CG में खाद संकट की आहट: कांग्रेस प्रवक्ता का आरोप- पहले ही 45% की कटौती की थी, अब सप्लाई भी बाधित की जा रही

Update: 2022-05-31 13:38 GMT

रायपुर, 31 मई 2022। मानसून के साथ ही खरीफ सीजन में खेती-किसानी की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन कांग्रेस ने खाद सप्लाई बाधित होने पर चिंता जताई है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार ने राज्य की 7.50 लाख टन रासायनिक खाद की मांग पर पहले ही 45 प्रतिशत की कटौती कर दी थी, अब खरीफ सीजन में भी नियमित सप्लाई बाधित की जा रही है। आरपी ने आरोप लगाया कि खाद आपूर्ति के लिए रेलवे का रैक नहीं दिया जा रहा है।

बता दें कि रासायनिक खाद का उत्पादन और वितरण केंद्र सरकार का दायित्व है। आरपी ने कहा कि भाजपाई स्थानीय गोठानों में छत्तीसगढ़ के ही महिला स्व-सहायता समूह की बहनों द्वारा निर्मित वर्मी कंपोस्ट का विरोध कर छत्तीसगढ़िया और महिला विरोधी चरित्र को प्रदर्शित कर रहे हैं। एक तरफ रासायनिक खाद की सप्लाई बाधित कर रहे हैं, दूसरी ओर भ्रम पैदा कर वर्मी कंपोस्ट और जैविक खेती के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। मोदी सरकार ने 35 हजार करोड़ की कटौती की थी। खाद्य सब्सिडी और मनरेगा जैसे लोक कल्याणकारी योजनाओं के बजट में प्रत्येक वर्ष लगभग 25 से 35 प्रतिशत की कटौती की जा रही है लेकिन भाजपा नेता मोदी सरकार के द्वारा लगातार किए जाने वाले उक्त कटौती का आधार पूछने का साहस नहीं जुटा पाए।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि खरीफ 2022 हेतु कुल मांग 13.70 लाख टन का अनुमोदन भारत सरकार द्वारा दिया गया है। इसमें से यूरिया 6.50 लाख टन, डीएपी 3 लाख टन, पोटास 80000 टन, एनपीके 1.10 लाख टन व सुपर फास्फेट 2.30 लाख टन है। माह अप्रैल एवं मई 2022 में राज्य को यूरिया की कुल आपूर्ति 3.29 लाख टन होनी थी लेकिन केवल 2.20 लाख टन यूरिया ही प्राप्त हुआ। यूरिया के वितरण का संपूर्ण नियंत्रण भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यूरिया की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरुद्ध 62 प्रतिशत है। राज्य में एनपीके की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरूद्ध 30 प्रतिशत, डीएपी की उपलब्धता 39 प्रतिशत, पोटास की उपलब्धता 35 प्रतिशत है।

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