन पार्टी केवल एक ही सीट जीत पाई। कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में 2019 की तुलना में एक सीट का नुकसान हुआ। 2019 में कांग्रेस बस्तर और कोरबा सीट जीती थी, लेकिन इस बार केवल कोरबा ही जीत पाई।
कांग्रेस की यह स्थिति तब हुई जब पार्टी ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री, विधायक और पूर्व मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन उनमें से कोई भी चुनाव जीत नहीं पाया। पार्टी को मिली इस हार की समीक्षा शुरू हो गई है। राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी ने इसकी जिम्मेदारी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली को सौंपी है। पार्टी नेताओं के अनुसार मोइली 28 जून को छत्तीसगढ़ आ रहे हैं।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मोइली 28 जून को बेंगलुरु रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। दोपहर 1:30 बजे राजीव भवन रायपुर में बैठक लेंगे। 29 जून सुबह 9:00 बजे रायपुर से बिलासपुर के लिए रवाना होंगे। सुबह 11:00 बजे बिलासपुर कांग्रेस भवन में बैठक लेंगे। 30 जून को सुबह 8:00 बजे बिलासपुर से कांकेर के लिए रवाना होंगे। दोपहर 12:00 बजे राजीव भवन कांकेर में बैठक लेंगे। शाम 6:00 बजे कांकेर से रायपुर के लिए रवाना होंगे। 1 जुलाई को सुबह 11:00 बजे कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन रायपुर में बैठक लेंगे एवं रात्रि 7:55 बजे नियमित विमान से रायपुर से बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे।
बता दें कि कांग्रेस ने इस बार पाटन विधायक और पूर्व सीएम भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। वहीं कोंटा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा को बस्तर, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को बिलासपुर, पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को महासमुंद, पूर्व कैबिनेट मंत्री शिव कुमार डहरिया को जांजगीर-चांपा, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय को रायपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन इनमें से कोई चुनाव जीत नहीं पाया।