MLA Raman Singh Biography in Hindi: विधायक रमन सिंह का जीवन परिचय...

MLA Raman Singh Biography in Hindi: राजनांदगांव से रमन सिंह चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए है। उन्होंने कांग्रेस के गिरीश देवांगन को 45084 वोट से हराया है। विधायक डॉ. रमन सिंह गरीबों के डॉक्टर और चाउंर वाले बाबा के नाम से मशहूर रहे हैं। उन्होंने जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे। पहली बार उन्होंने 1983 में कवर्धा नगरपालिका के पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1989 में वे पहली बार विधायक चुने गए। वे कुल छह बार विधायक रहे हैं। 1999 में राजनांदगांव लोकसभा से सांसद निर्वाचित होकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय वाणिज्य उद्योग राज्यमंत्री भी रहे। रमन सिंह ने छत्‍तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी नेतृत्व किया और 2003 में पहली बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने। 2008 में दूसरी व 2013 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। इस दौरान उन्हें राष्ट्रीय स्तर के कई सम्मान भी मिले। वर्तमान में उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा की जवाबदारी सौंपी गई है।

Update: 2023-08-12 13:19 GMT

MLA Raman Singh Biography in Hindi: राजनांदगांव से रमन सिंह चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए है। उन्होंने कांग्रेस के गिरीश देवांगन को 45084 वोट से हराया है। विधायक डॉ. रमन सिंह गरीबों के डॉक्टर और चाउंर वाले बाबा के नाम से मशहूर रहे हैं। उन्होंने जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे। पहली बार उन्होंने 1983 में कवर्धा नगरपालिका के पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1989 में वे पहली बार विधायक चुने गए। वे कुल छह बार विधायक रहे हैं। 1999 में राजनांदगांव लोकसभा से सांसद निर्वाचित होकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय वाणिज्य उद्योग राज्यमंत्री भी रहे। रमन सिंह ने छत्‍तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी नेतृत्व किया और 2003 में पहली बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने। 2008 में दूसरी व 2013 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। इस दौरान उन्हें राष्ट्रीय स्तर के कई सम्मान भी मिले। वर्तमान में उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा की जवाबदारी सौंपी गई है।

  • पिता का नाम:– स्वर्गीय विघ्न हरण सिंह
  • जन्मतिथि:– 15 अक्टूबर 1952 जन्म स्थान:– ग्राम ठाठापुर जिला कबीरधाम
  • विवाह की तिथि:–10 जून 1979
  • पत्नी का नाम:– वीणा सिंह
  • पत्नी की जन्मतिथि:– 8 अक्टूबर 1957
  • संतान:–एक पुत्र, एक पुत्री शैक्षणिक योग्यता– बीएएमएस व्यवसाय:–चिकित्सक, कृषि
  • स्थाई पता:– रमन मेडिकल स्टोर, बाजारपारा, कबीरधाम, छत्तीसगढ़
  • मोबाइल नंबर:– 94242– 25848
  • राजधानी रायपुर में स्थानीय पता:– 100 खनिज नगर, मौलश्री विहार कॉलोनी, वीआईपी रोड़, रायपुर छत्तीसगढ़ अभिरुचि:– खेलकूद (विशेष कर क्रिकेट)
  • पुरस्कार:–सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री 2005 इंडिया टुडे, राष्ट्रीय अस्मिता पुरस्कार 2008
  • विदेश यात्राएं:–अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, जापान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, इंग्लैंड,स्विट्जरलैंड, फ्रांस आदि।

सार्वजनिक और राजनैतिक जीवन का परिचय:–

डॉ रमन सिंह ने अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत जनसंघ से की। उन्होंने अपने कवर्धा क्षेत्र में जनसंघ में युवाओं को एकत्रित किया और कवर्धा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने। सन 83 –84 में वे कवर्धा के शीतला वार्ड से पार्षद बने। 1989 से 1992 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के पहली बार विधायक निर्वाचित हुए जिसके बाद 1993, 2004, 2008, 2013 एवं 2018 में छठवीं बार विधायक निर्वाचित हुए। 1999 में रमन सिंह पहली बार सांसद निर्वाचित हुए। वे प्रदेश मंत्री भाजपा मध्यप्रदेश के समय रहे। 1999 में वे राजनांदगांव से पहली बार विधायक चुने गए। 1999 से 2003 तक वे राज्य मंत्री भारत शासन केंद्रीय वाणिज्य उद्योग राज्य मंत्री रहे। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने उनकी योग्यता को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी थी। 2002 से 2003 तक वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ रहे। इस दौरान उन्होंने राज्य में भाजपा की सरकार लाने में अथक मेहनत की। 2003 में रमन सिंह पहली बार मुख्यमंत्री चुने गए। वे 2004 से 2019 तक सदस्य कार्यमंत्रणा समिति सामान्य प्रयोजन समिति आचरण समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे। 2008 से 2013 तक वे दूसरी बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने। 2013 से 2018 तक वे तीसरी बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे। उनके पास सामान्य प्रशासन, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, विमानन, खनिज साधन, ऊर्जा, वाणिज्य एवं उद्योग, विधि विधाई कार्य,खेल, वन, सार्वजनिक उपक्रम, जन शिकायत निवारण, श्रम विभाग का भी प्रभार रहा था। 2014–2015 में वे पदेन सदस्य छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे। 2019–2021 तक वे सदस्य कार्यमंत्रणा समिति रहे। 1993 से 1998 तक विधायक रहने के दौरान उन्होंने विधानसभा की पुस्तक विधायनी के संपादन का भी दायित्व सम्हाला।

केंद्रीय मंत्री के रूप में रमन सिंह ने इजरायल, दुबई, नेपाल व फिलिस्तीन में लगे उद्योग मेलों में गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व किया। इंडो अमेरिकन कम्युनिटी ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका और छत्तीसगढ़ एनआरआई संगठन ने डॉक्टर रमन सिंह को आउटस्टैंडिंग परसों सम्मान से सम्मानित किया। 3 फरवरी 2008 को भारत के मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने पुणे में एक भव्य समारोह में रमन सिंह को भारत अस्मिता श्रेष्ठ जनप्रतिनिधि सम्मान से भी सम्मानित किया। उन्हें 10 जनवरी 2019 को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जवाबदारी सौंपी गई।

रमन सिंह राजनांदगांव जिले की राजनांदगांव विधानसभा से विधायक चुने गए हैं। राजनांदगांव विधानसभा अनारक्षित सीट है, जिसे विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 75 के नाम से जाना जाता है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 197661 है। जिसमें से 155901 (78.87%) मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा के प्रत्याशी रमन सिंह को 80589 (51.69%) वोट मिले। जबकि कांग्रेस की प्रत्याशी करुणा शुक्ला को 63656 (40.83%) वोट मिले।

डॉ रमन सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी वह खनिज विकास निगम के अध्यक्ष रहे गिरीश देवांगन चुनाव लड़ रहे थे। रमन सिंह ने उन्हें 45084 वोटो से हराया है। राजनांदगांव विधानसभा में 166468 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डॉ रमन सिंह को 102499 वोट मिले वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन को 57415 वोट मिले। नोटा को 995 वोट मिले। यहां कुल उम्मीदवार 29 थे।

राजनांदगांव विधानसभा में भाजपा की प्रत्याशी रमन सिंह ने जीत के अंतर का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वोटो के हिसाब से देखा जाए तो यह पहली बार है कि किसी प्रत्याशी ने राजनांदगांव विधानसभा से 1 लाख से भी अधिक वोट पाया है। यहां हार जीत का अंतर लगाते हुए कहा जा रहा था कि पिछली बार से जीत का अंतर कम रहेगा। पर रमन सिंह ने दुगने से ज्यादा वोटो से लीड ली।

हाई प्रोफाइल राजनांदगांव विधानसभा की 223 बूथ में से 201 बूथ में भाजपा ने जीत दर्ज की है। जिन 22 बूथों में कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन को बढ़त मिली है। उसमें भी 1600 वोटो के मामूली अंतर से बढ़त मिली है। 223 बूथों में से 123 बूथ शहरी क्षेत्र में थे। शहर में 96 व ग्रामीण में 82 बूथों में रमन आगे रहे। कर्जमाफी भी ग्रामीण मतदाताओं को नही बदल सकी।

यहां रमन सिंह की लीड बढ़ने का कारण कांग्रेस के जो नेता टिकट की दौड़ में थे उनकी निष्क्रियता भी माना जा रहा है। महापौर हेमा देशमुख के वार्ड, युवा आयोग के अध्यक्ष जितेंद्र मुदलियार के वार्ड व कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा के वार्ड में कांग्रेस को हार मिली। अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष हफीज खान के वार्ड के तीन में से दो बूथ कांग्रेस हारी है। ग्रामीण जिला अध्यक्ष भागवत साहू के गांव के वार्ड टेडेसरा में कांग्रेस सभी बूथों में हारी है।

2008 की विधानसभा चुनाव में रमन सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी उदय मुदलियार को 32389 वोट से हराया था। 2013 के विधानसभा चुनाव में अल्का मुदलियार को 35866 वोट से हराया था। 2018 में लीड कम हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी करुणा शुक्ला को 16933 वोटो से हराया। इस बार 2023 में गिरीश देवांगन को 45084 वोटो से हराकर चौथी बार विधायक बने। चौथी बार चुनाव मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में भी है।

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