Congress MLA Vikram Mandavi Biography in Hindi: कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी का जीवन परिचय...

Congress MLA Vikram Mandavi Biography:– विक्रम मंडावी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत कर बीजापुर विधानसभा से दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी महेश गागड़ा को 2706 वोटो से चुनाव हराया है। 2018 में भी उन्होंने भाजपा के महेश गागड़ा को ही चुनाव हराया था। वे उपाध्यक्ष बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण भी रहें है।

Update: 2023-12-30 16:18 GMT

Congress MLA Vikram Mandavi Biography in Hindi: विक्रम मंडावी बीजापुर विधानसभा से दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए है। वे कांग्रेस की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री रहें महेश गागड़ा को 2706 मतों के अंतर से हराया है।

विक्रम मंडावी का जन्म 19 नवंबर 1977 को बीजापुर जिले के फरसेगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम स्व. भीम शाह मंडावी के साथ हुआ है। विक्रम मंडावी ने हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा उत्तीर्ण की है। उनका व्यवसाय कृषि है। विक्रम मंडावी का विवाह 4 फरवरी 2005 को किरण मंडावी के साथ हुआ। उनके एक पुत्र व एक पुत्री है।

विक्रम मंडावी ग्राम व पोस्ट भैरमगढ़ जिला बाजरपारा तहसील भैरमगढ़ जिला बीजापुर के रहने वाले है। उन्हें खेल व ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण पसंद है।

सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का परिचय:–

विक्रम मंडावी सामाजिक आदिवासी समाज, कोया समाज एवं क्रीड़ा समिति से संबद्ध है। वे अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी बीजापुर (2013–2018) रहें है।

विक्रम मंडावी 2018 में पहली बार विधायक हेतु निर्वाचित हुए। उन्होंने भाजपा के सिटिंग विधायक व मंत्री महेश गागड़ा को लगभग 22 हजार वोटो से चुनाव हराया था। वे 2019 से 2021 तक सदस्य स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे। 2020 में उपाध्यक्ष बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण बने।

2023 के चुनाव की कहानी:–

बीजापुर विधानसभा में कुल 81515 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। कांग्रेस के विक्रम मंडावी को 35739 वोट मिले। भाजपा के प्रत्याशी महेश गागड़ा को 33033 वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम मंडावी ने 2706 वोटो के अंतर से जीत हासिल की। इस विधानसभा में नोट तीसरे नंबर पर रहा। नोटा की 3628 वोट मिले। बीजापुर में कुल 9 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे।

विक्रम मंडावी पूरे पांच साल क्षेत्र में सक्रिय रहें। ग्रामीण अंचलों का लगातार दौरा करते रहें और समाजिक, क्षेत्रीय कार्यक्रमों में शामिल होते रहें। उनकी मिलनसार छवि जनता को पसंद आई। पहली बार 2018 में विक्रम मंडावी ने मंत्री रहें महेश गागड़ा को चुनाव हराया था। पर वे 2018 में पहली बार चुनाव जीतने के चलते मंत्री नहीं बन सके थे। इसलिए इस बार विधानसभा के मतदाताओं को उम्मीद थी कि चुनाव जीतने और कांग्रेस की सरकार रिपीट होने पर विक्रम मंडावी मंत्री बनेंगे। इसलिए उनको धड़ाधड़ वोट पड़े। जबकि महेश गागड़ा चुनाव हारने के बाद निष्क्रिय हो गए थे। सीधे चुनाव के दौरान टिकट मिलने पर पांच साल बाद सक्रिय हुए। यही उनके हार का कारण बनी।

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